आखिर अमित शाह अंबेडकर के खिलाफ क्या कहा कि पूरा विपक्ष उन पर टूट पड़ा
Amit Shah Ambedkar Controversy | संविधान को स्वीकार करने के 75 वर्ष पूरे होने पर संसद में चल रही बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह के डॉ. बी.आर. आंबेडकर पर की गई टिप्पणी ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अमित शाह के बयान को बाबा साहेब का अपमान बताते हुए तीखा विरोध किया।
अमित शाह के बयान पर हंगामा
मंगलवार को संसद में अपने संबोधन के दौरान अमित शाह ने कहा, “आजकल आंबेडकर का नाम लेना एक फ़ैशन बन गया है।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अब ये एक फ़ैशन हो गया है। आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।” उनके इस बयान के बाद कांग्रेस समेत कई दलों ने इसे आंबेडकर का अपमान करार दिया। Amit Shah Ambedkar Controversy
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “मनुस्मृति मानने वालों को आंबेडकर जी से तकलीफ़ बेशक होगी।” राहुल गांधी के इस बयान ने राजनीतिक बहस को और गर्म कर दिया। Amit Shah Ambedkar Controversy
प्रधानमंत्री मोदी का बचाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर अमित शाह का समर्थन किया और कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने संसद में आंबेडकर का अपमान करने वाले कांग्रेस के “काले अध्याय” को उजागर किया है। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर आंबेडकर का नाम केवल राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। Amit Shah Ambedkar Controversy
नेहरू की कैबिनेट से इस्तीफे का जिक्र
अमित शाह ने अपने भाषण में यह भी बताया कि आंबेडकर ने जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दिया था। उन्होंने कहा, “आंबेडकर ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साथ होने वाले व्यवहार से असंतुष्ट होकर इस्तीफा दिया था। वह सरकार की विदेश नीति और अनुच्छेद 370 से भी असहमत थे। कांग्रेस ने उन्हें आश्वासन दिया था, जो पूरा नहीं किया गया।” शाह ने कहा कि कांग्रेस केवल आंबेडकर का नाम लेकर वोट हासिल करना चाहती है, लेकिन उनका असली रवैया कुछ और ही है। Amit Shah Ambedkar Controversy
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस ने अमित शाह के बयान को “अक्षम्य” करार दिया। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “गृह मंत्री ने बाबा साहेब का अपमान किया है, जिससे साफ हो गया है कि बीजेपी और आरएसएस संविधान को लेकर गंभीर नहीं हैं। उनके लोग शुरू से मनुस्मृति को लागू करना चाहते थे।” Amit Shah Ambedkar Controversy
खड़गे ने कहा कि आंबेडकर ने हमेशा सामाजिक न्याय, समानता और दलित अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने अमित शाह के बयान को “दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों का अपमान” बताया।
बीजेपी की सफाई
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अमित शाह के भाषण का वह हिस्सा कांग्रेस ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह का पूरा बयान कांग्रेस की आंबेडकर और दलित समाज के प्रति नफरत को उजागर करता है। पूरा भाषण सुनिए।” पार्टी ने शाह के पूरे बयान का वीडियो भी साझा किया। Amit Shah Ambedkar Controversy
अन्य विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाएं
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अमित शाह के बयान को आंबेडकर की विरासत का अपमान बताया। उन्होंने कहा, “आंबेडकर का नाम लेना फ़ैशन नहीं है, यह उनके विचारों और संघर्षों के प्रति सम्मान है।” उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने कहा, “गृह मंत्री का बयान न केवल असंवेदनशील है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक एकता का भी अनादर है।” Amit Shah Ambedkar Controversy
प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अमित शाह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का दिखावा करती है, लेकिन उनके मंत्रियों के ऐसे बयान उनकी असली सोच को उजागर करते हैं।”
संसद में बहस और तीखी नोकझोंक
अमित शाह के बयान के बाद संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। विपक्षी सांसदों ने अमित शाह से माफी की मांग की। हालांकि, शाह और बीजेपी ने माफी मांगने से इनकार कर दिया। लोकसभा में बहस के दौरान पीएम मोदी ने भी कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आंबेडकर को चुनावों में हराने की साजिश रची और उनके योगदान को नजरअंदाज किया।
सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग
अमित शाह के बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई यूजर्स ने शाह के बयान की आलोचना की, जबकि बीजेपी समर्थकों ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।
क्या है असली मुद्दा?
विशेषज्ञों का मानना है कि अमित शाह का बयान उस ऐतिहासिक सच्चाई को उजागर करता है, जिसमें आंबेडकर ने कांग्रेस की नीतियों और रवैये पर सवाल उठाए थे। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि शाह का बयान आंबेडकर की विचारधारा और उनके संघर्ष का अपमान है।
अमित शाह का बयान संसद में संविधान पर बहस के दौरान आया, लेकिन यह बहस अब राजनीति के केंद्र में है। विपक्ष इसे बीजेपी की “दलित विरोधी मानसिकता” के रूप में देख रहा है, जबकि बीजेपी इसे कांग्रेस के “दोहरे चरित्र” को उजागर करने का प्रयास बता रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है, खासकर जब देश में दलित राजनीति एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनी हुई है। Amit Shah Ambedkar Controversy
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