नीलम रत्न का महत्व नीलम रत्न, जिसे ब्लू सफायर भी कहा जाता है, ज्योतिष शास्त्र में सबसे प्रभावशाली और शक्तिशाली रत्नों में से एक माना जाता है। यह शनि ग्रह से जुड़ा होता है और इसके सकारात्मक प्रभाव से जीवन में धन, सफलता, मानसिक शांति, और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है। हालांकि, नीलम रत्न का प्रभाव हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकता है, इसलिए इसे पहनने से पहले ज्योतिष विशेषज्ञ की सलाह लेना अनिवार्य है।

नीलम कौन पहन सकता है? नीलम रत्न पहनने के लिए यह जरूरी है कि व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति मजबूत हो। यह विशेष रूप से मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए अनुकूल होता है। यदि किसी व्यक्ति पर शनि की महादशा या साढ़े साती का प्रभाव हो, तो यह रत्न पहनना लाभकारी साबित हो सकता है। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति लगातार व्यवसायिक परेशानियों या आर्थिक तंगी से जूझ रहा हो या त्वचा, हड्डियों या नसों से संबंधित समस्याएं हो रही हों, तो नीलम मददगार हो सकता है। लेकिन इसे पहनने का निर्णय विशेषज्ञ की सलाह पर ही लिया जाना चाहिए।

नीलम का सही वजन (सैंट/रति) नीलम रत्न के प्रभाव को पूर्ण रूप से प्राप्त करने के लिए इसका वजन सही होना जरूरी है। इसका वजन व्यक्ति के शरीर के वजन के 1/10वें हिस्से के बराबर कैरेट होना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, यदि आपका वजन 70 किलोग्राम है, तो आपके लिए 7 कैरेट यानी लगभग 7.7 रति का नीलम उपयुक्त रहेगा। अधिक या कम वजन का रत्न अपेक्षित परिणाम नहीं दे सकता, इसलिए इसे सावधानीपूर्वक चुनें।

पहनने का तरीका नीलम रत्न को शनि ग्रह के शुभ प्रभाव के लिए शनिवार के दिन, विशेष रूप से शुक्ल पक्ष में, सुबह के समय पहनना चाहिए। यह चांदी, सफेद सोने या प्लेटिनम की अंगूठी में बनवाकर दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण किया जाता है। पहनने से पहले इसे गंगाजल और कच्चे दूध में डुबोकर शुद्ध करना चाहिए और “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करते हुए इसे धारण करना चाहिए। यह प्रक्रिया नीलम की सकारात्मक ऊर्जा को सक्रिय करने में मदद करती है।

नीलम पहनने के फायदे और सावधानियां नीलम रत्न मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है, आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है और स्वास्थ्य में सुधार लाता है। यह जीवन में रिश्तों और परिस्थितियों को बेहतर बनाने में सहायक होता है। हालांकि, इसे पहनने के बाद पहले 72 घंटों में इसके प्रभाव को ध्यान से देखना चाहिए। यदि किसी प्रकार की नकारात्मकता महसूस हो, तो इसे तुरंत उतारकर ज्योतिषी से संपर्क करना चाहिए। नकली रत्न पहनने से बचें, क्योंकि यह हानिकारक हो सकता है।