बैंक खाताधारकों के लिए खुशखबरी: 1 नहीं Bank Account में अब जोड़े जा सकेंगे 4 नॉमिनी

अगर आप देखेंगे तो लगभग हर किसी का बैंक खाता होता है। बस अंतर ये है कि किसी का सैलरी अकाउंट होता है तो किसी का बचत खाता आदि। जब हम किसी भी बैंक में खाता खुलवाते हैं तो हमें डेबिट कार्ड, चेकबुक, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग जैसी अन्य सुविधाएं मिलती हैं।

इसी तरह खाताधारक अपने बैंक खाते में एक नॉमिनी भी जोड़ सकता है जिससे अगर खाताधारक का निधन हो जाता है तो उस स्थिति में उसके खाते में जमा पैसे को नॉमिनी को देने का प्रावधान है। पर अब इस नियम में बदलाव किया गया है जिसके अंतर्गत अब खाताधारक एक नहीं बल्कि, चार नॉमिनी जोड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं इसका तरीका क्या है और इस बदलाव की जरूरत आखिर क्यों पड़ी।

बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक के बारे में जानें महत्पूर्ण बातें

बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 अधिकतम चार व्यक्तियों को नामांकित करने की अनुमति देता है, जिसमें जमाराशियों, सेफ कस्टडी में रखी वस्तुओं और सुरक्षा लॉकरों को लेकर नामांकन के प्रावधान शामिल हैं.

विधेयक, किसी व्यक्ति द्वारा लाभकारी हित की शेयरधारिता की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये करने की अनुमति देता है

यह विधेयक बैंकों द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक को वैधानिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने की रिपोर्टिंग तिथियों को संशोधित करने की अनुमति देता है, ताकि उन्हें पखवाड़े या महीने या तिमाही के अंतिम दिन के साथ अलाइन किया जा सके.

विधेयक के साथ सहकारी बैंकों में निदेशकों (अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक को छोड़कर) का कार्यकाल 8 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष किया गया है.

विधेयक केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशक को राज्य सहकारी बैंक के बोर्ड में सेवा करने की अनुमति देता है.

यह विधेयक वैधानिक लेखा परीक्षकों को दिए जाने वाले पारिश्रमिक को तय करने में बैंकों को अधिक स्वतंत्रता देने का प्रयास करता है.

क्या कहता है नया नियम?

दरअसल, बीते मंगलवार को लोकसभा में बैंककारी विधियां (संशोधित) विधेयक, 2024 पारित किया गया। इसके अंतर्गत अब एक खाताधारक अपने बैंक खाते में एक की जगह चार नॉमिनी बना सकता है। वित्त निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 में बजट के दौरान इस विधेयक को पेश करने की घोषणा की थी। ऐसे में सरकार ने एक साथ आरबीआई अधिनियम 1934, बैंकिंग नियमन कानून 1949, एसबीआई अधिनियम 1955, बैंकिंग कंपनीज अधिनियमन 1970-1980 के कई प्रावधानों में संशोधन किया है।

क्यों पड़ी इसकी जरूरत?

यहां ये भी समझना जरूरी है कि आखिर एक से ज्यादा नॉमिनी जोड़ने वाले फैसले की क्यों जरूरत पड़ी? दरअसल, कोरोना काल में जिन लोगों का निधन हुआ उसके बाद कई लोग ऐसे थे जो मृत व्यक्ति के बैंक खाते पर दावा कर रहे थे। ऐसे में बैंकों के सामने कई तरह के कानूनी विवाद आ गए। इसके चलते ही इस फैसले को लाने की जरूरत नजर आई।

खाताधारक तय करेगा किसे कितना पैसा

जहां अब तक खाताधारक एक नॉमिनी जोड़ पाता है तो वहीं नए नियम के अनुसार, आप चार नॉमिनी अपने बैंक खाते में जोड़ सकेंगे। साथ ही खाताधारक ये भी फैसला कर सकेगा कि वो किस नॉमिनी को खाते में जमा राशि का कितना फीसदी देना चाहता है।

कैसे जोड़ पाएंगे नॉमिनी?

अगर आप भी चाहते हैं कि आपके बैंक खाते में एक से ज्यादा नॉमिनी रहे तो इसके लिए जब आप खाता खुलवाने के लिए फॉर्म भरते हैं, तो आपको वहीं पर चार नॉमिनी भरने का विकल्प मिलेगा। ऐसे में आप जिसे चाहते हैं उसकी जानकारी यहां पर दे सकते हैं। ऐसे में आपके निधन के बाद आपके खाते की राशि नियमों के तहत उन नॉमिनी को दे दी जाएगी जिन्हें आपने चुना है।

 

 

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