सीरिया पर विद्रोहियों का कब्जा: बशर अल असद परिवार के 50 साल के शासन का अंत
सीरिया (Syria) में राष्ट्रपति बशर अल-असद (Bashar al-Assad) का 50 साल पुराना शासन समाप्त हो गया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति असद देश छोड़कर भाग गए हैं, और सेना ने उनकी सत्ता खत्म होने की पुष्टि कर दी है। बीते 11 दिनों में सीरिया में विद्रोहियों और सरकारी सेना के बीच हुए तीव्र संघर्ष ने इस परिणाम को जन्म दिया है।
राजधानी दमिश्क (Damascus) पर कब्जा
रविवार को विद्रोही गुटों ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा जमा लिया। असद के देश छोड़ने के बाद, सीरियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल जलाली (Mohammad Ghazi al-Jalali) ने एक वीडियो संदेश में विद्रोहियों को सत्ता सौंपने की पेशकश की। उन्होंने कहा, “मैं देश में ही रहूंगा और जनता जिसे चुनेगी, उसके साथ मिलकर काम करूंगा।”
विद्रोह की शुरुआत और विस्तार
2011 में दारा शहर से राष्ट्रपति असद के खिलाफ विद्रोह शुरू हुआ था। इसी शहर पर 6 दिसंबर को विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया। दारा की राजधानी दमिश्क से महज 100 किमी की दूरी है। यहां के स्थानीय विद्रोही गुटों ने शहर को अपने नियंत्रण में ले लिया।
सीरिया के अन्य बड़े शहरों—अलेप्पो (Aleppo), हमा (Hama), और होम्स (Homs)—में इस्लामी चरमपंथी संगठन हयात तहरीर अल-शाम (Hayat Tahrir al-Sham, HTS) का प्रभुत्व है। संघर्ष के कारण अब तक लगभग 3.70 लाख लोग (370,000 people) विस्थापित हो चुके हैं।
विद्रोहियों की त्वरित जीत
27 नवंबर को सीरिया में 2020 के संघर्षविराम (Ceasefire) के बाद विद्रोहियों और सेना के बीच फिर से झड़पें शुरू हुईं। 1 दिसंबर को विद्रोही गुटों ने सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर, अलेप्पो पर कब्जा कर लिया। यह वही शहर है जिसे बशर अल असद ने चार साल की लंबी लड़ाई के बाद 2016 में अपने नियंत्रण में लिया था।
अलेप्पो पर कब्जे के चार दिन बाद विद्रोही गुटों ने हमा और फिर दारा को अपने नियंत्रण में ले लिया। इसके बाद राजधानी दमिश्क को दक्षिण और पश्चिम दिशाओं से घेर लिया गया। इन घटनाओं ने असद सरकार को पूरी तरह हिला दिया और उन्होंने देश छोड़ दिया।
खुशी और राहत का माहौल
सीरिया के लोग बशर अल असद के शासन से छुटकारा पाने की खुशी मना रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में लोग सेना के टैंकों पर चढ़कर जश्न मनाते हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, संघर्ष के कारण लाखों लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं, और सीरिया के सामने मानवीय संकट की स्थिति बनी हुई है।
असद परिवार का पतन
बशर अल असद और उनका परिवार 1970 से सीरिया पर शासन कर रहा था। असद के पिता हाफ़िज़ अल-असद (Hafez al-Assad) ने 1971 में सत्ता संभाली थी। उनके निधन के बाद बशर अल असद ने 2000 में राष्ट्रपति पद ग्रहण किया। इस दौरान उनका शासन विरोधी आंदोलनों, गृह युद्ध और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण विवादों में रहा।
हालांकि, 2011 के अरब वसंत (Arab Spring) के बाद से ही उनके शासन पर संकट गहराता गया। सीरिया में विद्रोह का नेतृत्व कई गुटों ने किया, जिसमें कुछ इस्लामी चरमपंथी गुट भी शामिल थे। इन गुटों ने 2020 तक संघर्ष विराम के बाद पुनः संगठित होकर सत्ता को चुनौती दी और अंततः असद शासन का खात्मा कर दिया।
आगे की चुनौतियां
विद्रोहियों के कब्जे के बाद सीरिया के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। देश में स्थिरता बहाल करने और एक नई सरकार बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और आंतरिक एकता की जरूरत होगी। प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल जलाली का यह बयान कि वह नए नेतृत्व के साथ काम करने को तैयार हैं, इस दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
हालांकि, इस्लामी चरमपंथी गुटों की बढ़ती ताकत और मानवीय संकट की गहराई ने आने वाले समय के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। सीरिया को न केवल पुनर्निर्माण की आवश्यकता होगी, बल्कि लाखों विस्थापित नागरिकों को भी घर लौटाने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
सीरिया में 11 दिनों के अंदर सत्ता में यह बड़ा बदलाव 21वीं सदी के प्रमुख घटनाक्रमों में से एक है। बशर अल असद का पतन एक युग के अंत का प्रतीक है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि विद्रोही गुट और नया नेतृत्व देश को कैसे पुनर्गठित करते हैं और क्या सीरिया में लंबे समय से प्रतीक्षित शांति बहाल हो पाएगी।
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