दीपावली पर पूजाघर के दीपक में लगी आग, पति-पत्‍नी और नौकरानी जिंदा जले 

दीपावली पर पूजाघर के दीपक में लगी आग, पति-पत्‍नी और नौकरानी जिंदा जले

Diwali par pati patni ki maut | कानपुर। दिवाली की रात, जो कि खुशियों और रोशनी का पर्व है, इस बार कानपुर के एक बिजनेसमैन परिवार के लिए दर्दनाक त्रासदी में बदल गई। काकादेव क्षेत्र में स्थित संजय श्याम दासानी के घर में मंदिर के दीये से लगी आग ने पूरे परिवार की खुशियों को जलाकर राख कर दिया। इस हादसे में संजय श्याम दासानी (48), उनकी पत्नी कनिका दासानी (42), और नौकरानी छवि चौहान (24) की दर्दनाक मौत हो गई।

पूजा के बाद दीये से लगी आग

संजय दासानी, जो अंबाजी फूड्स नाम से कंपनी चलाते थे और एक बिस्किट फैक्ट्री के मालिक थे, ने दिवाली के अवसर पर घर के मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। पूजा के बाद उन्होंने मंदिर में दीया जलाया और अपने कमरे में सोने चले गए। हालांकि, थोड़ी ही देर बाद मंदिर के दीये से घर में आग लग गई। दीये की लौ से उठी चिंगारी ने तेजी से आग का रूप ले लिया, और कुछ ही देर में पूरे घर में धुआं भर गया।

बेडरूम का दरवाजा ऑटोमैटिक लॉक, बाहर नहीं निकल पाए पति-पत्नी

जैसे-जैसे आग फैलने लगी, घर का तापमान भी बढ़ता गया, जिससे संभवतः बेडरूम का दरवाजा ऑटोमैटिक लॉक हो गया। संजय और उनकी पत्नी कनिका आग और धुएं के कारण बेडरूम से बाहर नहीं निकल पाए। उनकी नौकरानी छवि, जिन्होंने बाहर से मदद करने की कोशिश की, आग की चपेट में आ गई और उसे भी जान से हाथ धोना पड़ा।

घटना के समय, संजय दासानी का बेटा अपने दोस्तों के साथ दिवाली की पार्टी में गया हुआ था। जब वह रात को घर लौटा, तो उसने घर से धुआं उठते देखा। बेटे ने चीखकर पड़ोसियों को बुलाया और तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। फायर ब्रिगेड की टीम ने आग को बुझाकर किसी तरह तीनों को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। रीजेंसी अस्पताल में डॉक्टरों ने संजय, कनिका और छवि को मृत घोषित कर दिया। डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि घर के मंदिर में दीये से आग लगी थी, जो पूरे घर में फैल गई।

परिवार और दोस्तों पर शोक

संजय दासानी के करीबी मित्र अमित खत्री ने बताया कि संजय अपने परिवार के साथ दिवाली मनाने के बाद सोने गए थे, और उनका बेटा अपने दोस्तों के साथ बाहर पार्टी में था। अगर बेटा घर पर होता, तो शायद उसकी जान भी इस हादसे में चली जाती। संजय की कंपनी अंबाजी फूड्स स्थानीय स्तर पर अच्छी पहचान बना चुकी थी और वह एक प्रतिष्ठित बिजनेसमैन थे।

यह हादसा दिवाली जैसे पर्व के दौरान सुरक्षा सावधानियों के महत्व को रेखांकित करता है। मंदिरों में दीपक जलाने के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए, विशेष रूप से घर के अंदर। इस मामले में, आग से जुड़े सुरक्षा उपाय जैसे स्मोक डिटेक्टर, फायर अलार्म, और आपातकालीन निकास का अभाव था, जो कि इस दुखद घटना का कारण बना।

प्रशासन ने सावधानी बरतने की दी चेतावनी

घटना के बाद कानपुर प्रशासन ने दिवाली पर दीयों और पटाखों के इस्तेमाल में अत्यधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी है। प्रशासन ने लोगों को सलाह दी है कि वे दीये और अन्य जलने वाली वस्तुओं को घर के बाहर सुरक्षित स्थान पर जलाएं और घर में धुएं से बचने के लिए पर्याप्त वेंटिलेशन सुनिश्चित करें। फायर ब्रिगेड ने भी आग से बचाव के लिए आग बुझाने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करने का आग्रह किया है।

कानपुर की यह घटना हर उस व्यक्ति के लिए एक चेतावनी है जो दिवाली पर दीयों या पटाखों का उपयोग करते हैं। जरूरी है कि हम सभी आग से बचने के उपायों को अपनाएं और सुरक्षित दिवाली का संकल्प लें।


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