सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को मिला अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को मिला अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) का अल्पसंख्यक (minority) दर्जा बरकरार रहेगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजों की पीठ ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट (Court) ने संविधान (Constitution) के आर्टिकल (Article) 30 का हवाला देते हुए कहा कि धार्मिक समुदायों को शैक्षणिक संस्थान (educational institution) स्थापित करने और उसे चलाने का अधिकार है।

2005 में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने AMU को अल्पसंख्यक संस्थान मानने से इनकार कर दिया था। इसके खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपील दायर की। 2006 में तत्कालीन यूपीए सरकार (UPA Government) ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन 2016 में केंद्र सरकार ने याचिका वापस लेने का निर्णय लिया।

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना

1817 में दिल्ली के सादात (Sayyid) परिवार में जन्मे सर सैयद अहमद खान (Sir Syed Ahmed Khan) को मुस्लिम समुदाय के लिए एक विशेष शिक्षण संस्थान (educational institution) की आवश्यकता महसूस हुई। उन्होंने 1872 में मुहम्मदन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज फंड कमेटी (Mohammedan Anglo-Oriental College Fund Committee) का गठन किया, जिसने 1877 में मुहम्मदन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज (Mohammedan Anglo-Oriental College) की नींव रखी।

अलीगढ़ में एक मुस्लिम यूनिवर्सिटी (university) की मांग बढ़ने के कारण 1920 में ब्रिटिश सरकार की सहायता से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक्ट (Aligarh Muslim University Act) के तहत यह यूनिवर्सिटी स्थापित की गई। इसके बाद पहले से स्थापित सभी समितियों को भंग कर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से एक नई कमेटी (committee) बनाई गई, जिसे सभी अधिकार और संपत्ति सौंप दी गई।

विवाद और राजा महेंद्र प्रताप सिंह की भूमिका

ABVP और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों का दावा है कि 1929 में राजा महेंद्र प्रताप सिंह (Raja Mahendra Pratap Singh) ने इस यूनिवर्सिटी के लिए 3.04 एकड़ भूमि का दान दिया था। इनके अनुसार, इस यूनिवर्सिटी के संस्थापक केवल सर सैयद अहमद खान नहीं हैं, बल्कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह भी इसका हिस्सा हैं।

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