मेहंदीपुर बालाजी मंदिर: दर्शन से पहले जानें ये सख्त नियम वरना पीछे लग सकता है ‘भूत’

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर: दर्शन से पहले जानें ये सख्त नियम वरना पीछे लग सकता है ‘भूत’

Mehandipur Balaji Mandir Darshan Niyam | मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, राजस्थान के करौली और दौसा जिले की सीमा पर बसा एक रहस्यमयी और चमत्कारी धाम है। यह मंदिर भगवान हनुमान के बाल स्वरूप, श्री बालाजी महाराज को समर्पित है, जिन्हें ‘संकट मोचन’ के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से न केवल मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि भूत-प्रेत, काला जादू और नकारात्मक शक्तियों से भी मुक्ति मिलती है। दो पहाड़ियों के बीच स्थित यह मंदिर अपनी दैवीय शक्तियों और प्रेत बाधाओं से छुटकारे के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। लेकिन, इस मंदिर के दर्शन करने के लिए कुछ सख्त नियमों का पालन करना अनिवार्य है। इन नियमों की अनदेखी करने से नकारात्मक शक्तियां आपके पीछे लग सकती हैं, जिससे जीवन में कई परेशानियां आ सकती हैं। अगर आप मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाने की योजना बना रहे हैं, तो इन 7 गलतियों से बचें और नीचे दिए गए नियमों को ध्यान से पढ़ें। Mehandipur Balaji Mandir Darshan Niyam

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में श्री बालाजी महाराज, प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा की पूजा होती है। यह मंदिर अपनी अनोखी प्रथाओं और चमत्कारों के लिए जाना जाता है, जहां भक्तों को प्रेत बाधाओं से मुक्ति के लिए विशेष पूजा और अर्जी लगाने की परंपरा है। लेकिन, इस मंदिर में कुछ सख्त नियमों का पालन करना जरूरी है, जिनकी अनदेखी आपको भारी पड़ सकती है। नीचे 7 ऐसी गलतियों और उनके नियमों की जानकारी दी गई है, जिन्हें आपको हर हाल में ध्यान रखना चाहिए।

पीछे मुड़कर देखने की गलती न करें

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रवेश करते ही आपको एक अलग तरह की ऊर्जा का अहसास होगा। यहां का माहौल रहस्यमयी और थोड़ा भयावह हो सकता है, क्योंकि कई भक्त प्रेत बाधाओं से पीड़ित होकर अजीब व्यवहार करते हैं। माना जाता है कि अगर कोई आपको पीछे से आवाज दे, चाहे वह आपका परिचित ही क्यों न हो, तो भूलकर भी पीछे मुड़कर न देखें। यह आवाज नकारात्मक शक्तियों की हो सकती है, और पीछे देखने से वे आपके पीछे लग सकती हैं। खासकर, जब आप अर्जी या दरखास्त का प्रसाद फेंक रहे हों, तो पीछे देखना सख्त मना है।
नियम: हमेशा श्रद्धापूर्वक और बिना डरे आगे बढ़ें। आरती के दौरान भी इधर-उधर या पीछे न देखें।
क्यों जरूरी: पीछे देखने से नकारात्मक शक्तियां आप पर हावी हो सकती हैं। Mehandipur Balaji Mandir Darshan Niyam

तामसिक भोजन का सेवन न करें

हिंदू धर्म में प्याज, लहसुन, मांस, मछली, अंडा और शराब को तामसिक भोजन माना जाता है। भगवान हनुमान, जो सात्विक और पवित्र जीवन के प्रतीक हैं, ने कभी इन चीजों को स्पर्श तक नहीं किया। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाने से कम से कम एक हफ्ते पहले इन तामसिक चीजों का सेवन बंद कर दें। साथ ही, दर्शन के बाद कम से कम 41 दिनों तक इनका सेवन न करें।
नियम: सात्विक भोजन अपनाएं, जिसमें फल, सब्जियां और सादा भोजन शामिल हो।
क्यों जरूरी: तामसिक भोजन नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, जिससे मंदिर की सकारात्मक शक्तियों का लाभ नहीं मिल पाता।

