मोहिनी एकादशी 2025: इस चालीसा का पाठ करें, मां लक्ष्मी भर देंगी घर धन-धान्य और सुख-समृद्धि से

मोहिनी एकादशी 2025: इस चालीसा का पाठ करें, मां लक्ष्मी भर देंगी घर धन-धान्य और सुख-समृद्धि से

Mohini Ekadashi Chalisa Path 2025 | मोहिनी एकादशी का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा और मां लक्ष्मी की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से घर में धन-धान्य, सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन किया गया यह पाठ न केवल आर्थिक समस्याओं को दूर करता है, बल्कि मानसिक शांति, पारिवारिक सौहार्द और आध्यात्मिक उन्नति भी प्रदान करता है। Mohini Ekadashi Chalisa Path 2025

आइए, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स के मार्गदर्शन में जानते हैं कि मोहिनी एकादशी 2025 पर लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं और इस चालीसा को कैसे पढ़ना चाहिए। साथ ही, हम आपके लिए लाए हैं श्री लक्ष्मी चालीसा का पूरा पाठ, जिसे आप इस पवित्र दिन पर उपयोग कर सकते हैं।


मोहिनी एकादशी 2025: तिथि और महत्व

मोहिनी एकादशी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। साल 2025 में यह पर्व 8 मई को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार की पूजा की जाती है, जो समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुआ था। मोहिनी स्वरूप में भगवान विष्णु ने देवताओं को अमृत प्रदान किया और असुरों को मोहित किया। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा और चालीसा पाठ करने से भक्तों को धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।


श्री लक्ष्मी चालीसा: पाठ और अर्थ

लक्ष्मी चालीसा मां लक्ष्मी को समर्पित एक भक्ति भरा भजन है, जिसके पाठ से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। नीचे दिया गया है श्री लक्ष्मी चालीसा का पूरा पाठ:

॥ दोहा ॥
मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास।  
मनोकामना सिद्ध कर, पुरवहु मेरी आस॥  
सिंधु सुता विष्णुप्रिय, नत शिर बारंबार।  
ऋद्धि सिद्धि मंगलप्रद, नत शिर बारंबार॥  

॥ चौपाई ॥
तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥  
जय जय जगत जननि जगदंबा। सबकी तुम ही हो अवलंबा॥1॥  

तुम ही हो सब घट-घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥  
जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥2॥  

विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥  
केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥3॥  

कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी॥  
ज्ञान बुद्धि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता॥4॥  

क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥  
चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥5॥  

जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रूप बदल तहां सेवा कीन्हा॥  
स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥6॥  

तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥  
अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥7॥  

तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥  
मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वांछित फल पाई॥8॥  

तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मन लाई॥  
और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥9॥  

ताको कोई कष्ट न होई। मन इच्छित पावै फल सोई॥  
त्राहि त्राहि जय दुख निवारिणी। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥10॥  

जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥  
ताको कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥11॥  

पुत्रहीन अरु संपत्ति हीना। अंध बधिर कोढ़ी अति दीना॥  
विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥12॥  

पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥  
सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥13॥  

बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥  
प्रतिदिन पाठ करै मन माहीं। उन सम कोई जग में कहुं नाहीं॥14॥  

बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥  
करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्ध उपजै उर प्रेमा॥15॥  

जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥  
तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोई दयालु कहुं नाहिं॥16॥  

मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥  
भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दजै दशा निहारी॥17॥  

बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दुख सहते भारी॥  
नहिं मोहिं ज्ञान बुद्धि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥18॥  

रूप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥  
केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्धि मोहि नहिं अधिकाई॥19॥  

॥ दोहा ॥
त्राहि त्राहि दुख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास।  
जयति जयति जय लक्ष्मी, करो शत्रु का नाश॥  
रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर।  
मातु लक्ष्मी दास पर, करहु दया की कोर॥

