चीन में मिला नया घातक वायरस, रोगी कोमा में पहुंचा

Wetland Virus | चीन में मिला नया घातक वायरस, रोगी कोमा में पहुंचा: दिमाग को करता है सीधे प्रभावित

Wetland Virus | नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Corona Virus) के बाद चीन से एक और खतरनाक वायरस की खबर आई है, जिसने लोगों को दहशत में डाल दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह नया वायरस जो टिक के काटने से फैलता है, सीधे दिमाग पर असर डालता है और एक मरीज को तो कोमा में भी भेज चुका है। इसका नाम वेटलैंड वायरस (Wetland Virus) रखा गया है, जो बेहद गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। यह वायरस पहली बार 2019 में चीन के इनर मंगोलिया क्षेत्र में देखा गया था और अब यह फिर से चर्चा में है।

वायरस की उत्पत्ति और फैलाव

2019 में चीन के जिनझोउ शहर के एक 61 वर्षीय व्यक्ति को टिक (Tick) ने काटा था, और उसके कुछ दिनों बाद वह अचानक गंभीर रूप से बीमार पड़ गया। जांच के बाद पता चला कि वह व्यक्ति ऑर्थोनेरोवायरस (Orthonairovirus) से संक्रमित था। यह वायरस नैरोविरिडे परिवार में आता है और यह टिक-जनित वायरसों का एक हिस्सा है, जिसे हजारा ऑर्थोनेरोवायरस जीनोग्रुप से जुड़ा माना जाता है।

इस वायरस को लेकर सबसे बड़ी चिंता इसकी मानव शरीर पर पड़ने वाली तीव्र प्रतिक्रिया (Severe Reaction on Human Body) है। जहां यह शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करता है, वहीं सबसे खतरनाक पहलू यह है कि यह सीधे दिमाग पर हमला करता है। वेटलैंड वायरस के कई मामलों में यह देखा गया है कि यह मस्तिष्क की सामान्य कार्यप्रणाली को बाधित करता है, जिससे न्यूरोलॉजिक समस्याएं पैदा होती हैं।

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मरीजों में दिखते लक्षण: बुखार से लेकर न्यूरोलॉजिकल समस्या तक

चीन में इस वायरस से संक्रमित 17 मरीजों की पहचान की गई है। इन रोगियों में प्रमुख लक्षणों में बुखार (Fever), सिरदर्द (Headache), चक्कर आना (Dizziness), गठिया (Arthritis), और पीठ दर्द (Back Pain) शामिल हैं। विशेष रूप से, एक मरीज में न्यूरोलॉजिकल लक्षण (Neurological Symptoms) भी पाए गए, जो बताते हैं कि यह वायरस दिमागी गतिविधियों पर कितना गहरा असर डाल सकता है। एक गंभीर मरीज को कोमा में जाते हुए भी देखा गया है, जो इस वायरस की तीव्रता का संकेत है।

Wetland Virus
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वायरस कितना खतरनाक है?

हालांकि, इस नए वायरस के सभी संक्रमित मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं, लेकिन यह वायरस कितना खतरनाक हो सकता है, इसका अंदाजा हाल ही में किए गए शोध से लगाया जा सकता है। चीन के कुछ क्षेत्रों में वन रेंजरों (Forest Rangers) के रक्त के नमूनों की जांच की गई, जिसमें से 640 लोगों में से 12 लोगों में इस वायरस के प्रति एंटीबॉडी पाई गई। इसका मतलब है कि वे लोग पहले इस वायरस के संपर्क में आ चुके हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस भविष्य में भी गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, खासकर तब जब इसका प्रसार नियंत्रित नहीं किया गया। इस वायरस के बारे में अभी भी कई बातें अज्ञात हैं और वैज्ञानिक इस पर लगातार रिसर्च कर रहे हैं ताकि इसके प्रभावों और रोकथाम के तरीकों का पता लगाया जा सके।