मंदिर का प्रसाद घर न लाएं

आमतौर पर लोग मंदिरों से प्रसाद घर लाते हैं और उसे परिवार के साथ बांटते हैं। लेकिन मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में यह सख्त मना है। यहां का प्रसाद खाना, बांटना या घर ले जाना वर्जित है। मंदिर में दो प्रकार के प्रसाद चढ़ाए जाते हैं: दरखास्त (दो बार खरीदा जाता है) और अर्जी (तीन थालियों में चढ़ाया जाता है)। इन प्रसादों को मंदिर में ही विशेष स्थान पर फेंक देना होता है, बिना पीछे देखे।
नियम: प्रसाद को मंदिर में ही छोड़ दें और उसे न खाएं। मंदिर से कोई पूजा सामग्री, खाना, पानी या बोतल भी घर न लाएं।
क्यों जरूरी: यह मंदिर भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति के लिए प्रसिद्ध है। प्रसाद या अन्य सामान के साथ नकारात्मक शक्तियां घर तक जा सकती हैं।

अनजान लोगों से बातचीत या स्पर्श से बचें

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में कई लोग प्रेत बाधाओं से पीड़ित होकर आते हैं, जो अजीब व्यवहार करते हैं, जैसे चिल्लाना, रोना या अलग-अलग भाषाओं में बोलना। ऐसे लोगों से बातचीत करना, उन्हें स्पर्श करना या उनके व्यवहार पर हंसना सख्त मना है। साथ ही, मंदिर परिसर में किसी अनजान व्यक्ति को पैसे देने से भी बचें, क्योंकि यह धोखाधड़ी हो सकती है।
नियम: केवल दर्शन और पूजा पर ध्यान दें। पीड़ित लोगों के लिए जगह खाली छोड़ें और उनके प्रति सहानुभूति रखें।
क्यों जरूरी: अनजान लोगों से संपर्क करने से नकारात्मक शक्तियां आप पर प्रभाव डाल सकती हैं। Mehandipur Balaji Mandir Darshan Niyam

पंडित, ओझा या तांत्रिकों के बहकावे में न आएं

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में केवल श्री बालाजी महाराज ही संकटों को दूर करते हैं। कुछ लोग पंडित, ओझा या तांत्रिक बनकर भक्तों को बहकाने की कोशिश करते हैं और पैसे या सामान मांगते हैं। ऐसे लोगों की बातों में न आएं और उनकी दी हुई किसी वस्तु को स्पर्श न करें।
नियम: मंदिर के आधिकारिक पुजारी या महंत से ही संपर्क करें। किसी भी अनुष्ठान के लिए मंदिर कार्यालय से जानकारी लें।
क्यों जरूरी: गलत लोगों के बहकावे में आने से आपका समय और धन बर्बाद हो सकता है, और नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है।

मंदिर से कोई सामान बाहर न लाएं

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से प्रसाद के अलावा कोई भी सामान, जैसे खाना, पानी की बोतल, पूजा सामग्री या खरीदा हुआ सामान, घर नहीं लाना चाहिए। अगर आपने मंदिर के बाहर से कोई सामान खरीदा और उसे मंदिर में ले गए, तो उसे भी वहीं छोड़ देना चाहिए।
नियम: मंदिर से बाहर निकलते समय अपने साथ केवल अपनी निजी चीजें (जैसे बैग, जूते) लाएं।
क्यों जरूरी: मंदिर में नकारात्मक शक्तियां मौजूद हो सकती हैं, जो सामान के साथ आपके घर तक पहुंच सकती हैं।

