सनातन हिंदू एकता पदयात्रा: बागेश्वर धाम से ओरछा तक उमड़ा आस्था का सैलाब

सनातन हिंदू एकता पदयात्रा: बागेश्वर धाम से ओरछा तक उमड़ा आस्था का सैलाब

Sanatan Hindu Ekta Padyatra | बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पीठाधीश्वर (Peethadheeshwar) पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) ने सनातन हिंदू एकता पदयात्रा (Sanatan Hindu Ekta Padyatra) की शुरुआत कर दी है। इस पदयात्रा के लिए लाखों की संख्या में हिंदू श्रद्धालु (Hindu Devotees) बागेश्वर धाम में जुटे हैं। यह पदयात्रा (Padyatra) करीब 160 किलोमीटर लंबी होगी और 29 नवंबर को ओरछा में संपन्न होगी।

पदयात्रा का मार्ग और विश्राम स्थल

21 नवंबर को शुरू हुई यह यात्रा हर दिन अलग-अलग स्थानों पर रुकेगी।

  • पहले दिन 15 किमी यात्रा के बाद कदारी में विश्राम।
  • दूसरे दिन 17 किमी की यात्रा कर पेप्टेक टाउन में रात्रि ठहराव।
  • तीसरे दिन 21 किमी यात्रा के बाद नौगांव में शांति कॉलेज (Shanti College)
  • चौथे दिन 22 किमी यात्रा कर देवरी रेस्ट हाउस।
  • पांचवे दिन मऊरानी, छठे दिन घुघसी, और सातवें दिन निवाड़ी में विश्राम के बाद 28 नवंबर को ओरछा के तिगैला पहुंचना है।
  • 29 नवंबर को यह यात्रा ओरछा के धार्मिक स्थल पर समाप्त होगी।

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बाबा की अपील: भेदभाव मिटाने का लक्ष्य

बागेश्वर बाबा (Bageshwar Baba) ने कहा कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भेदभाव (Discrimination) और जात-पात (Casteism) को समाप्त करना है। उन्होंने धर्मांतरण (Religious Conversion) पर चिंता जताते हुए कहा कि धर्मगुरुओं को गरीबों और आदिवासी समुदाय तक पहुंचना चाहिए। बाबा ने उन्हें “अनादिवासी (Anadivasi)” कहकर संबोधित किया और उन्हें सम्मान देने की बात कही।

जनसमूह और सुरक्षा का विशेष प्रबंध

पदयात्रा में देशभर से हिंदू श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचे हैं। बागेश्वर धाम से ओरछा तक का मार्ग पोस्टर (Posters) और होर्डिंग्स (Hoardings) से सजा दिया गया है। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

हिंदू जागरूकता पर बाबा का बयान

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) ने कहा, “यहां आए लोग जागे हुए हिंदू हैं। अब हिंदू केवल अहिंसावादी नहीं हैं, बल्कि उनके पास विचारों की तलवार है।”

सनातन हिंदू एकता पदयात्रा (Sanatan Hindu Ekta Padyatra) एक ऐसा धार्मिक आयोजन बन गया है, जिसने पूरे देश के हिंदू समाज को एकजुट करने का प्रयास किया है।


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