यूपी महिला आयोग का सख्त फैसला: अब पुरुष टेलर महिलाओं का नाप नहीं लेंगे, जिम और योगा सेंटर में महिला ट्रेनर अनिवार्य

यूपी महिला आयोग का सख्त फैसला: अब पुरुष टेलर महिलाओं का नाप नहीं लेंगे, जिम और योगा सेंटर में महिला ट्रेनर अनिवार्य

Kanpur Ekta Murder Case | कानपुर (Kanpur) के चर्चित एकता हत्याकांड (Ekta Murder Case) के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के महिला आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आयोग ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब पुरुष टेलर (Male Tailors) महिलाओं का नाप (Measurements) नहीं लेंगे। इसके अलावा, जिम और योगा सेंटर में महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए महिला ट्रेनर अनिवार्य होगी। यही नहीं, इन स्थानों पर CCTV निगरानी (CCTV Surveillance) भी अनिवार्य की जाएगी।

इस कदम का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत बनाना और समाज में महिलाओं को एक सुरक्षित माहौल प्रदान करना है। इसके साथ ही, ब्यूटी पार्लर (Beauty Parlors), विशेष कपड़ों के स्टोर्स (Stores), और कोचिंग सेंटरों (Coaching Centers) में भी महिला कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी ताकि महिलाओं को ऐसे स्थानों पर किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

कानपुर का एकता हत्याकांड और महिला आयोग की सख्ती

कानपुर का एकता हत्याकांड बेहद सनसनीखेज रहा है। 27 अक्टूबर को कानपुर के डीएम आवास कैंपस में एकता की लाश दफन पाई गई। जांच में पाया गया कि एकता की हत्या करीब 4 महीने पहले की गई थी। पुलिस ने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी जिम ट्रेनर विमल सोनी (Gym Trainer Vimal Soni) को गिरफ्तार किया। पूछताछ में विमल ने बताया कि उसने एकता को 24 जून को ही मार दिया था और बाद में अजय देवगन की फिल्म दृश्यम (Drishyam) से प्रेरणा लेते हुए शव को डीएम आवास परिसर में दफना दिया।

इस हत्याकांड के बाद यूपी महिला आयोग ने सख्त रवैया अपनाते हुए महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई निर्देश जारी किए। इन निर्देशों में प्रमुख रूप से पार्लर, जिम और महिलाओं के कपड़ों के स्टोर्स में महिलाओं के लिए खास व्यवस्थाओं को लागू करना है।

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महिला आयोग के नए आदेश: मुख्य बिंदु

  1. पुरुष टेलर महिलाओं का नाप नहीं लेंगे: अब किसी भी पुरुष टेलर को महिलाओं का नाप लेने की अनुमति नहीं होगी। इसका उद्देश्य महिलाओं की प्राइवेसी का सम्मान करना और उन्हें किसी भी असहज स्थिति से बचाना है।
  2. जिम और योगा सेंटरों में महिला ट्रेनर: आयोग के अनुसार, सभी जिम और योगा सेंटरों में महिला ट्रेनर का होना अनिवार्य होगा। इन स्थानों पर महिलाओं की देखरेख के लिए महिला कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।
  3. CCTV से निगरानी: आयोग ने आदेश दिया है कि जिम, योगा सेंटर और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर CCTV कैमरे लगाए जाएं, ताकि किसी भी प्रकार की घटना की स्थिति में साक्ष्य उपलब्ध हो सके।
  4. पार्लर और कपड़ों के स्टोर्स में महिला स्टाफ: महिला आयोग के अनुसार, पार्लर में महिलाओं के मेकअप और ड्रेस अप के दौरान महिला स्टाफ की अनिवार्यता होगी। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कपड़े बेचने वाले स्टोर्स में महिला कर्मचारियों को नियुक्त करना आवश्यक होगा।
  5. कोचिंग सेंटरों में भी CCTV जरूरी: आयोग ने कहा कि कोचिंग सेंटरों में भी CCTV कैमरे लगाए जाएं ताकि वहाँ पढ़ने आने वाली लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

महिला आयोग के इन फैसलों की पृष्ठभूमि

कानपुर का एकता हत्याकांड न केवल एक परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चौंकाने वाली घटना बनकर सामने आया। जिस प्रकार से एक महिला को अपने ही जिम ट्रेनर द्वारा धोखे से किडनैप करके मारा गया, इसने सभी को झकझोर कर रख दिया। यह मामला समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है, और यही कारण है कि महिला आयोग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कई सख्त कदम उठाए हैं।

महिला आयोग की सदस्याओं का कहना है कि यह आदेश इसलिए जारी किए गए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की कोई भी अप्रिय घटना न हो और महिलाओं को बिना किसी डर के अपने दैनिक कार्य करने की स्वतंत्रता मिले। आयोग का यह भी कहना है कि यह आदेश हर जिले में लागू किया जाएगा और इसके लिए सभी जिले के डीएम और एसपी को सख्त निर्देश दिए गए हैं।

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर समाज की जिम्मेदारी

महिलाओं की सुरक्षा केवल सरकार या महिला आयोग की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है। जिम, योगा सेंटर, और पार्लर जैसी जगहों पर अगर पुरुष कर्मचारियों का होना महिलाओं को असहज बनाता है, तो यह समाज की जिम्मेदारी है कि इस प्रकार की व्यवस्थाएं की जाएं जिससे महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें।

आयोग के निर्देश पर हो सकता है विवाद

हालांकि, महिला आयोग का यह निर्णय कुछ लोगों के लिए विवाद का कारण बन सकता है। कई लोग इसे पुरुषों के साथ भेदभाव के रूप में देख सकते हैं, लेकिन महिला आयोग का मानना है कि यह निर्णय महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता

महिला आयोग के ये फैसले निस्संदेह महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सकारात्मक पहल हैं। समाज के सभी हिस्सों को इस दिशा में अपना सहयोग देना चाहिए ताकि महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और समान अधिकारों वाला समाज बनाया जा सके।

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