श्री राम और माता सीता के दर्शन जरूर करें

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में श्री बालाजी महाराज के दर्शन के बाद पास ही स्थित श्री राम और माता सीता के मंदिर में दर्शन करना अनिवार्य है। यह परंपरा मंदिर की पूजा प्रक्रिया का हिस्सा है। दर्शन के बाद बिना पीछे देखे मंदिर से बाहर निकल जाएं।
नियम: श्री बालाजी, प्रेतराज सरकार, भैरव बाबा और श्री राम-सीता के दर्शन क्रमबद्ध करें।
क्यों जरूरी: यह पूजा प्रक्रिया को पूर्ण करता है और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है। Mehandipur Balaji Mandir Darshan Niyam

अतिरिक्त नियम और सुझाव

  • मंगलवार और शनिवार को मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ होती है, क्योंकि ये दिन हनुमान जी को समर्पित हैं। इन दिनों में विशेष सावधानी बरतें।
  • मंदिर में कीर्तन और भजनों में शामिल हों, लेकिन अनावश्यक बातचीत से बचें।
  • मंदिर परिसर में साफ-सफाई का ध्यान रखें और किसी भी गंदगी को स्पर्श न करें।
  • अगर आप अर्जी या दरखास्त लगा रहे हैं, तो मंदिर के पुजारी के निर्देशों का पालन करें। अर्जी की थाली में सवा शेर लड्डू, घी और अन्य सामग्री होती है, जिसे सिर पर रखकर अपनी तीन समस्याओं का ध्यान करना होता है।
  • मंदिर जाने से पहले स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें। महिलाओं को सिर ढकने की सलाह दी जाती है।
  • मंदिर के बाहर कई दुकानदार प्रसाद की थाली बेचते हैं। केवल विश्वसनीय दुकानों से सामान खरीदें।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की विशेषताएं

  • स्थान: मंदिर राजस्थान के दौसा और करौली जिले की सीमा पर, दो पहाड़ियों के बीच घाटा मेहंदीपुर में स्थित है। यह जयपुर से 103 किमी, दिल्ली से 265 किमी और आगरा से 221 किमी की दूरी पर है।
  • देवता: श्री बालाजी महाराज (हनुमान जी), प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा।
  • इतिहास: माना जाता है कि लगभग 1000 वर्ष पहले हनुमान जी की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी। मंदिर का निर्माण श्री गणेशपुरी जी महाराज के समय में हुआ, और वर्तमान में श्री नरेशपुरी जी महाराज मंदिर की सेवा कर रहे हैं।
  • चमत्कार: मंदिर में प्रेत बाधाओं से मुक्ति के लिए कीर्तन, पेशी और विशेष पूजा की जाती है। भक्तों का मानना है कि यहां की पवित्र जलवायु और दैवीय शक्तियां हर संकट को दूर करती हैं।

मंदिर तक कैसे पहुंचें?

  • सड़क मार्ग: मंदिर जयपुर-आगरा हाइवे (NH 11) पर स्थित है। दिल्ली, जयपुर, आगरा और मथुरा से नियमित बसें, टैक्सी और जीप उपलब्ध हैं। नजदीकी रेलवे स्टेशन बांदीकुई जंक्शन (30 किमी) है।
  • ठहरने की व्यवस्था: मंदिर के पास कई आश्रम और बजट होटल उपलब्ध हैं, जहां 400 से 2000 रुपये में कमरा बुक किया जा सकता है। बुकिंग 10-15 दिन पहले करानी चाहिए।

उपाय और सावधानियां

  • अगर आपको मंदिर में कोई असामान्य अनुभव हो, तो घबराएं नहीं। बालाजी महाराज पर विश्वास रखें और पुजारी से संपर्क करें।
  • मंदिर से निकलने के बाद घर पहुंचकर स्नान करें और सात्विक भोजन करें।
  • अगर आपको लगता है कि कोई नकारात्मक प्रभाव है, तो हनुमान चालीसा का पाठ करें और अपने घर में कपूर जलाएं।
  • मंदिर के पानी को घर में रखने की मान्यता है, जो नकारात्मक शक्तियों को दूर रखता है। लेकिन इसे मंदिर के बाहर से खरीदें, न कि मंदिर के अंदर से। Mehandipur Balaji Mandir Darshan Niyam

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