H-1B वीजा पर मस्क-ट्रम्प का यू-टर्न: सुधार की जरूरत या नई रणनीति?

H-1B वीजा पर मस्क-ट्रम्प का यू-टर्न: सुधार की जरूरत या नई रणनीति?

H-1B Visa Reform | H-1B वीजा को लेकर अमेरिका में एक बार फिर बहस छिड़ गई है। टेस्ला के मालिक और ट्रम्प प्रशासन में शामिल होने जा रहे एलन मस्क ने इस वीजा प्रोग्राम को लेकर नए बयान दिए हैं। उन्होंने H-1B वीजा को “समाप्त जैसा” बताते हुए इसमें बड़े सुधारों की वकालत की है। मस्क ने कहा कि इस प्रोग्राम में न्यूनतम वेतन और अन्य प्रावधानों में सुधार करना बेहद जरूरी है। उनका कहना है कि इससे वीजा का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा और अमेरिका की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। इस बयान के कुछ दिनों पहले ही मस्क ने H-1B वीजा के समर्थन में पोस्ट किया था और इसे बचाने की कसम खाई थी।

मस्क और रामास्वामी का समर्थन

मस्क के अलावा ट्रम्प प्रशासन में शामिल होने जा रहे भारतवंशी विवेक रामास्वामी भी H-1B वीजा के प्रबल समर्थक हैं। उनका कहना है कि यह वीजा प्रोग्राम अमेरिका को विश्वभर से टैलेंटेड लोगों को आकर्षित करने में मदद करता है। आंकड़ों के मुताबिक, हर साल करीब 45,000 भारतीय इस वीजा के जरिए अमेरिका में काम करने जाते हैं। मजेदार बात यह है कि खुद मस्क भी साउथ अफ्रीका से अमेरिका H-1B वीजा के जरिए आए थे।

ट्रम्प का बदला रुख

डोनाल्ड ट्रम्प, जो हाल तक H-1B वीजा प्रोग्राम के आलोचक थे, अब इसके समर्थन में आ गए हैं। शनिवार, 28 दिसंबर को न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वे हमेशा से इस प्रोग्राम के समर्थक रहे हैं। ट्रम्प ने कहा,
“मैं H-1B वीजा को बेहतरीन प्रोग्राम मानता हूं। मेरी अपनी कंपनियों में भी कई लोग H-1B वीजा पर काम कर रहे हैं। यह प्रोग्राम अमेरिकी कंपनियों को टैलेंटेड लोगों को नियुक्त करने का मौका देता है।”

H-1B वीजा क्या है?

H-1B वीजा एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विशेष तकनीकी दक्षता वाले विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। यह खासतौर पर IT, हेल्थकेयर, आर्किटेक्चर, और इंजीनियरिंग जैसे सेक्टर के लिए है।
इस वीजा का आधार एम्पलॉयर का जॉब ऑफर होता है। यदि एम्पलॉयर नौकरी से निकाल देता है और कोई नया एम्पलॉयर जॉब ऑफर नहीं करता, तो वीजा समाप्त हो जाता है।

ट्रम्प समर्थकों की बंटी राय

हालांकि, H-1B वीजा पर ट्रम्प समर्थकों की राय आपस में बंटी हुई है। जहां मस्क और विवेक रामास्वामी जैसे लोग इसके समर्थन में हैं, वहीं ट्रम्प समर्थक लॉरा लूमर, मैट गेट्ज और एन कूल्टर जैसे लोग इसे अमेरिकी नागरिकों की नौकरियों के लिए खतरा मानते हैं। उनका कहना है कि यह प्रोग्राम अमेरिकी श्रमिकों को नुकसान पहुंचाता है।

मस्क का सुझाव: सुधार के लिए कदम

मस्क ने इस प्रोग्राम में सुधार की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम वेतन बढ़ाने और प्रोग्राम की बेहतर मॉनिटरिंग से इसे ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकता है।

अमेरिका के लिए H-1B की अहमियत

H-1B वीजा अमेरिकी टेक कंपनियों के लिए बेहद अहम है। भारत और चीन से हर साल हजारों पेशेवर इस वीजा के जरिए अमेरिका आते हैं और अपनी विशेषज्ञता से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाते हैं।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

विशेषज्ञों का मानना है कि H-1B वीजा का सही तरीके से इस्तेमाल अमेरिका के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, इसके गलत इस्तेमाल को रोकने और अमेरिकी श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए सख्त नियम बनाने की जरूरत है।

सुधार की ओर बढ़ता अमेरिका

H-1B वीजा पर मस्क और ट्रम्प के बदले रुख से साफ है कि अमेरिका में विदेशी प्रतिभा को लेकर नया दृष्टिकोण उभर रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस प्रोग्राम में क्या बदलाव होते हैं और इसका अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ता है।


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