Supreme Court Criminal Politicians Case | केंद्र सरकार ने आपराधिक नेताओं को आजीवन अयोग्य ठहराए जाने का विरोध किया
Supreme Court Criminal Politicians Case | सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें आपराधिक मामलों में दोषी पाए गए राजनेताओं पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। इस याचिका के खिलाफ केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर किया है, जिसमें उसने आजीवन प्रतिबंध को एक कठोर निर्णय बताते हुए इसके बजाय छह साल का प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है।
याचिका का विवरण
याचिका को वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि दोषी राजनेताओं को चुनाव लड़ने से आजीवन अयोग्य ठहराया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने विधायकों और सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामलों का त्वरित निपटारा करने की भी मांग की है। उपाध्याय का तर्क है कि जब एक जनप्रतिनिधि आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होता है, तो उसे जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए और उसे चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखा जाना चाहिए। Supreme Court Criminal Politicians Case
केंद्र सरकार का हलफनामा
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि आजीवन प्रतिबंध एक अत्यधिक कठोर निर्णय होगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि जनप्रतिनिधियों को अयोग्य ठहराने का निर्णय पूरी तरह से संसद के विशेषाधिकार के अंतर्गत आता है। हलफनामे में कहा गया है कि सदन किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने का निर्णय लेने में सक्षम है, और यह प्रक्रिया संसद के अधिकार क्षेत्र में आती है।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 और 9
अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका के माध्यम से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 और 9 को चुनौती दी है। केंद्र सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि धारा 8(1) के तहत अयोग्यता की अवधि दोषसिद्धि की तारीख से छह वर्ष या कारावास के मामले में रिहाई की तारीख से छह वर्ष मानी जाती है।
धारा 9 के अनुसार, यदि कोई सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार का दोषी पाया जाता है या राज्य के विरुद्ध कार्य करता है, तो उसे बर्खास्तगी की तारीख से पांच वर्ष के लिए अयोग्य घोषित किया जाता है। उपाध्याय ने जनप्रतिनिधियों और सरकारी कर्मचारियों दोनों को आजीवन अयोग्य ठहराए जाने की मांग की थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को महसूस करते हैं। Supreme Court Criminal Politicians Case
सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
इस याचिका और केंद्र सरकार के हलफनामे का सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव महत्वपूर्ण हो सकता है। यदि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका को स्वीकार करता है और आजीवन प्रतिबंध लगाने का आदेश देता है, तो यह भारतीय राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। इससे उन नेताओं पर नकेल कसी जा सकेगी, जो आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं और जो जनता के विश्वास को तोड़ते हैं।
भविष्य की संभावनाएँ
इस मामले में आगे की सुनवाई और निर्णय का इंतजार किया जा रहा है। यदि सुप्रीम कोर्ट आजीवन प्रतिबंध लगाने का आदेश देता है, तो यह भारतीय राजनीति में एक नई दिशा प्रदान कर सकता है। इससे न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह जनप्रतिनिधियों के प्रति जनता के विश्वास को भी बढ़ाएगा। Supreme Court Criminal Politicians Case
केंद्र सरकार का आजीवन प्रतिबंध के खिलाफ हलफनामा और अश्विनी उपाध्याय की याचिका, दोनों ही भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देती हैं। यह मामला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी भेजता है। आने वाले समय में इस मामले का परिणाम भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। Supreme Court Criminal Politicians Case
यह भी पढ़ें….
भगवान महाकाल बने दूल्हा, सिर पर सजा तीन क्विंटल फूलों से बना सेहरा
मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।