भोपाल की सरकारी फूड टेस्टिंग लेब बंद, सैंपल जाँच रुकी

भोपाल की सरकारी फूड टेस्टिंग लेब बंद, सैंपल जाँच रुकी

MP News | मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित एकमात्र सरकारी राज्य खाद्य प्रयोगशाला (स्टेट फूड लैब) पिछले चार महीनों से बंद पड़ी है, जिसके कारण प्रदेश भर से भेजे गए खाद्य नमूनों की जांच रुकी हुई है। उज्जैन जिले से भेजे गए लगभग 150 नमूनों सहित पूरे प्रदेश के 5,000 से अधिक सैंपलों की रिपोर्ट अटकी हुई है। इसका मुख्य कारण लैब का नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीज (NABL) सर्टिफिकेशन न मिल पाना है, जिसके बिना लैब सैंपलों की जांच और रिपोर्ट जारी नहीं कर सकती। इस स्थिति ने त्योहारी सीजन में मिलावटखोरों को खुली छूट दे दी है, जिससे मिलावट का कारोबार बेरोकटोक चल रहा है। MP News

NABL सर्टिफिकेशन की कमी से रुका काम

खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम (FSSAI) के तहत सभी सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं के लिए NABL सर्टिफिकेशन अनिवार्य है। भोपाल की स्टेट फूड लैब ने 2023 में यह सर्टिफिकेशन प्राप्त किया था, जिसकी दो साल की वैधता मई 2025 में समाप्त हो गई। इसके बाद से लैब में सैंपल जांच की प्रक्रिया तो जारी है, लेकिन रिपोर्ट्स जारी करना बंद है। लैब अधिकारियों के अनुसार, सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन समय पर किया गया था और NABL द्वारा ऑडिट भी पूरा हो चुका है, लेकिन सर्टिफिकेशन अभी तक नहीं मिला। कुछ सूत्रों का कहना है कि आवेदन में देरी या ऑडिट के दौरान पाई गई कमियों के कारण यह देरी हुई हो सकती है। MP News

उज्जैन ने लिखा पत्र, कार्रवाई में बाधा

उज्जैन के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने हाल ही में भोपाल लैब को पत्र लिखकर अटकी हुई सैंपल रिपोर्ट्स जल्द जारी करने की मांग की है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिना रिपोर्ट्स के मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है, जिससे खाद्य सुरक्षा पर असर पड़ रहा है। लैब ने आश्वासन दिया है कि सर्टिफिकेशन मिलते ही सभी पेंडिंग रिपोर्ट्स जारी कर दी जाएंगी। हालांकि, केवल प्राथमिकता वाले सैंपलों की रिपोर्ट्स ही अभी जारी की जा रही हैं। MP News

NABL ऑडिट की सख्त प्रक्रिया

NABL सर्टिफिकेशन के लिए ऑडिट प्रक्रिया बेहद सख्त होती है। ऑडिट में लैब की हर छोटी-बड़ी गतिविधि की जांच की जाती है, जैसे:

  • रसायनों का उपयोग और उनकी मात्रा का हिसाब।

  • मशीनों और उपकरणों का कैलिब्रेशन।

  • बिजली बिल और उपकरणों के रखरखाव का रिकॉर्ड।

  • सैंपल जांच की प्रक्रिया और उसकी सटीकता।

यदि ऑडिट में कोई कमी पाई जाती है, तो सर्टिफिकेशन निलंबित या निरस्त हो सकता है। भोपाल लैब के मामले में ऑडिट तो हो चुका है, लेकिन सर्टिफिकेशन में देरी के कारण सैंपल जांच की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

मिलावटखोरों को त्योहारी सीजन में खुली छूट

मई 2025 से सैंपल रिपोर्ट्स जारी न होने के कारण त्योहारी सीजन में मिलावटखोरों को खुली छूट मिल गई है। उज्जैन, इंदौर सहित पूरे मध्य प्रदेश में मिलावट का कारोबार बेरोकटोक चल रहा है। सामान्य तौर पर, समय पर जांच रिपोर्ट मिलने पर मिलावटखोरों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाती है, जैसे जुर्माना लगाना या कानूनी कदम उठाना। लेकिन वर्तमान स्थिति में, अधिकारियों के पास सैंपल रिपोर्ट्स न होने के कारण कोई ठोस कदम उठाने का आधार नहीं है। इससे खाद्य सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं बढ़ रही हैं।

लैबअधिकारियों का कहना है कि जैसे ही NABL सर्टिफिकेशन प्राप्त हो जाएगा, पेंडिंगसैंपल रिपोर्ट्स को प्राथमिकता के आधार पर जारी किया जाएगा। हालांकि, इस देरी ने खाद्य सुरक्षा तंत्र की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि मध्य प्रदेश में केवल एक सरकारी लैब होने के कारणसैंपल जांच में पहले से ही दबाव रहता है, और सर्टिफिकेशन की कमी ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है। भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए लैब की क्षमता बढ़ाने और अतिरिक्त सरकारी प्रयोगशालाओं की स्थापना की आवश्यकता है।


यह भी पढ़ें…
पाँचवीं व आठवीं की परीक्षा में बड़े उत्तर वाले सवाल होंगे कम, राज्य शिक्षा केंद्र ने शैक्षणिक सत्र के लिए अंक योजना जारी की

Leave a Comment

अहान पांडे कौन हैं? साउथ के मशहूर विलेन कोटा श्रीनिवास का निधन Kota Srinivasa Rao death news शर्मनाक जांच! ठाणे के स्कूल में छात्राओं के कपड़े उतरवाए गए अर्चिता फुकन और Kendra Lust की वायरल तस्‍वीरें! जानिए Babydoll Archi की हैरान कर देने वाली कहानी बाइक और स्कूटर चलाने वालों के लिए बड़ी खबर! Anti-Lock Braking System लो हो गया पंचायत सीजन 4 रिलीज, यहां देखें