वायरस से बचाव के तरीके

चूंकि यह वायरस टिक काटने (Tick Bite) से फैलता है, इसलिए इससे बचाव के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं। सबसे पहले, उन क्षेत्रों में जाने से बचें जहां टिक पाए जाते हैं, खासकर घास वाले या वन क्षेत्रों में। इसके अलावा, शरीर को पूरी तरह से ढककर रखें ताकि टिक को शरीर पर चढ़ने का मौका न मिले। टिक को तुरंत हटाना भी एक जरूरी कदम है क्योंकि यह वायरस टिक के काटने के तुरंत बाद फैल सकता है।

  1. सुरक्षात्मक कपड़े पहनें (Wear Protective Clothing): वन क्षेत्रों या अन्य जोखिम वाले क्षेत्रों में जाने से पहले शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनें।
  2. टिक हटाएं (Remove Ticks): यदि शरीर पर टिक चढ़ गया है, तो उसे सावधानीपूर्वक हटाएं। टिक हटाने के लिए उचित उपकरणों का उपयोग करें और इसे हटाते समय सावधानी बरतें ताकि वायरस का प्रसार न हो।
  3. रोगियों की निगरानी करें (Monitor Patients): जिन लोगों को टिक काट चुका है, उन्हें ध्यानपूर्वक मॉनिटर करें ताकि किसी भी लक्षण के उभरते ही उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा सके।

चीन में वायरस के प्रसार पर नजर

चीन में इस वायरस की निगरानी लगातार की जा रही है। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी इस वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कई एहतियाती कदम उठा रहे हैं। शोधकर्ताओं ने कहा है कि इस वायरस को लेकर और भी अध्ययन किए जाने की जरूरत है ताकि इसके फैलाव के तरीकों और इसके प्रभावों को बेहतर तरीके से समझा जा सके।

द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन (New England Journal of Medicine) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वायरस को लेकर अधिकतम सतर्कता बरती जानी चाहिए, क्योंकि यह वायरस मानव स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। हाल ही में जिस प्रकार एक मरीज कोमा में गया, वह इस वायरस की गंभीरता को स्पष्ट करता है। हालांकि, चीन में इससे संक्रमित सभी रोगी स्वस्थ हो चुके हैं, लेकिन यह वायरस भविष्य में और अधिक घातक साबित हो सकता है।

भविष्य की चुनौतियाँ

वेटलैंड वायरस को लेकर अभी भी कई बातें सामने नहीं आई हैं, जैसे कि इसका पूरी तरह से इलाज कैसे किया जा सकता है, और इसे फैलने से रोकने के सबसे प्रभावी तरीके क्या हो सकते हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि टिक-जनित वायरसों के खिलाफ एक मजबूत चिकित्सा प्रणाली विकसित करने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस प्रकार के वायरस से निपटा जा सके।

चीन में एक के बाद एक नए वायरसों के उभरने ने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है। यह वायरस आने वाले समय में वैश्विक स्तर पर भी फैल सकता है, इसलिए इसके प्रसार को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली (Public Health System) को भी इस नए खतरे से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।

वेटलैंड वायरस एक नया और गंभीर खतरा है, जो चीन में तेजी से फैल रहा है। इसका सबसे खतरनाक पहलू यह है कि यह सीधे दिमाग पर हमला करता है और इससे संक्रमित मरीज को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। यह वायरस भविष्य में वैश्विक स्वास्थ्य संकट का कारण बन सकता है, इसलिए इसके बारे में जागरूकता फैलाना और इससे बचने के उपायों को अपनाना जरूरी है।

आने वाले समय में यह वायरस वैश्विक स्वास्थ्य के लिए कितना बड़ा खतरा बन सकता है, यह वक्त ही बताएगा, लेकिन तब तक सतर्क रहना और एहतियात बरतना ही सबसे सही कदम होगा।

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