मुर्शिदाबाद हिंसा पर भड़के योगी आदित्यनाथ, ममता सरकार पर हिंदुओं की हत्या और पलायन का आरोप, वक्फ संपत्ति पर कब्जे को लेकर उठाए सवाल

मुर्शिदाबाद हिंसा पर भड़के योगी आदित्यनाथ, ममता सरकार पर हिंदुओं की हत्या और पलायन का आरोप, वक्फ संपत्ति पर कब्जे को लेकर उठाए सवाल

Murshidabad violence | कोलकाता/लखनऊ: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ अधिनियम को लेकर हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रविवार को उन्होंने ममता बनर्जी की सरकार पर जमकर हमला बोला और आरोप लगाया कि हिंसा के दौरान हिंदुओं को उनके घरों से घसीटकर बेरहमी से मार डाला गया और उन्हें पलायन के लिए मजबूर किया गया। योगी आदित्यनाथ ने इस हिंसा को सुनियोजित बताते हुए वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे के मुद्दे को भी उठाया और आश्चर्य जताया कि यह वही देश है जहां वक्फ के नाम पर लाखों एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। Murshidabad violence

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अत्यंत दुख और आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तीन दलित और वंचित हिंदुओं को उनके घरों से निकालकर बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी गई। हिंसा भड़काई गई और इन गरीब लोगों को निशाना बनाया गया, जबकि सच्चाई यह है कि वक्फ संपत्तियों पर होने वाले अवैध कब्जों से सबसे ज्यादा नुकसान इन्हीं कमजोर वर्गों को होता है।” उन्होंने सवाल उठाया कि इन हत्याओं को अंजाम देने वाले कौन लोग हैं और उन्हें ऐसा करने की हिम्मत कहां से मिली।

योगी आदित्यनाथ ने वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि यह विडंबना है कि एक तरफ वक्फ के नाम पर लाखों एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है, जिसके कोई वैध कागजात या राजस्व रिकॉर्ड मौजूद नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब से वक्फ संशोधन विधेयक पारित हुआ है और इन अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई है, तभी से हिंसा भड़काई जा रही है ताकि सरकार को कार्रवाई करने से रोका जा सके और अवैध कब्जेदार अपनी मनमानी जारी रख सकें। Murshidabad violence

मुर्शिदाबाद में हिंसा का घटनाक्रम:

गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में, मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ अधिनियम के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के दौरान हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें एक पिता और पुत्र सहित तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस व्यापक हिंसा के मद्देनजर, कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक विशेष पीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए मुर्शिदाबाद में “तत्काल” केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था। इसके बाद, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को मौके पर तैनात किया गया, जिसके बाद स्थिति पर कुछ हद तक काबू पाया जा सका।

बीएसएफ के डीआईजी नीलोत्पल कुमार पांडे ने रविवार को मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल के इस संवेदनशील जिले में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है, लेकिन केंद्रीय बलों की तैनाती के बाद नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कई इलाकों में तनाव की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन आज स्थिति में सुधार देखने को मिला है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी संबंधित पक्षों के प्रयासों से जिले में जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी और लोग शांतिपूर्वक अपना जीवन जी सकेंगे।

शुभेंदु अधिकारी का गंभीर आरोप: 400 हिंदुओं का पलायन:

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने रविवार को एक सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान इलाके में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद 400 से अधिक हिंदुओं को डर के मारे अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है। अधिकारी ने इस हिंसा के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की “तुष्टीकरण की राजनीति” को जिम्मेदार ठहराया और विस्थापित हुए हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।

शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की नीति अपना रही है, जिसके कारण कट्टरपंथी तत्वों का हौसला बुलंद है और वे हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत चिंताजनक है कि अपने ही देश में लोगों को धार्मिक आधार पर हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है और उन्हें अपना घर-बार छोड़कर भागने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार तत्काल प्रभावी कदम उठाए और हिंसा के दोषियों को कड़ी सजा दे, साथ ही पलायन करने वाले हिंदुओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करे और उन्हें सुरक्षा प्रदान करे। Murshidabad violence

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज:

मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर राज्य की राजनीति गरमा गई है। भाजपा लगातार ममता बनर्जी सरकार पर कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने और सांप्रदायिक तत्वों को संरक्षण देने का आरोप लगा रही है। वहीं, टीएमसी ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए भाजपा पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करने का पलटवार किया है। राज्य सरकार ने हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है और दोषियों को जल्द पकड़ने का आश्वासन दिया है।

हालांकि, विपक्षी दलों का आरोप है कि राज्य सरकार मामले की लीपापोती करने की कोशिश कर रही है और पीड़ितों को न्याय दिलाने में गंभीर नहीं है। उनका कहना है कि केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और सरकार को पीड़ितों की सुरक्षा और पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

मुर्शिदाबाद की हिंसा ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक सद्भाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। योगी आदित्यनाथ और शुभेंदु अधिकारी जैसे बड़े नेताओं के गंभीर आरोपों के बाद, इस मामले पर राजनीतिक घमासान और तेज होने की संभावना है। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार इस स्थिति को कैसे संभालती है और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाती है। Murshidabad violence


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