शरीर में कैल्शियम की कमी को मेडिकल भाषा में ‘हाइपोकैल्सीमिया’ (Hypocalcemia) कहते हैं, और इसका सीधा और नकारात्मक असर आपके दिल पर पड़ता है।
दिल के लिए क्यों इतना ज़रूरी है कैल्शियम?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कैल्शियम हमारे दिल की मांसपेशियों के ‘संकुचन’ (contraction) और ‘आराम’ (relaxation) की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभाता है। जरा सोचिए, हमारा दिल लगातार सिकुड़ता और फैलता है ताकि पूरे शरीर में खून पंप कर सके। इस पंपिंग एक्शन के लिए कैल्शियम आयन एक तरह से ‘स्विच’ का काम करते हैं। इसके अलावा, यह दिल की ‘विद्युत प्रणाली’ (electrical system) के सही काम को भी प्रभावित करता है, वही प्रणाली जो हमारी ‘दिल की धड़कन’ (heartbeat) को नियंत्रित करती है।
साफ शब्दों में कहें तो, कैल्शियम दिल की मांसपेशियों को प्रभावी ढंग से काम करने और शरीर में रक्त पंप करने में सीधे मदद करता है।
कैल्शियम की कमी दिल को कैसे पहुंचाती है नुकसान?
जब शरीर में कैल्शियम की कमी होती है, तो दिल का यह महत्वपूर्ण काम प्रभावित होने लगता है।
- अनियमित दिल की धड़कन (Arrhythmia): सबसे पहले, यह दिल की धड़कन को ‘अनियमित’ (irregular) कर सकता है, जिसे ‘अरिथमिया’ (Arrhythmia) जैसी गंभीर समस्याएं जन्म ले सकती हैं। अनियमित धड़कन के कारण आपको ‘चक्कर आना’ (dizziness), ‘बेहोशी’ (fainting) महसूस हो सकती है।
- कमजोर पंपिंग क्षमता: जैसा कि हमने बताया, कैल्शियम दिल की मांसपेशियों के संकुचन के लिए आवश्यक है। इसकी कमी होने पर मांसपेशियां ठीक से सिकुड़ नहीं पातीं, जिससे ‘हृदय की पंप करने की क्षमता’ (heart’s pumping capacity) कमजोर हो जाती है। कल्पना कीजिए, एक पंप जो ठीक से काम नहीं कर रहा है, वह पूरे शरीर में पर्याप्त खून और ऑक्सीजन कैसे पहुंचा पाएगा?
- दिल के दौरे और कार्डियक अरेस्ट का खतरा: गंभीर हाइपोकैल्सीमिया के कारण दिल की विद्युत गतिविधि और पंपिंग क्षमता इतनी खराब हो सकती है कि यह ‘दिल के दौरे’ (heart attack) या ‘कार्डियक अरेस्ट’ (cardiac arrest) तक का खतरा बढ़ा सकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एक वयस्क शरीर को प्रतिदिन लगभग 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है।
दिल पर असर के अलावा, कैल्शियम की कमी के अन्य लक्षण:
दिल पर असर के अलावा, कैल्शियम की कमी के कुछ अन्य सामान्य लक्षण भी हैं जिन्हें पहचानना जरूरी है और जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है:
- मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी
- शरीर के अंगों में सुन्नता और झुनझुनाहट (खासकर हाथों, पैरों और मुंह के आसपास)
- अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस होना
- याददाश्त संबंधी समस्याएं
- चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन
कैल्शियम की कमी दूर करने और दिल को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें?
खुशी की बात यह है कि सही जानकारी और थोड़े प्रयास से कैल्शियम की कमी को दूर किया जा सकता है। अपनी डाइट में इन चीजों को शामिल करें:
- डेयरी उत्पाद: दूध, दही, पनीर – यह कैल्शियम के बेहतरीन स्रोत हैं।
- हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, केल जैसी सब्जियां।
- रागी: इसे ‘मिलेट’ भी कहते हैं, यह कैल्शियम का अच्छा शाकाहारी स्रोत है। इसकी रोटी या दलिया खाएं।
- तिल: काले या सफेद तिल, दोनों में कैल्शियम होता है। इन्हें भूनकर या मिठाइयों में इस्तेमाल करें।
- फोर्टिफाइड फूड्स: कुछ जूस और अनाज में अतिरिक्त कैल्शियम मिलाया जाता है।
यदि आपकी कमी बहुत अधिक है या डाइट से पूरी नहीं हो रही है, तो डॉक्टर आपको कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दे सकते हैं। लेकिन याद रखें, ‘कभी भी’ बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट न लें।
निष्कर्ष यह है कि कैल्शियम सिर्फ हड्डियों का रक्षक नहीं है, बल्कि यह आपके दिल का भी एक महत्वपूर्ण सहयोगी है। इसकी कमी को हल्के में न लें। यदि आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत किसी हेल्थ एक्सपर्ट या डॉक्टर से संपर्क करें। वे सही जांच करके आपको उचित सलाह और उपचार दे पाएंगे। अपने दिल और हड्डियों की सेहत के लिए कैल्शियम के महत्व को समझें और अपनी डाइट का ध्यान रखें। Importance of calcium for heart health
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