27 अक्टूबर तक तुला राशि में मंगल गोचर, वृष- सिंह-धनु को लाभ
Mangal Gochar 2025 | 21 सितंबर 2025: ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को साहस, शक्ति और कर्म का कारक माना जाता है। वर्तमान में मंगल तुला राशि में गोचर कर रहा है और 27 अक्टूबर 2025 तक यह गोचर सभी 12 राशियों को प्रभावित करेगा। गोचर ज्योतिष के अनुसार, मंगल का शुभ स्थानों (तृतीया, छठा, एकादश) में भ्रमण शत्रुनाश, स्वास्थ्य, सुख, संपत्ति और सम्मान दिलाता है, जबकि अशुभ स्थानों (प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, सप्तम, अष्टम, नवम, द्वादश) में यह चिंता, विवाद और रोग भय दे सकता है। आइए जानते हैं मंगल गोचर का राशियों पर प्रभाव और उपाय। Mangal Gochar 2025
मंगल गोचर का राशियों पर प्रभाव
मंगल का गोचर व्यक्ति की जन्म राशि और कुंडली में मंगल की स्थिति के आधार पर शुभ-अशुभ फल देता है। वर्तमान गोचर के प्रभाव इस प्रकार हैं:
शुभ प्रभाव वाली राशियाँ
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वृष राशि: मंगल का गोचर छठे भाव में होने से शत्रुओं पर विजय, स्वास्थ्य में सुधार और कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी। संपत्ति और वस्त्रों का लाभ भी संभव है।
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सिंह राशि: एकादश भाव में मंगल गोचर से आर्थिक लाभ, सामाजिक मान-सम्मान और श्रेष्ठजनों की कृपा प्राप्त होगी।
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धनु राशि: तृतीया भाव में मंगल साहस और पराक्रम बढ़ाएगा। छोटी यात्राओं से लाभ और शत्रुनाश होगा।
मध्यम प्रभाव वाली राशि
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मकर राशि: दशम भाव में मंगल दिग्बली होता है, जिससे संघर्ष के साथ कार्यक्षेत्र में उन्नति और सफलता मिलेगी। यदि कुंडली में मंगल योगकारक है, तो परिणाम और बेहतर होंगे।
अशुभ प्रभाव वाली राशियाँ
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मेष, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, कुंभ, मीन: इन राशियों के लिए मंगल का गोचर प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, सप्तम, अष्टम, नवम या द्वादश भाव में होने से रोग, चिंता, विवाद, शत्रु वृद्धि या अनावश्यक यात्राओं का सामना करना पड़ सकता है।
मंगल गोचर का महत्व
ज्योतिष के अनुसार, मंगल का शुभ गोचर शत्रुओं पर विजय, स्वास्थ्य, संपत्ति और सुख प्रदान करता है। दशम भाव में मंगल की दिग्बल स्थिति कर्मक्षेत्र में सफलता दिलाती है, भले ही कुछ संघर्ष हो। हालांकि, अशुभ गोचर रोग, विवाद और चिंता का कारण बन सकता है। लाभ की मात्रा व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल की स्थिति पर निर्भर करती है।
मंगल की अशुभता दूर करने के उपाय
पितृ पक्ष के दौरान मंगल की अशुभता को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय लाभकारी हैं:
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गाय को गुड़ खिलाएँ: मंगल की शांति के लिए गाय को गुड़ खिलाना विशेष फलदायी है। यह साहस बढ़ाता है और चोट-चपेट से सुरक्षा देता है।
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लाल वस्तुओं का दान: पितृ पक्ष की अमावस्या (21 सितंबर 2025) को लाल वस्तुएँ जैसे सेब, अनार, गुड़, जलेबी या लाल वस्त्र का दान करें।
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पितरों का स्मरण: पितृ पक्ष में पितरों को याद करते हुए तर्पण और श्राद्ध करें। यह मंगल के अशुभ प्रभाव को कम करता है।
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महादशा-अंतर्दशा के अनुसार उपाय: अपनी जन्मपत्री के आधार पर ज्योतिषी से सलाह लेकर उपाय करें।
पितृ पक्ष और मंगल गोचर का विशेष संयोग
पितृ पक्ष के दौरान मंगल गोचर का प्रभाव और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। अमावस्या के दिन दान और पितरों के लिए कर्म करने से मंगल की शुभता बढ़ती है और अशुभ प्रभाव कम होता है। यह समय साहस, शक्ति और कर्म में प्रगति के लिए उपाय करने का उत्तम अवसर है।
मंगलगोचर 2025 के इस प्रभावको समझकर उचितउपाय करें और अपने जीवन में सुख-समृद्धि कालाभ उठाएँ।
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।