बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने की सही प्रक्रिया
Bageshwar Dham | बागेश्वर धाम, मध्य प्रदेश का एक ऐसा आध्यात्मिक केंद्र, जो आजकल भक्तों के बीच सुर्खियों में छाया हुआ है। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जिन्हें बागेश्वर बाबा के नाम से जाना जाता है, हाल ही में बिहार में अपने दिव्य दरबार के साथ चर्चा में आए जहां हजारों भक्तों की भीड़ उनके दर्शन और समाधान के लिए उमड़ पड़ी। सोशल मीडिया पर बागेश्वर धाम और धीरेंद्र शास्त्री के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें उनकी कथाएं और चमत्कारी शक्तियां भक्तों को आकर्षित कर रही हैं। अगर आप भी बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने की सोच रहे हैं या वहां की प्रक्रिया और नियमों को समझना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। आइए जानते हैं अर्जी लगाने की सही प्रक्रिया, पेशी के नियम और धाम की ताजा खबरें।
बागेश्वर धाम कहां है? (Bageshwar Dham Location)
बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में गढ़ा गांव में स्थित है। यह स्वयंभू हनुमान जी (बालाजी महाराज) का प्रसिद्ध मंदिर है, जो खजुराहो-पन्ना रोड पर गंज कस्बे से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है। यह धाम अपनी चमत्कारी शक्ति और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए जाना जाता है। धाम तक पहुंचने के लिए सड़क, रेल, और हवाई मार्ग उपलब्ध हैं। नजदीकी रेलवे स्टेशन छतरपुर और खजुराहो हैं जबकि खजुराहो हवाई अड्डा भी धाम से ज्यादा दूर नहीं है। हर साल लाखों भक्त यहां दर्शन और अर्जी लगाने के लिए आते हैं। Bageshwar Dham ki Arji kaise lagaye
बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने की सही प्रक्रिया
बागेश्वर धाम में अर्जी लगाना एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसके जरिए भक्त अपनी समस्याओं का समाधान बालाजी महाराज से मांगते हैं। अर्जी लगाने की प्रक्रिया दो तरह से हो सकती है: धाम पर जाकर और घर बैठे। नीचे दोनो प्रक्रियाओं का विस्तार से वर्णन है: Bageshwar Dham ki Arji kaise lagaye
1. धाम पर अर्जी लगाने की प्रक्रिया
- नारियल और कपड़ा: भक्त को धाम परिसर में एक सूखा नारियल रंगीन कपड़े में बांधकर रखना होता है। कपड़े का रंग अर्जी के प्रकार पर निर्भर करता है:
- लाल कपड़ा: सामान्य समस्याएं जैसे आर्थिक परेशानी, स्वास्थ्य, या पारिवारिक समस्याएं।
- पीला कपड़ा: शादी-विवाह या मांगलिक कार्यों से संबंधित समस्याएं।
- काला कपड़ा: भूत-प्रेत, नकारात्मक शक्तियां, या तंत्रमंत्र से संबंधित समस्याएं।
- सफेद कपड़ा: संतान प्राप्ति या विशेष मनोकामनाओं के लिए।
- प्रक्रिया:
- नारियल को चुने हुए रंग के कपड़े में बांधें और अपनी मनोकामना मन में दोहराएं।
- धाम परिसर में नारियल को रखें और बालाजी महाराज से प्रार्थना करें।
- कुछ मामलों में, भक्तों को टोकन लेना पड़ता है, जो अर्जी और पेशी के लिए जरूरी होता है। टोकन महीने की एक विशेष तारीख को वितरित किए जाते हैं।
- टोकन सिस्टम: धाम पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए टोकन सिस्टम लागू है। भक्तो को पहले टोकन लेना होता है, जिसके बाद उनकी अर्जी दरबार में पेश की जाती है। Bageshwar Dham ki Arji kaise lagaye
2. घर बैठे अर्जी लगाने की प्रक्रिया
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने घर से अर्जी लगाने का भी उपाय बताया है, जो उन भक्तों के लिए है जो धाम नहीं पहुंच सकते:
- सामग्री: एक सूखा नारियल, रंगीन कपड़ा (लाल, पीला, काला, या सफेद, समस्या के अनुसार) और पांच लौंग।
- प्रक्रिया:
- मंगलवार या शनिवार को सुबह स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें।
- नारियल को चुने हुए कपड़े में बांधें और उसके साथ पांच लौंग रखें।
- “ॐ बागेश्वराय नमः” मंत्र की एक माला (108 बार) जपें।
- अपनी मनोकामना मन में दोहराएं और नारियल को घर के पूजा स्थल पर रखें।
