मध्य प्रदेश में सोयाबीन किसानों के लिए 10 अक्टूबर से शुरू होगा भावांतर योजना का पंजीयन, सरकार करेगी घाटे की भरपाई
Bhawantar Yojna Registration | मध्य प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोयाबीन के लिए भावांतर योजना लागू करने की घोषणा की है, और अब पंजीयन की तारीख भी तय कर दी गई है। इस योजना के तहत 10 अक्टूबर 2025 से ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन शुरू होगा, जो 25 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। सरकार ने कहा है कि यदि सोयाबीन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम कीमत पर बिकता है, तो घाटे की भरपाई इस योजना के माध्यम से की जाएगी। Bhawantar Yojna Registration
मुख्यमंत्री के निर्देश: किसानों को मिले सही मूल्य
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि वे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए, और हितग्राहियों को सीधा लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से भावांतर योजना पूरी तरह सफल होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी जोड़ा कि किसानों का कल्याण मध्य प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की भूमिका
मुख्यमंत्री ने जिला स्तर पर प्रशासनिक अमले को इस योजना को लागू करने का दायित्व सौंपा है। उन्होंने निर्देश दिए कि योजना की विशेषताओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें। साथ ही, सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों से अपील की गई है कि वे सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से योजना का प्रचार करें। डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5328 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, और मध्य प्रदेश सरकार किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
पंजीयन और योजना की अवधि
भावांतर योजना के लिए पंजीयन 10 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 25 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। योजना की अवधि 1 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक रहेगी। पंजीकृत किसानों और उनके रकबे का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा। भावांतर की राशि किसानों के पंजीयन के समय दर्ज बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से सीधे हस्तांतरित की जाएगी।
भावांतर योजना की मुख्य विशेषताएं
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लागू होने का समय: वर्ष 2018-19 से प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत तिलहनी फसलों के लिए लागू।
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उद्देश्य: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और मंडी के मॉडल भाव/विक्रय मूल्य के बीच के अंतर की राशि किसानों को प्रदान करना।
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प्रक्रिया:
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किसान अपनी उपज को मंडियों में बेचेंगे।
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यदि उपज का विक्रय मूल्य MSP (5328 रुपये प्रति क्विंटल) से कम है, तो अंतर की राशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में हस्तांतरित की जाएगी।
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उदाहरण: यदि मॉडल भाव 4600 रुपये प्रति क्विंटल है, तो 5328 – 4600 = 628 रुपये प्रति क्विंटल की भावांतर राशि दी जाएगी।
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यदि विक्रय मूल्य MSP से कम लेकिन मॉडल प्राइस के बराबर है, तब भी भावांतर राशि दी जाएगी।
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यदि विक्रय मूल्य मॉडल प्राइस से भी कम है, तो MSP और मॉडल प्राइस के अंतर की राशि प्रदान की जाएगी।
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पंजीयन: ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन अनिवार्य।
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लाभ: हर स्थिति में किसानों का लाभ सुनिश्चित।
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अवधि: 1 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक।
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सत्यापन: राजस्व विभाग द्वारा रकबे और पंजीयन का सत्यापन।
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भुगतान: भावांतर राशि सीधे किसान के बैंक खाते में।
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।