पितृपक्ष में जन्मे बच्चों का व्यक्तित्व कैसा होता है? जानें ज्योतिष शास्त्र में छिपे कई राज 

पितृपक्ष में जन्मे बच्चों का व्यक्तित्व कैसा होता है? जानें ज्योतिष शास्त्र में छिपे कई राज 

Pitru Paksha Birth Effects | ऐसा कहा जाता है कि यदि किसी बच्चे का जन्म पितृपक्ष के 16 दिनों के दौरान होता है, तो ज्योतिष शास्त्र में इसे विशेष महत्व दिया जाता है। ऐसे बच्चों का स्वभाव गंभीर, जिम्मेदार और पारिवारिक परंपराओं से जुड़ा हुआ हो सकता है। आइए यहां आपको बताते हैं ऐसे बच्चों की पर्सनैलिटी से जुड़ी कुछ बातें। बहुत से लोगों का मानना है कि ऐसे बच्चे जिनका जन्म पितृपक्ष के दौरान होता है वो परिवार के लिए कुछ नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। दरअसल, ज्योतिष की मानें तो इस अवधि में जन्मे बच्चे हमारे पूर्वजों का प्रतिनिधित्व करते हैं और हमारे लिए बहुत ही शुभ संकेत लेकर आते हैं। इन बच्चों के बारे में ऐसी धारणा होती है कि ये कोई भी पूर्वजहो सकते हैं। किसी अधूरी इच्छा को पूरा करने के लिए ही ऐसे पितर घर में बच्चे के रूप में जन्म लेते हैं और ऐसे बच्चों पर पूर्वजों की भरपूर कृपा होती है। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया से जानें उन बच्चों के व्यक्तित्व के बारे में जिनका जन्म पितृपक्ष की अवधि के दौरान हुआ हो। Pitru Paksha Birth Effects

पितृपक्ष में जन्म लेने का कारण

ऐसा माना जाता है कि जिन बच्चों का जन्म पितृपक्ष के दौरान होता है दरअसल वो पिछले जन्म में मृत्यु के बाद जब देवलोक में जाते हैं तब उनसे पूछा जाता है कि वो क्या चाहते हैं तो वो पुनः अपने ही घर में जन्म लेने की इच्छा प्रकट करते हैं। कभी कभी आकस्मिक जिसकी मृत्यु हो जाती है या कम उम्र में ही मृत्यु हो जाती है उसके मन में बहुत सारी इच्छाएं होती हैं और मन में वो सब चीज़े नहीं कर पाते हैं उससे पहले उनकी मृत्यु हो जाती है। अपनी उसी इच्छा को पूरा करने के लिए वो पुनः उसी कुल में जन्म लेते हैं। ऐसे बच्चों का व्यक्तित्व थोड़ा अलग होता है।

परिवार से रखते हैं लगाव

जिन बच्चों का जन्म पितृपक्ष के दौरान होता है वो अपने परिवार के साथ बहुत अधिक लगाव रखते हैं। बड़े होने पर भी इनका ये प्रेम और लगाव कम नहीं होता है और वो हमेशा परिवार के लोगों को अहमियत देते हैं। ये लोग किसी भी परिस्थिति में अपने परिवार का साथ नहीं छोड़ते हैं। कई बार इनका ये स्वभाव इन्हें होम सिक भी बना देता है।

दिमाग से बहुत तेज होते हैं ऐसे बच्चे

पितृ पक्ष में जो बच्चे जन्म लेते हैं वो अन्य बच्चों की तुलना में बहुत ही तेज दिमाग के होते हैं। ये बच्चे अपनी उम्र के अनुसार कई ऐसी बातें भी जानने लगते हैं जो उनसे काफी बड़ी उम्र केलोगों को पता होती है। इनका दिमाग हर बात को अलग तरीके से सोचता है और उस पर ही अमल करता यही। 10 साल के बच्चे का अनुभव ऐसा रहेगा जैसे वो 50 साल का हो।

इन बच्चों को मिलता है बुजुर्गों का आशीर्वाद

पितृपक्ष के दिनों में जन्म लेने वाले बच्चों को हमेशा परिवार के लिए शुभ माना जाता है। इन बच्चों पर हमेशा पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहता है। ये बच्चे कुछ विशेष गुणों से युक्त होते हैं। ऐसे बच्चे बहुत क्रिएटिव होते हैं और इनकी बौद्धिक क्षमता अन्य बच्चों की तुलना में बेहतर होती है। ऐसे बच्चे बहुत ज्यादा आत्मविश्वासी होते है। इनके गुण परिवार के किसी पितर से मिलते-जुलते भी हो सकते हैं। ये अपने जीवन में बहुत नाम कमाते हैं और कभी भी पीछेमुड़कर नहीं देखते हैं।ऐसा ही होता हैपितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चों का स्वभाव, यदि आपके बच्चे का जन्म भी इस अवधि में हुआ है तो ये उसकी पर्सनैलिटी हो सकती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। Pitru Paksha Birth Effects

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पितृपक्ष में जन्म लेने वाले बच्चों का महत्व और विशेषताएं

पितृपक्ष, हिंदू धर्म में एक विशेष अवधि है, जो पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का समय माना जाता है। इस दौरान जन्म लेने वाले बच्चों को लेकर कई मान्यताएं और विश्वास प्रचलित हैं। ऐसा माना जाता है कि पितृपक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे अपने पिछले जन्म की अधूरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए पुनर्जन्म लेते हैं। यह लेख पितृपक्ष में जन्म लेने वाले बच्चों के कारण, स्वभाव, और विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डालता है।

