क्या सचमुच नाखूनों को आपस में रगड़ने से आँखों की रोशनी बढ़ती है?
Does rubbing nails together improve eyesight? | क्या आपने कभी सुना है कि नाखूनों को आपस में रगड़ने से आँखों की रोशनी बढ़ सकती है? यह एक ऐसी प्राचीन मान्यता है जो भारत में खासकर आयुर्वेद और योग के संदर्भ में बहुत लोकप्रिय रही है। कई लोग दावा करते हैं कि यह सरल तकनीक न केवल आँखों की रोशनी में सुधार करती है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है। लेकिन क्या इस दावे के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार है, या यह केवल एक मिथक है? इस लेख में हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे, इसके लाभ, तकनीक, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, और इससे जुड़े अन्य पहलुओं को समझेंगे। Does rubbing nails together improve eyesight?
आधुनिक जीवनशैली में आँखों की समस्याएँ जैसे कमजोर दृष्टि, ड्राई आइज़, और आँखों में तनाव आम हो गया है। स्क्रीन टाइम, प्रदूषण, और तनाव के कारण लोग अपनी आँखों की देखभाल के लिए विभिन्न उपाय खोजते हैं। इन्हीं उपायों में से एक है नाखूनों को आपस में रगड़ना, जिसे बाल्य मसाज या नख रगड़न के नाम से जाना जाता है। यह तकनीक योग और एक्यूप्रेशर से प्रेरित है और इसे आँखों की रोशनी बढ़ाने, तनाव कम करने, और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्रभावी माना जाता है। इस लेख में हम इस तकनीक के इतिहास, विधि, लाभ, और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
नाखून रगड़ने की तकनीक का इतिहास
नाखूनों को आपस में रगड़ने की प्रथा भारतीय आयुर्वेद और योग परंपराओं से जुड़ी हुई है। यह तकनीक एक्यूप्रेशर और रिफ्लेक्सोलॉजी के सिद्धांतों पर आधारित है, जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों को उत्तेजित करके स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किए जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, हमारे हाथों और पैरों में कई एक्यूप्रेशर पॉइंट्स होते हैं जो शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़े होते हैं। नाखूनों के आसपास के क्षेत्र में मौजूद नसें मस्तिष्क, आँखों, और अन्य महत्वपूर्ण अंगों से संबंधित होती हैं।
योग गुरुओं और आयुर्वेदाचार्यों का मानना है कि नाखूनों को रगड़ने से इन एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर दबाव पड़ता है, जिससे रक्त संचार बढ़ता है और आँखों सहित अन्य अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति बेहतर होती है। इस तकनीक को प्राचीन भारत में योगियों द्वारा अभ्यास किया जाता था और इसे विशेष रूप से ध्यान और प्राणायाम के साथ जोड़ा जाता था।
नाखून रगड़ने की तकनीक
नाखूनों को आपस में रगड़ने की प्रक्रिया बहुत ही सरल और आसान है। इसे कहीं भी, किसी भी समय किया जा सकता है। नीचे इसकी विधि दी गई है:
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तैयारी: सबसे पहले एक शांत और आरामदायक स्थान चुनें। अपनी हथेलियों को साफ करें ताकि कोई गंदगी या बैक्टीरिया नाखूनों के संपर्क में न आए।
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बैठने की स्थिति: आरामदायक स्थिति में बैठें, चाहे कुर्सी पर, फर्श पर, या ध्यान की मुद्रा में। रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
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रगड़ने की प्रक्रिया:
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दोनों हाथों के नाखूनों को एक-दूसरे के सामने लाएं।
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चार अंगुलियों (तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, और कनिष्ठिका) के नाखूनों को आपस में रगड़ें। अंगूठे को इस प्रक्रिया में शामिल न करें।
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नाखूनों को तेजी से और हल्के दबाव के साथ रगड़ें, जैसे कि आप आग जलाने के लिए दो लकड़ियों को रगड़ रहे हों।
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इसे 5-10 मिनट तक लगातार करें।
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समय और आवृत्ति: सर्वोत्तम परिणामों के लिए इसे सुबह खाली पेट और शाम को करें। दिन में दो बार, प्रत्येक सत्र 5-7 मिनट का, अभ्यास करने की सलाह दी जाती है।
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सावधानियाँ: नाखून बहुत लंबे या तेज नहीं होने चाहिए ताकि त्वचा को नुकसान न पहुंचे। इसे अत्यधिक जोर से न करें, बल्कि हल्का और स्थिर दबाव बनाए रखें।
नाखून रगड़ने के दावे और लाभ
नाखून रगड़ने की तकनीक के समर्थकों का दावा है कि यह न केवल आँखों की रोशनी के लिए लाभकारी है, बल्कि कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करती है। कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
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आँखों की रोशनी में सुधार:
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यह माना जाता है कि नाखूनों को रगड़ने से आँखों से जुड़े एक्यूप्रेशर पॉइंट्स सक्रिय होते हैं, जिससे आँखों की मांसपेशियों में रक्त प्रवाह बढ़ता है।
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इससे आँखों की थकान, ड्राईनेस, और कमजोर दृष्टि में सुधार हो सकता है।
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तनाव और चिंता में कमी:
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यह तकनीक तंत्रिका तंत्र को शांत करती है और तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) को कम करती है।
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नियमित अभ्यास से मानसिक शांति और एकाग्रता में वृद्धि हो सकती है।
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बालों के स्वास्थ्य में सुधार:
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नाखून रगड़ने से सिर की त्वचा में रक्त संचार बढ़ता है, जो बालों के झड़ने को कम करने और बालों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
