घर की छत पर पानी की टंकी की व्यवस्था करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
- छत पर पानी की टंकी की सही दिशा: वास्तु शास्त्र के अनुसार, ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) को जल की व्यवस्था के लिए सबसे शुभ माना जाता है। हालांकि, जब छत पर पानी का भंडारण करने के लिए पानी की टंकी स्थापित करने की बात आती है, तो इसकी व्यवस्था हमेशा नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम दिशा), दक्षिण या पश्चिम दिशा में करनी चाहिए। ऐसा इसलिए है ताकि ईशान कोण पर अधिक भार न पड़े, जो कि शुभता का केंद्र माना जाता है। वास्तु शास्त्र में पश्चिम और दक्षिण दिशा को जल के स्रोत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है, लेकिन पानी इकट्ठा करने के लिए छत के ऊपर टंकी आदि का निर्माण किया जा सकता है। वास्तु शास्त्र में घर की छत पर टंकी की इस व्यवस्था के लिए नैऋत्य दिशा को ‘उत्तम’ फलदायक माना गया है, जबकि पश्चिम और दक्षिण दिशा को ‘मध्यम’ फलदायक माना जाता है। Vastu Tips
घर के नल से जुड़े महत्वपूर्ण वास्तु नियम:
- टपकते नल को तुरंत ठीक कराएं: यदि आपके घर में कोई भी ऐसा पानी का नल है जिससे लगातार पानी टपकता रहता है, तो उसे तुरंत ठीक कराएं या बदल दें। वास्तु शास्त्र में नल से पानी का बहना धन की हानि का प्रतीक माना जाता है। यह घर की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
- टूटे या जंग लगे नल से बचें: इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि घर का कोई भी नल टूटा हुआ या उसमें जंग लगा हुआ न हो। यदि ऐसा है, तो उसे तुरंत ठीक कराएं या बदल दें। टूटे और जंग लगे नल नकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।
- पानी का रिसाव वास्तु दोष का कारण: वास्तु के अनुसार, घर में नल से पानी कभी भी टपकता हुआ नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है। इस दोष के कारण व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और घर में अशांति का माहौल बन सकता है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करें कि आपके घर में किसी भी नल या पाइप से किसी भी प्रकार का लीकेज न हो। पानी का रिसाव भी आर्थिक नुकसान और नकारात्मक ऊर्जा का सूचक है। Vastu Tips
बोरिंग या कुआं खुदवाने के लिए शुभ नक्षत्र और दिन:
- शुभ नक्षत्रों का चयन: अपने घर में बोरिंग करवाने के लिए वास्तु शास्त्र में कुछ विशेष नक्षत्रों को शुभ माना गया है। ये नक्षत्र हैं: रोहिणी, पुष्य, मघा, मृगशिरा, हस्त, अनुराधा और धनिष्ठा। इन नक्षत्रों में बोरिंग करवाने से सकारात्मक ऊर्जा और जल की प्रचुरता बनी रहती है।
- शुभ राशियों में चंद्रमा की स्थिति: इन नक्षत्रों के अलावा, यदि चंद्रमा मकर, मीन और कर्क राशि में स्थित हो, तो भी घर में बोरिंग करवाना उत्तम माना जाता है। चंद्रमा की यह स्थिति जल तत्व को मजबूत करती है।
- कुआं खुदवाने के लिए वास्तु नियम: घर में कुआं खुदवाने के लिए भी वास्तु शास्त्र में विशेष नियम बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि गुरु और बुध लग्न में स्थित हों और शुक्र दशम स्थान में हो, तो घर में कुआं खुदवाना शुभ माना जाता है। यह ग्रहों की स्थिति घर में जल की स्थिरता और समृद्धि लाती है।
- बोरिंग और कुआं खुदवाने के लिए शुभ दिन: बोरिंग करवाने या कुआं खुदवाने के लिए सप्ताह के कुछ दिन विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं। ये दिन हैं: सोमवार, गुरुवार, बुधवार और शुक्रवार। इन दिनों में जल संबंधी कार्य करने से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
- स्थान का ध्यान रखें: बोरिंग करवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उस जगह के ठीक ऊपर पार्किंग न हो। साथ ही, बोरिंग और कुएं के ठीक सामने घर का मुख्य द्वार भी नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है। यह वेध नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने का मार्ग दे सकता है।
घर में जल की सही व्यवस्था वास्तु शास्त्र के अनुसार करने से न केवल आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है, बल्कि यह आपके परिवार के सदस्यों की किस्मत को भी चमका सकता है। इन वास्तु टिप्स को अपनाकर आप अपने जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली ला सकते हैं। Vastu Tips
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