दिवाली से पहले पीएम मोदी की बड़ी सौगात: 24,000 करोड़ की पीएम धन धान्य कृषि योजना लॉन्च
100 आकांक्षी जिलों में सिंचाई-ऋण-उत्पादकता को मिलेगा बूस्ट, जानें लाभार्थी जिलों की लिस्ट
PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana | दिवाली की रौनक में डूबे देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और त्योहारी उपहार दिया है। 11 अक्टूबर 2025 को दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) से शनिवार को पीएम मोदी ने 24,000 करोड़ रुपये की ‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ (PMDDKY) की शुरुआत की। यह योजना देश के 100 कम उत्पादकता वाले आकांक्षी जिलों के किसानों को लक्षित करेगी, जहां फसल पैदावार, सिंचाई और ऋण सुविधाओं में कमी है। योजना का लक्ष्य 2030 तक इन जिलों को राष्ट्रीय औसत पर लाना है, जिससे 1.7 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की भी शुरुआत की गई, जो दाल उत्पादन को बढ़ावा देगा। आइए विस्तार से जानें योजना की खासियतें, लाभ और चयनित जिलों की सूची।
पीएम धन धान्य कृषि योजना क्या है? मुख्य उद्देश्य और विशेषताएं
योजना का फोकस ‘हर खेत को पानी’ और ‘मोर क्रॉप पर ड्रॉप’ पर है, जो कम उत्पादकता वाले जिलों में कृषि क्रांति लाएगी। 2025-26 से 2030-31 तक छह साल चलेगी, जिसमें सालाना 24,000 करोड़ का बजट है। कुल खर्च 35,000 करोड़ से अधिक अनुमानित है। मुख्य उद्देश्य:
- सिंचाई सुविधाएं बढ़ाना: हर खेत तक पानी पहुंचाना, जल संरक्षण और ड्रिप इरिगेशन को प्रोत्साहन।
- फसल उत्पादकता वृद्धि: बेहतर बीज, मिट्टी स्वास्थ्य, फसल विविधीकरण और जैविक खेती को बढ़ावा।
- ऋण और भंडारण सुविधाएं: किसानों को आसान लोन, स्टोरेज और बाजार लिंकेज प्रदान करना।
- कृषि पद्धतियों का आधुनिकीकरण: डिजिटल टूल्स, ट्रेनिंग और जलवायु-अनुकूल फसलें।
योजना 11 मंत्रालयों की 36 से अधिक स्कीम्स (जैसे PMKSY, PMFBY, सॉइल हेल्थ कार्ड) को एकीकृत करेगी। प्रत्येक जिले में ‘धन धान्य समिति’ बनेगी, जिसमें कलेक्टर, विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसान शामिल होंगे। प्रगति 117 KPIs पर डैशबोर्ड से मॉनिटर होगी। पीएम मोदी ने कहा, “यह योजना किसानों का भाग्य बदलने वाली है, जो आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करेगी।”
चयन के तीन पैरामीटर: कैसे चुने गए 100 आकांक्षी जिले?
जिलों का चयन NITI Aayog के आकांक्षी जिलों कार्यक्रम की तर्ज पर किया गया है। तीन मुख्य मानदंड:
- कम फसल पैदावार: राष्ट्रीय औसत से नीचे उत्पादकता वाले क्षेत्र।
- कम फसल तीव्रता: एक खेत में सालाना कम खेती चक्र।
- कम ऋण/निवेश सुविधा: किसानों को लोन और निवेश की सीमित पहुंच।
ये जिले 29 राज्यों और UTs में फैले हैं, जहां उत्तर प्रदेश सबसे आगे है (12 जिले)। योजना से छोटे किसानों, महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता मिलेगी।
किन-किन जिलों को मिलेगा लाभ? राज्यवार सूची
केंद्र सरकार ने 3 अक्टूबर 2025 को 100 आकांक्षी कृषि जिलों की आधिकारिक सूची जारी की। यहां राज्यवार प्रमुख जिले दिए गए हैं (पूर्ण सूची के लिए आधिकारिक पोर्टल pmddky.gov.in देखें):
राज्य/UT | संख्या | प्रमुख जिले |
---|---|---|
उत्तर प्रदेश | 12 | बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, बस्ती, गोंडा, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, गाजीपुर |
बिहार | 8 | अररिया, अरवल, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भोजपुर, बक्सर, कैमूर |
राजस्थान | 6 | बांसवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर, झालावाड़ा, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर |
मध्य प्रदेश | 5 | अलीराजपुर, बड़वानी, धार, झाबुआ, खरगोन |
महाराष्ट्र | 5 | गढ़चिरौली, गोंदिया, नंदुरबार, वर्धा, यवतमाल |
ओडिशा | 5 | कंधमाल, कालाहांडी, मलकानगिरि, नबरंगपुर, रायगड़ा |
झारखंड | 4 | दुमका, गोड्डा, पाकुड़, साहिबगंज |
छत्तीसगढ़ | 4 | बलौदाबाजार, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर |
गुजरात | 3 | दाहोद, नर्मदा, तापी |
असम | 3 | चरैदेव, धुबरी, दक्षिण सलमारा-मंकाचार |
अन्य राज्य (जैसे पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल आदि) | शेष | कुल 100 (विस्तृत सूची PIB या PMDDKY साइट पर उपलब्ध) |
ये जिले कम उत्पादकता के कारण चुने गए हैं, और योजना से उनकी आय दोगुनी होने का लक्ष्य है।
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन: दाल उत्पादन में नई क्रांति
पीएम मोदी ने योजना के साथ ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ भी लॉन्च किया, जिसका बजट 1,000 करोड़ है। यह मिशन दालों (अरहर, उड़द, मूंग, चना) के उत्पादन को बढ़ाने पर केंद्रित है। पीएम ने कहा, “यह सिर्फ दालें उगाने का मिशन नहीं, बल्कि भावी पीढ़ी को पौष्टिक भोजन देने का अभियान है।” लाभ:
- बेहतर बीज और तकनीक।
- भंडारण और MSP पर खरीद।
- 11 वर्षों में किसानों को निवेश, बीज और बाजार से जोड़ना। इससे आयात पर निर्भरता कम होगी और किसानों की कमाई बढ़ेगी।
किसानों के लिए क्या करें? आवेदन कैसे करें
- पात्रता: इन 100 जिलों के छोटे/सीमांत किसान, जो कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों में हैं।
- आवेदन: नजदीकी कृषि कार्यालय या PMDDKY पोर्टल (pmddky.gov.in) पर रजिस्ट्रेशन। रबी सीजन (अक्टूबर 2025) से शुरू।
- उपाय: डिजिटल इंडिया के तहत 6 करोड़ किसानों को डिजिटल ID मिलेगी।
यह योजना न केवलदिवाली की खुशियां दोगुनी करेगी, बल्कि किसानों के जीवन को रोशन करेगी। अधिकजानकारी के लिए PIB या कृषि मंत्रालय की वेबसाइट देखें।
मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।