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पाचन और चयापचय में सुधार:
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एक्यूप्रेशर पॉइंट्स के उत्तेजन से पाचन तंत्र और चयापचय प्रक्रिया में सुधार हो सकता है।
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ऊर्जा और प्रतिरक्षा में वृद्धि:
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यह तकनीक शरीर में ऊर्जा प्रवाह को संतुलित करती है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है।
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वैज्ञानिक दृष्टिकोण
हालांकि नाखून रगड़ने की तकनीक को आयुर्वेद और योग में बहुत महत्व दिया जाता है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसके लाभों पर अभी तक पर्याप्त शोध नहीं हुआ है। कुछ वैज्ञानिक तर्क और अध्ययन इस प्रकार हैं:
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रक्त संचार और एक्यूप्रेशर:
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एक्यूप्रेशर और रिफ्लेक्सोलॉजी के सिद्धांतों के अनुसार, शरीर के कुछ हिस्सों पर दबाव डालने से संबंधित अंगों में रक्त प्रवाह बढ़ता है। नाखून रगड़ने से उंगलियों और हथेलियों में रक्त संचार बढ़ सकता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से आँखों को लाभ पहुंचा सकता है।
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हालांकि, आँखों की रोशनी में सुधार के लिए सीधे वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं।
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तनाव में कमी:
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कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि एक्यूप्रेशर और मसाज तकनीकें तनाव और चिंता को कम करने में प्रभावी हो सकती हैं। चूंकि तनाव आँखों की थकान और कमजोरी का एक प्रमुख कारण है, इसलिए नाखून रगड़ने से अप्रत्यक्ष रूप से आँखों को लाभ हो सकता है।
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प्लेसिबो प्रभाव:
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कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि नाखून रगड़ने से मिलने वाले लाभ का एक हिस्सा प्लेसिबो प्रभाव के कारण हो सकता है। जब व्यक्ति किसी तकनीक पर विश्वास करता है, तो उसका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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सीमित शोध:
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वर्तमान में, नाखून रगड़ने और आँखों की रोशनी के बीच प्रत्यक्ष संबंध को सिद्ध करने के लिए कोई बड़े पैमाने पर वैज्ञानिक अध्ययन उपलब्ध नहीं है। अधिकांश दावे अनुभवजन्य और परंपरागत ज्ञान पर आधारित हैं।
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क्या यह तकनीक सभी के लिए उपयुक्त है?
नाखून रगड़ने की तकनीक सामान्य रूप से सुरक्षित है और इसे कोई भी व्यक्ति आजमा सकता है। हालांकि, कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:
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जिन लोगों के नाखून कमजोर या टूटे हुए हैं, उन्हें इसे सावधानी से करना चाहिए।
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गठिया या जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों को इसे करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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गंभीर आँखों की समस्याओं (जैसे ग्लूकोमा, मोतियाबिंद) से पीड़ित लोगों को केवल इस तकनीक पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। उन्हें चिकित्सकीय उपचार लेना चाहिए।
अन्य उपाय आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए
नाखून रगड़ने के साथ-साथ, आँखों की रोशनी और स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
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संतुलित आहार: विटामिन A, C, E, और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार (जैसे गाजर, पालक, बादाम, और मछली) आँखों के लिए लाभकारी है।
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स्क्रीन टाइम कम करें: लंबे समय तक स्क्रीन पर नजर रखने से बचें और हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए दूर देखें (20-20-20 नियम)।
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पर्याप्त नींद: 7-8 घंटे की नींद आँखों को आराम देती है।
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नियमित व्यायाम: योग और प्राणायाम जैसे त्राटक और अनुलोम-विलोम आँखों के लिए लाभकारी हैं।
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नियमित जाँच: समय-समय पर आँखों की जाँच करवाएं ताकि किसी भी समस्या का जल्दी पता चल सके।
नाखूनों को आपस में रगड़ने की तकनीक एक सरल, सस्ता, और प्राकृतिक उपाय है जिसे कई लोग आँखों की रोशनी और समग्र स्वास्थ्य के लिए उपयोगी मानते हैं। हालांकि इसके लाभों को आयुर्वेद और योग में मान्यता प्राप्त है, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसके प्रभावों को पूरी तरह सिद्ध करने के लिए और शोध की आवश्यकता है। यह तकनीक तनाव कम करने, रक्त संचारबढ़ाने, और मानसिक शांतिप्रदान करने में सहायक हो सकती है, जो अप्रत्यक्ष रूप से आँखों के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकती है।
यदि आप इसे आजमाना चाहते हैं, तो इसे नियमित रूप से और सही तकनीक के साथ करें। साथ ही, आँखों की देखभाल के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और चिकित्सकीयसलाह को भी प्राथमिकता दें। यदि आपको गंभीर दृष्टि समस्याएँ हैं, तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें।
नोट: यह लेख सामान्यजानकारी के लिए है। किसी भी स्वास्थ्यउपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।