- नियमों का पालन करें: लहसुन, प्याज, मांस, और मदिरा का सेवन न करें। ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- संकेत: यदि अर्जी स्वीकार होती है, तो भक्त को सपने में लगातार दो दिन बंदर दिखाई दे सकते हैं जो बालाजी महाराज का संकेत माना जाता है।
- संतान प्राप्ति के लिए: सफेद कपड़े में नारियल और पांच लौंग बांधकर उसी प्रक्रिया का पालन करें।
पेशी क्या है और इसके नियम
- पेशी की प्रक्रिया: अर्जी स्वीकार होने के बाद, भक्तों को पेशी करनी होती है। पेशी का अर्थ है मंगलवार या शनिवार को धाम पर बालाजी महाराज की आरती में शामिल होना और अपनी समस्या के निवारण के लिए प्रार्थना करना।
- दरबार में पेशी: पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार में वे भक्तों की समस्याओं को पर्चे पर लिखकर समाधान बताते हैं। वे यह भी निर्देश देते हैं कि कितनी पेशी (आमतौर पर 21 मंगलवार या शनिवार) करनी होंगी।
- नियम:
- पेशी के दौरान शुद्धता और संयम जरूरी है। मांस, मदिरा, लहसुन, और प्याज से परहेज करें।
- नियमित प्रार्थना और मंत्र जाप करें।
- यदि धाम पर पेशी संभव न हो, तो घर पर पूजा स्थल पर प्रार्थना जारी रखें।
- दिव्य दरबार का चमत्कार: धीरेंद्र शास्त्री दरबार में भक्तों की समस्याएं बिना बताए जान लेते हैं और उनके मोबाइल नंबर, घर की वस्तुएं या निजी जानकारी बता देते हैं, जिसे भक्त चमत्कार मानते हैं।
बागेश्वर धाम मंदिर का इतिहास
बागेश्वर धाम का स्वयंभू हनुमान जी मंदिर करीब 300 साल पुराना है। इसका जीर्णोद्धार 1887 में बाबा सेतु लाल गर्ग, जो धीरेंद्र शास्त्री के परदादा थे, ने करवाया था। माना जाता है कि इस मंदिर में बालाजी महाराज स्वयं प्रकट हुए थे। धाम की आध्यात्मिक शक्ति और भक्तों की श्रद्धा इसे एक विशेष स्थान बनाती है।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री: बागेश्वर धाम सरकार
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जिन्हें बागेश्वर धाम सरकार के नाम से जाना जाता है, एक प्रसिद्ध कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु हैं। उनकी कथाएं संस्कार टीवी, आस्था चैनल, और यूट्यूब पर लाखों लोग देखते हैं। उनकी खासियत यह है कि वे भक्तों की समस्याएं बिना बताए जान लेते हैं और उनके जीवन से जुड़ी जानकारी सटीक बता देते हैं। सोशल मीडिया पर उनके वीडियो खासकर दरबार के चमत्कार, तेजी से वायरल होते हैं।
ताजा खबरें और अपडेट
- बिहार में दरबार: हाल ही में धीरेंद्र शास्त्री ने बिहार में एक भव्य दरबार लगाया जहां हजारों भक्तों ने हाजिरी दी। इसकी वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
- पानीपत में महादिव्य दरबार: 2024 में पानीपत में आयोजित दरबार का सीधा प्रसारण यूट्यूब और फेसबुक पर किया गया, जिसे लाखों लोगों ने देखा।
- आगामी आयोजन:
- 1-7 मार्च 2024 को 108 कुंडीय अति विष्णु महायज्ञ का आयोजन हुआ, जिसमें भक्तों ने यजमान के रूप में हिस्सा लिया।
- 14-16 फरवरी 2024 को गुरुदीक्षा समारोह आयोजित हुआ।
- 2-4 मार्च 2024 को सन्यासी बाबा की साधना के लिए रजिस्ट्रेशन खुले थे।
- कानूनी जीत: झारखंड हाई कोर्ट ने धीरेंद्र शास्त्री को दरबार आयोजित करने की अनुमति दी, सरकार के कानून-व्यवस्था के बहाने को खारिज करते हुए।
महत्वपूर्ण सावधानियां और जानकारी
- निःशुल्क सेवा: बागेश्वर धाम में अर्जी, कथा, और परामर्श पूरी तरह निःशुल्क हैं। किसी भी फर्जी व्यक्ति से सावधान रहें।
- सपने में संकेत: अर्जी स्वीकार होने का संकेत सपने में दो दिन तक बंदर दिखने से मिलता है।
- विश्वास और विवेक: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। किसी भी प्रक्रिया में शामिल होने से पहले अपनी श्रद्धा और विवेक का उपयोग करें।
नोट: बागेश्वर धाम और धीरेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ रही है। उनकी कथाएं और दरबार सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अगर आप धाम की यात्रा या अर्जी लगाने की योजना बना रहे हैं, तो उपरोक्त जानकारी आपके लिए मार्गदर्शक होगी। बालाजी महाराज की कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूर्ण हों! Bageshwar Dham
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।