चंद्र ग्रहण 2025: होली के दिन भारत में दिखाई देगा या नहीं?

चंद्र ग्रहण 2025: होली के दिन भारत में दिखाई देगा या नहीं?

Chandra Grahan 2025 | साल 2025 का तीसरा महीना, यानी मार्च, अब शुरू हो चुका है। यह महीना वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है, जब प्रकृति अपने रंग-बिरंगे रूप में खिल उठती है। मार्च का महीना विशेष रूप से होली पर्व के लिए जाना जाता है, जिसका हर व्यक्ति साल भर इंतजार करता है। Chandra Grahan 2025

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मार्च का महीना फाल्गुन का होता है। इस महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन किया जाता है, जिसके अगले दिन धूमधाम से होली खेली जाती है। इस वर्ष, पूर्णिमा तिथि 13 मार्च 2025 को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 14 मार्च 2025 को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर होगा। इस प्रकार, 13 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा, जबकि 14 मार्च को रंगों की होली मनाई जाएगी।

चंद्र ग्रहण का प्रभाव

इस वर्ष होली पर एक विशेष खगोलीय घटना भी घटित होने जा रही है, जो है साल का पहला चंद्र ग्रहण। यह चंद्र ग्रहण 14 मार्च को सुबह 9 बजकर 29 मिनट से दोपहर 3 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। हालांकि, यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इसका मतलब है कि इसका कोई प्रभाव होली के त्योहार पर नहीं पड़ेगा।

आपको बता दें कि यह चंद्र ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, यूरोप के अधिकांश भाग, अफ्रीका के बड़े हिस्से, प्रशांत, अटलांटिक और आर्कटिक महासागर, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, पूर्वी एशिया तथा अंटार्कटिका में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा।

चंद्र ग्रहण के प्रकार

चंद्र ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, जो तब घटित होती है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आते हैं। इस स्थिति में, पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। चंद्र ग्रहण मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:

  1. आंशिक चंद्र ग्रहण: जब केवल चंद्रमा का एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में आता है।
  2. पूर्ण चंद्र ग्रहण: जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाता है।
  3. उपछाया चंद्रग्रहण: जब चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में आता है, जिससे उसकी चमक में थोड़ी कमी आती है।

चंद्र ग्रहण के दौरान क्या न करें

ग्रहण के समय कुछ विशेष सावधानियाँ बरतनी चाहिए, विशेषकर गर्भवती महिलाओं को। इस समय निम्नलिखित कार्यों से बचना चाहिए:

  • खानपान का सेवन: ग्रहण के समय भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • बाहर आना-जाना: ग्रहण के दौरान बाहर जाने से बचें।
  • सुई से जुड़ा कार्य: सुई, कैंची या नुकीली चीजों का उपयोग न करें।
  • पूजा-पाठ: ग्रहण के समय पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए और मंदिर को भी नहीं छूना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
  • सिलाई-कढ़ाई: इस दौरान सिलाई-कढ़ाई और बालों में कंघा करने से भी बचना चाहिए।

मार्च का महीना न केवल वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि यह होली जैसे महत्वपूर्ण पर्व का भी समय है। इस वर्ष होली पर चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना इसे और भी खास बना देती है। हालांकि, भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसके प्रभाव और सावधानियों को ध्यान में रखते हुए, सभी को इस पर्व का आनंद लेना चाहिए। होली का त्योहार प्रेम, भाईचारे और रंगों का प्रतीक है, और इसे धूमधाम से मनाने का समय आ गया है। Chandra Grahan 2025


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