viral fever | वायरल बुखार, डेंगू, और मलेरिया से खुद को बचाए: संक्रमण से बचाव के लिए आयुर्वेदिक सलाह
viral fever | वर्षा ऋतु और शरद ऋतु के संधि काल में वायरल बुखार (viral fever), डेंगू (dengue), और मलेरिया (malaria) जैसे संक्रमण तेजी से फैल सकते हैं। इस समय अग्नि (digestive fire) दुष्ट हो जाती है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) कम हो जाती है और लोग जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं। इसलिए इस समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
वैद्य रामतीर्थ शर्मा, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय, उज्जैन, ने इस समय होने वाले बुखार और संक्रमण से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक उपाय सुझाए हैं।
viral feverभोजन और आहार संबंधी सावधानियां
इस मौसम में भोजन (diet) का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण होता है। वैद्य शर्मा के अनुसार, इस समय बासा (stale), ठंडा (cold), भारी (heavy), रुखा (dry), पैकफुड (packaged food), आइसक्रीम (ice cream), और फ्रीज का सामान (refrigerated food) से बचना चाहिए। इन चीजों के सेवन से शरीर में कफ (phlegm) और वात (air) दोष बढ़ सकते हैं, जिससे शरीर की अग्नि और अधिक दुष्ट हो जाती है और बुखार या संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इसके बजाय, ताजा (fresh), गर्म (warm), और घृत (घी) युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए।
शाम के समय हल्का (light) भोजन जैसे थूली (thin gruel), दलिया (porridge), या खिचड़ी (khichdi) लेना उचित होता है। केवल गेहूं (wheat) की रोटी के बजाय, मिक्स अन्न (mixed grains) जैसे बाजरा (millet), ज्वार (sorghum), रागी (finger millet) का सेवन करना चाहिए। इससे शरीर को पोषक तत्व (nutrients) मिलते हैं और अग्नि संतुलित रहती है। इसके अलावा, ताजे फलों (fresh fruits) का सेवन करें, जो शरीर को आवश्यक विटामिन (vitamins) और मिनरल्स (minerals) प्रदान करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) को बढ़ाते हैं।
आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन
इस मौसम में संक्रमण से बचाव के लिए आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन भी फायदेमंद हो सकता है। वैद्यकीय परामर्श (medical advice) के अनुसार, निम्नलिखित औषधियों का सेवन करने से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा:
1. गिलोय (Giloy): गिलोय को आयुर्वेद में अमृत (nectar) के समान माना गया है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) को बढ़ाता है और बुखार (fever) को कम करने में सहायक है।
2. महा सुदर्शन घन वटी (Maha Sudarshan Ghan Vati): यह औषधि वायरल बुखार (viral fever), डेंगू (dengue), और मलेरिया (malaria) जैसे संक्रमण से बचाव के लिए उपयोगी है। यह शरीर से विषाक्त तत्वों (toxins) को बाहर निकालती है और शरीर की अग्नि (digestive fire) को संतुलित करती है।
3. अमृतारिष्ट (Amritarishta): अमृतारिष्ट एक आयुर्वेदिक टॉनिक (Ayurvedic tonic) है जो पाचन शक्ति (digestive power) को सुधारता है और शरीर को संक्रमण (infection) से लड़ने में मदद करता है। इसका नियमित सेवन शरीर को ताकत (strength) और ऊर्जा (energy) प्रदान करता है।
4. संशमनी वटी (Sanshamani Vati): यह वटी विशेष रूप से बुखार (fever) और संक्रमण (infection) को कम करने में प्रभावी है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) को बढ़ाकर संक्रमण से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है।
स्वास्थ्य के अन्य उपाय
इस मौसम में अपने स्वास्थ्य (health) को बनाए रखने के लिए केवल औषधियों और आहार पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। जीवनशैली (lifestyle) में कुछ छोटे-छोटे बदलाव भी आवश्यक होते हैं।
1. शारीरिक गतिविधि (physical activity): नियमित योग (yoga) और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज (exercise) करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढ़ती है और शरीर में ऊर्जा (energy) का संचार होता है।
2. पर्याप्त नींद (adequate sleep): अच्छी नींद (sleep) शरीर को संक्रमण (infection) से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है। प्रतिदिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।
3. साफ-सफाई (hygiene): घर और आसपास की साफ-सफाई (cleanliness) पर ध्यान दें। मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी (mosquito net) का प्रयोग करें और घर में पानी इकट्ठा न होने दें।
वर्षा और शरद ऋतु के संधि काल में वायरल बुखार (viral fever), डेंगू (dengue), और मलेरिया (malaria) जैसे संक्रमणों से बचाव के लिए आयुर्वेदिक उपाय अत्यंत लाभकारी होते हैं। वैद्य रामतीर्थ शर्मा द्वारा सुझाए गए इन उपायों का पालन करके आप अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य (health) की रक्षा कर सकते हैं। आयुर्वेदिक औषधियों (Ayurvedic medicines) का सेवन और सही आहार (diet) का पालन इस मौसम में बुखार और संक्रमण से बचने में अत्यधिक सहायक हो सकते हैं।
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