मोहिनी एकादशी पर लक्ष्मी चालीसा पाठ के लाभ

मोहिनी एकादशी के दिन लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

  1. धन और समृद्धि की प्राप्ति:
    लक्ष्मी चालीसा मां लक्ष्मी को समर्पित है, जो धन और वैभव की देवी हैं। इस चालीसा का पाठ करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को धन, संपत्ति और आर्थिक स्थिरता का आशीर्वाद देती हैं। यदि आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं या आय में वृद्धि चाहते हैं, तो यह पाठ आपके लिए चमत्कारी सिद्ध हो सकता है।

  2. सुख और खुशहाली:
    लक्ष्मी चालीसा का नियमित पाठ घर में सुख-शांति और समृद्धि लाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और परिवार में प्रेम, एकता और सद्भाव को बढ़ाता है। आपका घर सकारात्मक ऊर्जा से भर जाएगा, और हर सदस्य खुशहाल रहेगा।

  3. कर्ज से मुक्ति:
    यदि आप कर्ज के बोझ तले दबे हैं, तो मोहिनी एकादशी के दिन लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। मां लक्ष्मी अपने भक्तों को आर्थिक संकटों से मुक्ति दिलाती हैं और कर्ज चुकाने की शक्ति प्रदान करती हैं।

  4. मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति:
    इस चालीसा का पाठ मन को शांति और सुकून देता है। तनाव, चिंता और मानसिक अशांति दूर होती है, और सकारात्मक विचारों का संचार होता है। यह पाठ आध्यात्मिक विकास में भी सहायता करता है।

  5. सौभाग्य और सफलता:
    मोहिनी एकादशी पर लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से भाग्य प्रबल होता है। रुके हुए कार्य पूरे होने लगते हैं, और जीवन में सफलता के नए द्वार खुलते हैं। मां लक्ष्मी अपने भक्तों को हर क्षेत्र में विजय और सौभाग्य प्रदान करती हैं।

  6. रोग और दुखों से मुक्ति:
    शास्त्रों के अनुसार, लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से रोग, दुख और संकट दूर होते हैं। यह चालीसा भक्तों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रदान करती है।

  7. पुत्र और संपत्ति की प्राप्ति:
    जिन लोगों को संतान सुख या संपत्ति की कमी का सामना करना पड़ रहा है, उनके लिए यह पाठ अत्यंत लाभकारी है। नियमित पाठ से मां लक्ष्मी की कृपा से ये इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।


लक्ष्मी चालीसा पाठ की विधि

मोहिनी एकादशी के दिन लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  1. प्रातःकाल स्नान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल की सफाई: पूजा स्थल को साफ करें और मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. दीप और धूप: दीपक जलाएं और धूपबत्ती प्रज्वलित करें।
  4. पुष्प और प्रसाद: मां लक्ष्मी को पुष्प, फल और मिठाई अर्पित करें।
  5. चालीसा पाठ: पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। पाठ के दौरान मन को शांत और एकाग्र रखें।
  6. आरती और प्रार्थना: पाठ के बाद मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आरती करें और अपनी मनोकामनाएं व्यक्त करें।
  7. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद परिवार और जरूरतमंदों में बांटें।

मोहिनी एकादशी पर विशेष टिप्स

  • व्रत और दान: मोहिनी एकादशी का व्रत रखें और इस दिन गरीबों को दान करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • शुद्धता और सात्विकता: इस दिन सात्विक भोजन करें और क्रोध, छल-कपट से दूर रहें।
  • ध्यान और जप: मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु के मंत्रों का जप करें, जैसे “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” और “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः”

मोहिनी एकादशी 2025 का पर्व आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लाने का एक सुनहरा अवसर है। इस दिन लक्ष्मी चालीसा का पाठ करके आप मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को धन-धान्य से परिपूर्ण बना सकते हैं। पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ इस चालीसा का पाठ करें और अपने परिवार के लिए सुख-शांति की प्रार्थना करें।

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