फांसी से पहले आखिरी इच्छा क्यों पूछी जाती है? जानिए इस रहस्यमय परंपरा का इतिहास और वैज्ञानिक कारण
Fascinating Tradition Of Last Wishes On Death Row | नई दिल्ली, 4 अप्रैल 2025 : फिल्मों और वास्तविक जीवन में अक्सर देखा गया है कि फांसी की सजा पाए कैदी से उसकी “आखिरी इच्छा” पूछी जाती है। कुछ अपनी पसंद का भोजन मांगते हैं, तो कुछ परिवार से मिलना चाहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह परंपरा कैसे शुरू हुई? क्या वाकई कोई कैदी “मुझे फांसी मत दो” जैसी इच्छा जता सकता है? आइए, इस रोचक और रहस्यमय प्रथा के पीछे के इतिहास, मनोविज्ञान और कानूनी पहलुओं को समझते हैं। Fascinating Tradition Of Last Wishes On Death Row
परंपरा की शुरुआत: 18वीं सदी के इंग्लैंड से जुड़ा है इतिहास
- ब्रिटिश काल की देन: यह प्रथा 18वीं शताब्दी में इंग्लैंड में शुरू हुई, जहां दोषियों को फांसी देने से पहले उनकी “Last Wish” पूछी जाती थी।
- मान्यता: उस समय यह विश्वास था कि यदि किसी की अंतिम इच्छा पूरी न की जाए, तो उसकी आत्मा भटकती रहेगी।
- भारत में प्रचलन: ब्रिटिश शासन के दौरान यह परंपरा भारत आई और आज तक चली आ रही है।
क्यों पूछी जाती है आखिरी इच्छा? वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारण
- मानवीय दृष्टिकोण: फांसी देने से पहले कैदी को मानसिक शांति देने का प्रयास।
- धार्मिक महत्व: अंतिम समय में धार्मिक अनुष्ठान (जैसे पुजारी/मौलवी से मिलना) की अनुमति देना।
- कानूनी बाध्यता नहीं: जेल मैनुअल में इसका कोई आधिकारिक प्रावधान नहीं है, लेकिन यह एक सदियों पुरानी परंपरा है।
क्या हर इच्छा पूरी की जाती है? जानिए रोचक तथ्य
- भोजन की मांग: अधिकतर कैदी मिठाई, बिरयानी या फल मांगते हैं।
- उदाहरण: 26/11 के आतंकी अजमल कसाब ने चिकन खाने की इच्छा जताई थी।
- परिवार से मिलना: कुछ कैदी अंतिम बार अपनों से मिलना चाहते हैं।
- धार्मिक किताबें: कुरान, गीता या बाइबल पढ़ने की अनुमति दी जाती है।
- क्या मना किया जा सकता है?
- अगर कोई कैदी “मुझे माफ कर दो” या “फांसी रोक दो” जैसी मांग करे, तो उसे मानने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।
- खतरनाक वस्तुएं (जैसे चाकू, शराब) भी नहीं दी जातीं।
भारत में फांसी की प्रक्रिया: कैसे पूछी जाती है आखिरी इच्छा?
- जेल अधिकारियों द्वारा: फांसी से 24 घंटे पहले कैदी से पूछा जाता है।
- मनोवैज्ञानिक सहायता: कुछ जेलों में काउंसलिंग भी दी जाती है।
- रिकॉर्ड में दर्ज: इच्छा को जेल दस्तावेजों में नोट किया जाता है।
दुनिया भर में क्या है नियम?
देश | आखिरी इच्छा का नियम |
---|---|
अमेरिका | टेक्सास जैसे राज्यों में “Last Meal” की परंपरा है। |
जापान | कैदी को परिवार से अंतिम बातचीत की अनुमति। |
सऊदी अरब | धार्मिक इच्छाएं (जैसे नमाज पढ़ना) पूरी की जाती हैं। |
विवाद: क्या यह परंपरा अमानवीय है?
- समर्थकों का तर्क: यह मानवीय संवेदना का प्रतीक है।
- विरोधियों की राय: अपराधियों को विशेषाधिकार देने जैसा है।
- भारत में बहस: कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कानूनी नहीं, बल्कि नैतिक प्रथा है।
एक परंपरा जो मौत के साये में भी इंसानियत को जिंदा रखती है
फांसी से पहले आखिरी इच्छा पूछने की प्रथा मानवीय संवेदनाओं और ऐतिहासिक मान्यताओं का मिश्रण है। हालांकि यह कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है, लेकिन इसे न्यायिक प्रक्रिया का एक संवेदनशील पहलू माना जाता है। क्या आपको लगता है कि यह परंपरा जारी रहनी चाहिए? अपने विचार कमेंट में बताएं। Fascinating Tradition Of Last Wishes On Death Row
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।