डायबिटीज से पैरों में जलन? ये 4 आयुर्वेदिक उपाय देंगे तुरंत राहत और ठंडक

डायबिटीज से पैरों में जलन? ये 4 आयुर्वेदिक उपाय देंगे तुरंत राहत और ठंडक

Ayurvedic Remedies for Burning Sensation in Diabetic Feet | डायबिटीज के कारण पैरों के तलवों में जलन की समस्या आम है, जो न केवल शारीरिक परेशानी का कारण बनती है, बल्कि नींद, मूड और रोजमर्रा की जिंदगी को भी प्रभावित करती है। आयुर्वेद इस समस्या के लिए प्राकृतिक और प्रभावी समाधान प्रदान करता है। पादाभ्यंग, कांस्य कटोरा मालिश, एलोवेरा जेल, हर्बल लेप और धारा जैसे आयुर्वेदिक उपाय नसों को पोषण देते हैं, ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करते हैं और पित्त-वात दोष को संतुलित कर जलन से स्थायी राहत प्रदान करते हैं। डॉ. दीक्षा भावसार, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और द कदंब ट्री की फाउंडर, इन उपायों की प्रभावशीलता की पुष्टि करती हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से: Ayurvedic Remedies for Burning Sensation in Diabetic Feet

1. पादाभ्यंग (Padabhyanga – पैरों की मालिश)

पादाभ्यंग एक पारंपरिक आयुर्वेदिक पैर मालिश है, जो डायबिटीज के कारण होने वाली जलन को कम करने में बेहद प्रभावी है। गाय के घी, कैस्टर ऑयल, बला, चंदन या क्षीरबला तेल से हल्की मालिश नसों को पोषण देती है और जलन को शांत करती है।

  • कैसे करें? कांस्य कटोरे से धीरे-धीरे मालिश करें। यह पैरों को ठंडक देता है, ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और पित्त-वात दोष को संतुलित करता है।

  • फायदा: नियमित मालिश से नसों की कमजोरी कम होती है और पैरों को आराम मिलता है।

2. फ्रेश एलोवेरा जेल

एलोवेरा जेल अपने ठंडक देने वाले गुणों के लिए जाना जाता है, जो डायबिटिक न्यूरोपैथी में जलन को कम करने में मदद करता है।

  • कैसे करें? ताजा एलोवेरा जेल को सीधे पैरों के तलवों पर लगाएं और हल्के हाथों से मालिश करें। इसे 20-30 मिनट तक छोड़ दें, फिर धो लें।

  • फायदा: एलोवेरा में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और पोषक तत्व सूजन कम करते हैं, त्वचा को हाइड्रेट करते हैं और न्यूरोपैथिक जटिलताओं को रोकते हैं।

3. हर्बल लेप (Lepa – औषधीय पेस्ट)

चंदन, उशीर, लोध्र और मंजिष्ठा से बना हर्बल लेप पैरों की जलन को शांत करने का पारंपरिक तरीका है।

  • कैसे करें? इन जड़ी-बूटियों को पानी या गुलाब जल के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं और तलवों पर लगाएं। 15-20 मिनट बाद धो लें।

  • फायदा: यह लेप ठंडक प्रदान करता है, पित्त दोष को शांत करता है और त्वचा व नसों को पोषण देता है। नियमित उपयोग से सूजन और जलन में कमी आती है।

4. धारा (Dhara – औषधीय तरल प्रवाह)

धारा एक आयुर्वेदिक चिकित्सा है, जिसमें औषधीय तरल को पैरों पर धीरे-धीरे डाला जाता है।

  • कैसे करें? तक्र धारा (छाछ), दुग्ध धारा (दूध) या क्षीरबला तेल का उपयोग करें। इसे 20-30 मिनट तक पैरों पर डालें।

  • फायदा: यह उपाय पित्त और वात दोष को संतुलित करता है, नसों को ठंडक और पोषण देता है, जिससे जलन और बेचैनी में राहत मिलती है।

अतिरिक्त सुझाव

  • जीवनशैली में बदलाव: तनाव कम करें, नियमित व्यायाम करें और संतुलित आहार लें।

  • हाइड्रेशन: दिन में 8-10 गिलास पानी पिएं, जो शरीर और त्वचा को हाइड्रेट रखता है।

  • डॉक्टर से परामर्श: यदि जलन लगातार बनी रहे, तो आयुर्वेदिक चिकित्सक या डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें।

आयुर्वेद केये प्राकृतिकउपाय डायबिटीज के कारणपैरों में होने वाली जलन को शांतकरने में मददगार हैं। ये उपचार न केवल तुरंत राहत देते हैं, बल्कि पैरों की सेहत को भी लंबेसमय तक बनाए रखते हैं। नियमित रूप से इनका उपयोग करें और अपने पैरों को आराम, मजबूती और ठंडक प्रदान करें। हर कदम के साथ स्वस्थ रहें! Ayurvedic Remedies for Burning Sensation in Diabetic Feet


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