पितृपक्ष में जन्म का आध्यात्मिक कारण

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जब कोई आत्मा मृत्यु के बाद देवलोक में जाती है, तो उसे अपनी अगली यात्रा के लिए विकल्प चुनने का अवसर मिलता है। कई बार, जिन लोगों की मृत्यु कम उम्र में या आकस्मिक रूप से हो जाती है, उनके मन में कई अधूरी इच्छाएं और आकांक्षाएं रह जाती हैं। ऐसी आत्माएं अपनी उन इच्छाओं को पूरा करने के लिए उसी कुल या परिवार में पुनर्जन्म लेना चुनती हैं। पितृपक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे अक्सर अपने पूर्वजों के साथ गहरे आध्यात्मिक संबंध रखते हैं और ऐसा माना जाता है कि वे अपने परिवार के लिए विशेष उद्देश्य लेकर जन्म लेते हैं।

ये बच्चे अपने पिछले जन्म के अनुभवों और ज्ञान को सूक्ष्म रूप से अपने साथ लाते हैं, जिसके कारण उनका व्यक्तित्व और व्यवहार सामान्य बच्चों से भिन्न होता है। यह भी कहा जाता है कि पितृपक्ष में जन्म लेने वाले बच्चों पर उनके पूर्वजों का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है, जो उनके जीवन को समृद्ध और सार्थक बनाता है।

परिवार के प्रति गहरा लगाव

पितृपक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे अपने परिवार के साथ असाधारण रूप से गहरा लगाव रखते हैं। ये बच्चे बचपन से ही अपने माता-पिता, भाई-बहन और अन्य परिवारजनों के प्रति विशेष स्नेह और समर्पण दिखाते हैं। बड़े होने पर भी यह लगाव कम नहीं होता; बल्कि, यह और गहरा हो जाता है। ये बच्चे अपने परिवार को हर परिस्थिति में प्राथमिकता देते हैं और किसी भी कठिनाई में उनका साथ नहीं छोड़ते।

कई बार, इनका यह गहरा लगाव उन्हें “होमसिक” (घर की याद से व्याकुल) भी बना सकता है। चाहे वे कितने ही बड़े हो जाएं या दुनिया के किसी भी कोने में चले जाएं, उनका दिल हमेशा अपने परिवार और जड़ों की ओर खिंचता है। यह स्वभाव उन्हें परिवार के लिए एक मजबूत आधार बनाता है, और वे अपने परिवार की एकता और खुशी के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं।

असाधारण बौद्धिक क्षमता और तेज दिमाग

पितृपक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे बौद्धिक रूप से असाधारण होते हैं। इनका दिमाग सामान्य बच्चों की तुलना में अधिक तेज और विश्लेषणात्मक होता है। ये बच्चे अपनी उम्र से कहीं अधिक परिपक्व सोच रखते हैं और ऐसी बातें समझने लगते हैं, जो आमतौर पर बड़े लोगों के लिए सामान्य होती हैं। उदाहरण के लिए, एक 10 साल का बच्चा ऐसी गहरी और समझदारी भरी बातें कर सकता है, जो 50 साल के अनुभवी व्यक्ति की तरह प्रतीत हो। Pitru Paksha Birth Effects

इन बच्चों का दिमाग हर स्थिति को अलग और रचनात्मक दृष्टिकोण से देखता है। ये न केवल समस्याओं का समाधान खोजने में निपुण होते हैं, बल्कि अपने विचारों को अमल में लाने में भी कुशल होते हैं। इनकी यह खासियत उन्हें पढ़ाई, करियर और जीवन के अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ने में मदद करती है। Pitru Paksha Birth Effects

रचनात्मकता और आत्मविश्वास

पितृपक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे जन्मजात रचनात्मक होते हैं। इनमें कला, लेखन, संगीत, या किसी अन्य रचनात्मक क्षेत्र में विशेष प्रतिभा देखने को मिल सकती है। इनकी बौद्धिक क्षमता और रचनात्मकता का संयोजन इन्हें अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट बनाता है। इसके साथ ही, ये बच्चे आत्मविश्वास से भरे होते हैं। ये अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और कभी भी हार नहीं मानते।

इन बच्चों के गुण कभी-कभी परिवार के किसी पूर्वज से मिलते-जुलते होते हैं, जिसे एक आध्यात्मिक संकेत माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ये बच्चे अपने पूर्वजों की कुछ विशेषताओं को अपने व्यक्तित्व में समाहित करते हैं, जो उन्हें और भी खास बनाता है। Pitru Paksha Birth Effects

पूर्वजों का आशीर्वाद और शुभता

पितृपक्ष में जन्म लेने वाले बच्चों को परिवार के लिए शुभ माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इन बच्चों पर पूर्वजों का विशेष आशीर्वाद होता है, जो इन्हें जीवन में सफलता और समृद्धि प्रदान करता है। ये बच्चे अपने परिवार के लिए सौभाग्य और खुशहाली लाते हैं। इनके जन्म से परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और ये अपने परिवार के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनते हैं। Pitru Paksha Birth Effects

ये बच्चे न केवल अपने परिवार बल्कि समाज में भी अपनी छाप छोड़ते हैं। इनके कार्य और उपलब्धियां अक्सर दूसरों के लिए प्रेरणादायक होती हैं। ये अपने जीवन में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखते और हमेशा आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं। Pitru Paksha Birth Effects


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