संसद में धक्का-मुक्की पर तकरार: शिवराज ने राहुल को बताया ‘गुंडा’, कांग्रेस ने अडाणी मुद्दे पर केंद्र को घेरा
Parliament Clash Controversy | गुरुवार को संसद में हुई धक्का-मुक्की की घटना के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगाए। यह घटना उस समय हुई जब I.N.D.I.A. ब्लॉक के सदस्य गृह मंत्री अमित शाह की अंबेडकर पर टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। दोनों दलों के बीच की यह तनातनी न केवल संसद तक सीमित रही, बल्कि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया।
कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस: भाजपा पर लगाए लोकतंत्र कुचलने के आरोप
कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा पर अडाणी मुद्दे से ध्यान भटकाने और संसद में मसल पावर दिखाने का आरोप लगाया। राहुल ने कहा, “हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने आए थे, लेकिन भाजपा ने हमें धमकाया और धक्का-मुक्की की। यह उनकी रणनीति है ताकि अडाणी जैसे जरूरी मुद्दों से जनता का ध्यान हट सके।”
खड़गे ने गृह मंत्री और भाजपा पर साधा निशाना
खड़गे ने अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, “गृह मंत्री बिना फैक्ट चेक किए बयान देते हैं। वे अंबेडकर पर ऐसे बयान दे रहे हैं जो न केवल गलत हैं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ भी हैं। भाजपा ने नेहरू जी को बदनाम करने और अंबेडकर का अपमान करने का काम किया है।”
उन्होंने अमित शाह की भगवान पर की गई टिप्पणी पर आपत्ति जताई। खड़गे ने कहा, “अंबेडकर पूजनीय हैं। लेकिन शाह कहते हैं कि अंबेडकर का नाम इतना लिया कि अगर भगवान का नाम लिया होता, तो सात जन्मों तक स्वर्ग में रहते। यह बयान उनकी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है।”
अडाणी मुद्दे पर सरकार को घेरा
खड़गे ने कहा, “अडाणी को हर क्षेत्र में प्राथमिकता दी जा रही है। उन्हें बंदरगाह, सड़कें, जमीन सब कुछ दिया जा रहा है। भाजपा सरकार अडाणी के पक्ष में है और देश के संसाधनों को बेच रही है। इसी वजह से वे इस मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए संसद में अशांति फैला रहे हैं।”
देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन होगा। “हम भाजपा के इस बर्ताव को बर्दाश्त नहीं करेंगे। शाह और मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन हर शहर और हर गांव में होगा।”
भाजपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस: राहुल पर गंभीर आरोप
वहीं भाजपा ने इस घटना के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “राहुल गांधी ने हमारे सांसदों के बीच जाकर जानबूझकर धक्का-मुक्की की। यह अशोभनीय और गुंडागर्दी है।”
भाजपा सांसदों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप
शिवराज ने कहा कि भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत के साथ राहुल गांधी ने धक्का-मुक्की की। “प्रताप सारंगी जी को गंभीर चोट आई है। उनके माथे पर चोट के निशान हैं। वहीं, मुकेश राजपूत को इतनी चोट लगी कि उन्हें होश में लाने के लिए इलाज करना पड़ा। यह अस्वीकार्य है।”
कांग्रेस पर गुंडे-पहलवान भेजने का आरोप
शिवराज ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने संसद में गुंडे-पहलवान भेजे हैं। उन्होंने कहा, “कांग्रेस अब अपने उम्मीदवारों का चयन उनकी बौद्धिक क्षमता के आधार पर नहीं, बल्कि उनकी ताकत के आधार पर कर रही है। यह शर्मनाक है।”
संविधान की मर्यादा के उल्लंघन का आरोप
शिवराज ने कहा, “कांग्रेस ने सदन में अध्यक्ष की आसंदी की मर्यादा को कुचला। महिला आदिवासी सांसदों के साथ बदसलूकी की गई। यह न केवल संसद की गरिमा का अपमान है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र पर धब्बा है।”
घटना की पृष्ठभूमि
इस घटना की शुरुआत उस समय हुई जब I.N.D.I.A. ब्लॉक के सांसद गृह मंत्री अमित शाह की अंबेडकर पर टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान भाजपा और विपक्षी सांसद आमने-सामने आ गए। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने उनके सदस्यों को संसद में प्रवेश करने से रोका और उन्हें धमकाया।
वहीं, भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी ने जानबूझकर भाजपा सांसदों के बीच जाकर अशांति फैलाई। प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को चोट लगने की बात भी भाजपा ने जोर-शोर से उठाई।
अमित शाह की टिप्पणी पर विवाद
इस विवाद की जड़ गृह मंत्री अमित शाह की अंबेडकर पर की गई टिप्पणी है। शाह ने कहा था कि विपक्ष अंबेडकर का नाम केवल राजनीतिक लाभ के लिए लेता है। उन्होंने खड़गे के बयानों को “तोड़-मरोड़कर पेश” करने का आरोप लगाया। खड़गे ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री से शाह को बर्खास्त करने की मांग की। Parliament Clash Controversy
कांग्रेस का हमला और भाजपा की सफाई
कांग्रेस का कहना है कि भाजपा हर बार अडाणी मुद्दे से बचने के लिए विवाद पैदा करती है। वहीं भाजपा इसे विपक्ष की हताशा और उनकी गिरती हुई राजनीति का परिणाम बता रही है।
राजनीतिक विश्लेषण
इस घटना ने एक बार फिर से संसद में शालीनता और अनुशासन की आवश्यकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप ने देश की राजनीति में बढ़ते ध्रुवीकरण को उजागर किया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने समर्थकों के बीच इस घटना को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस जहां इसे अडाणी मुद्दे पर सरकार को घेरने का अवसर मान रही है, वहीं भाजपा इसे विपक्ष की गुंडागर्दी और अनुशासनहीनता के रूप में पेश कर रही है।
यह घटना केवल एक विवाद नहीं, बल्कि संसद की गरिमा और लोकतांत्रिक मूल्यों की परीक्षा का प्रतीक है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले पर आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और इसका राजनीतिक परिदृश्य पर क्या असर पड़ता है। Parliament Clash Controversy
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