इंडियन ओवरसीज बैंक के 42 लॉकर काट ले गए चोर, अलार्म तक नहीं बजा

Bank Robbery | इंडियन ओवरसीज बैंक के 42 लॉकर काट ले गए चोर, अलार्म तक नहीं बजा

Bank Robbery | लखनऊ के चिनहट इलाके में इंडियन ओवरसीज बैंक में शनिवार रात चोरों ने 42 लॉकर तोड़कर करोड़ों रुपये की चोरी को अंजाम दिया। इस घटना ने बैंक प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बैंक में न गार्ड तैनात था और न ही सुरक्षा कैमरों का सही इंतजाम।

कैसे हुई वारदात?

पुलिस के अनुसार, शनिवार रात करीब 12:35 बजे चोर बैंक में घुसे और सुबह 4:00 बजे तक पूरी वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए। चोरों ने बैंक के अलार्म सिस्टम का तार काट दिया, जिससे अलार्म बज ही नहीं सका। जानकारों का मानना है कि तार काटने पर भी अलार्म को एक्टिव हो जाना चाहिए था, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि अलार्म पहले से खराब था।

सुरक्षा की कमजोर कड़ियां

बैंक में कुल छह सीसीटीवी कैमरे लगे थे, जिनमें से सिर्फ एक में चोरों की हल्की फुटेज कैद हो सकी। बाकी कैमरों के एंगल स्ट्रॉन्ग रूम की ओर नहीं थे। इतना ही नहीं, बैंक में सुरक्षा गार्ड भी तैनात नहीं था। यह चोरों के लिए एक सुनहरा मौका साबित हुआ।

पूरी योजना के साथ अंजाम दी चोरी

चोरों ने बैंक की सुरक्षा में खामियों का फायदा उठाते हुए वारदात को अंजाम दिया। बैंक के बाहर खाली पड़े प्लॉट की ओर से सेंध लगाकर वे अंदर घुसे। चोरों को न केवल बैंक के अंदर जाने का सही रास्ता पता था, बल्कि उन्हें यह भी जानकारी थी कि लॉकर कहां रखे हैं। चोरी के लिए शनिवार की रात इसलिए चुनी गई क्योंकि रविवार को बैंक बंद रहता है। इस दौरान चोरी का पता लगने में देरी होना स्वाभाविक था। चोरों ने घटना स्थल से 200 मीटर दूर अपनी बाइकें खड़ी कीं और पैदल बैंक तक पहुंचे।

शक के घेरे में बैंक कर्मचारी

पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज और सक्रिय मोबाइल नंबरों की जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, पुलिस ने बैंककर्मियों की सूची बनाकर उनकी भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है।

पुलिस और फॉरेंसिक टीम की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। शाम तक यूपी एसटीएफ की टीम ने भी जांच में सहयोग किया। डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने घटनास्थल से सबूत जुटाए।

पिछले मामलों पर भी उठे सवाल

यह पहली बार नहीं है जब लखनऊ में बैंकों की सुरक्षा पर सवाल उठे हैं। इससे पहले भी कई बैंक और एटीएम चोरी के शिकार हो चुके हैं:

  • 26 दिसंबर 2023: मड़ियांव इलाके में पंजाब नेशनल बैंक में चोरी का प्रयास।
  • 3 अप्रैल 2023: एसबीआई के एटीएम से 39.58 लाख रुपये चोरी।
  • 7 फरवरी 2021: चिनहट के मटियारी इलाके में केनरा बैंक के एटीएम से 8.40 लाख रुपये की चोरी।

क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?

बैंकिंग सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाएं तब होती हैं जब सुरक्षा के मानकों का सही से पालन नहीं किया जाता। किसी भी बैंक में गार्ड की तैनाती, अलार्म सिस्टम की नियमित जांच और सीसीटीवी कैमरों का सही उपयोग जरूरी है। यह घटना बैंकिंग सुरक्षा में बड़ी लापरवाही को उजागर करती है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन यह घटना अन्य बैंकों के लिए भी चेतावनी है कि वे अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करें।

पूरा घटनाक्रम ऐसे हुआ

  • शनिवार रात 12:35 बजे: चोर बैंक में घुसे।
  • रविवार सुबह 4:00 बजे: चोरी की वारदात पूरी कर फरार।
  • दोपहर 1:00 बजे: पुलिस को सूचना मिली।
  • दोपहर 1:30 बजे: पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।
  • दोपहर 2:20 बजे: डॉग स्क्वायड ने जांच शुरू की।
  • शाम 4:30 बजे: फॉरेंसिक टीम ने सबूत जुटाए।
  • शाम 6:30 बजे: पुलिस ने प्रारंभिक जांच पूरी की।

यह घटना न केवल बैंक प्रशासन की बड़ी चूक को दर्शाती है, बल्कि अन्य बैंकों के लिए भी यह एक गंभीर चेतावनी है।


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