भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना 2026-27: एप के जरिए परिवार खुद भरेंगे जानकारी, प्रशासन ने शुरू की तैयारियाँ

भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना 2026-27: एप के जरिए परिवार खुद भरेंगे जानकारी, प्रशासन ने शुरू की तैयारियाँ

Digital Census 2026-27 | उज्जैन। देश में पहली बार साल 2026-27 में डिजिटल जनगणना आयोजित की जाएगी। इसके लिए जनगणना निदेशालय एक विशेष मोबाइल एप लॉन्च करने की तैयारी में है, जो एंड्रॉइड और आईफोन दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा। इस एप के माध्यम से परिवार का मुखिया अपने घर और परिवार की जानकारी स्वयं दर्ज कर सकेगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में जनगणना की तैयारियाँ जोरों पर शुरू हो गई हैं। Digital Census 2026-27

दो चरणों में होगी जनगणना

जनगणना 2026 और 2027 में दो चरणों में पूरी की जाएगी।

  • पहला चरण: 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा, जिसमें मकानों की गिनती और संबंधित जानकारी एकत्र की जाएगी।

  • दूसरा चरण: 1 फरवरी 2027 से शुरू होगा, जिसमें जनसंख्या, जाति, और अन्य आवश्यक विवरण जैसे रोजगार, पारिवारिक स्थिति और संपत्ति की जानकारी जुटाई जाएगी।

इसके लिए 16 जून 2024 को सरकार ने आधिकारिक अधिसूचना जारी की थी। जनगणना प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए कर्मचारियों की भर्ती शुरू हो चुकी है। इन कर्मचारियों को तीन स्तरों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा:

  1. राष्ट्रीय ट्रेनर: राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण।

  2. मास्टर ट्रेनर: राज्य और जिला स्तर पर प्रशिक्षण।

  3. फील्ड ट्रेनर: स्थानीय स्तर पर कर्मचारियों को तैयार करेंगे।

डिजिटल एप से आसान होगी प्रक्रिया

जनगणना के लिए तैयार किया जा रहा मोबाइल एप परिवारों को अपनी जानकारी स्वयं दर्ज करने की सुविधा देगा। इसके लिए एक विस्तृत प्रश्नावली (क्वेस्चनेर) तैयार की जा रही है, जिसमें निम्नलिखित जानकारियाँ शामिल होंगी:

  • परिवार के प्रत्येक सदस्य का नाम और पारिवारिक स्थिति।

  • घर और संपत्ति का विवरण।

  • रोजगार और अन्य आवश्यक जानकारी।

गड़बड़ी से बचने के लिए एक क्रॉस-चेक प्रणाली भी लागू की जाएगी। जनगणना कर्मचारी घर-घर जाकर डिजिटल फॉर्म में दर्ज जानकारी की जाँच करेंगे ताकि कोई त्रुटि न रहे।

प्रत्येक कर्मचारी को 150-175 मकानों की जिम्मेदारी

इस बार जनगणना डिजिटल होने के कारण पहले की तुलना में कम समय में पूरी होगी। प्रत्येक जनगणना कर्मचारी को 150 से 175 मकानों का सर्वेक्षण करना होगा। कर्मचारियों को डिजिटल फॉर्मेट में डेटा दर्ज करना होगा। सर्वेक्षण के बाद डेटा को राज्य स्तर पर संकलित किया जाएगा और फिर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

पहले क्यों टली जनगणना?

भारत में आखिरी जनगणना 2011 में हुई थी। 2021 में होने वाली जनगणना को कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था। 2019 में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत 36 राज्यों के 76 जिलों में 26 लाख से अधिक लोगों को शामिल किया गया था। इस ट्रायल में मकानों की जानकारी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) से संबंधित सवाल पूछे गए थे। एनपीआर को पहली बार 2010 में तैयार किया गया था और इसे 2015-16 में अपडेट किया गया था।

प्रशासन की तैयारियाँ जोरों पर

प्रशासन ने जनगणना को पूरी तरह पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के लिए गाँवों और शहरों को छोटे-छोटे हिस्सों (एन्यूमरेशन ब्लॉक) में बाँटा है। प्रत्येक हिस्से के लिए एक कर्मचारी नियुक्त होगा, ताकि कोई भी घर या व्यक्ति गिनती से न छूटे। यह डिजिटल जनगणना न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि डेटा की सटीकता को भी बढ़ाएगी। Digital Census 2026-27


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