मानसून में सनस्क्रीन लगाना जरूरी है या नहीं? जानें स्किन एक्सपर्ट से
Why Sunscreen is Essential During Monsoon Season | मानसून का मौसम नमी, बारिश, और बदलते मौसम के साथ आता है, लेकिन क्या इस मौसम में भी सनस्क्रीन लगाना जरूरी है? बहुत से लोग मानते हैं कि बारिश के दिनों में धूप कम होती है, तो सनस्क्रीन की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन स्किन एक्सपर्ट्स की राय इसके उलट है। मानसून में भी सूरज की किरणें आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि मानसून में सनस्क्रीन क्यों जरूरी है, इसे कैसे और कब लगाना चाहिए, और अपने स्किन टाइप के लिए सही सनस्क्रीन कैसे चुनें। साथ ही, कुछ अतिरिक्त स्किनकेयर टिप्स भी जानें, जो आपकी त्वचा को मानसून में चमकदार और स्वस्थ रखेंगे। Why Sunscreen is Essential During Monsoon Season
सनस्क्रीन लगाने का महत्व
सनस्क्रीन त्वचा को सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट (UV) किरणों (UVA और UVB) से बचाने का सबसे प्रभावी तरीका है। ये किरणें न केवल त्वचा को टैन करती हैं, बल्कि समय से पहले झुर्रियां, पिगमेंटेशन, और यहां तक कि स्किन कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा, सनस्क्रीन धूल, प्रदूषण, और मौसमी बदलावों से त्वचा को प्रोटेक्ट करता है।
मानसून में, बादल भले ही सूरज को ढक लेते हों, लेकिन UVA किरणें बादलों को भेदकर त्वचा तक पहुंचती हैं। ये किरणें त्वचा की गहराई में जाकर कोलेजन और इलास्टिन को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे त्वचा डल और बेजान दिखने लगती है। इसलिए, सनस्क्रीन का इस्तेमाल हर मौसम में जरूरी है।
क्या मानसून में सनस्क्रीन लगाना चाहिए?
हां, बिल्कुल! मानसून में सूरज की किरणें भले ही कम तीव्र लगें, लेकिन वे त्वचा को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़तीं। बारिश के मौसम में नमी और प्रदूषण के कारण त्वचा पर गंदगी जमा होने का खतरा भी बढ़ जाता है, जिससे मुंहासे और स्किन इरिटेशन हो सकता है। सनस्क्रीन न केवल UV किरणों से बचाता है, बल्कि त्वचा पर एक प्रोटेक्टिव लेयर बनाकर इसे प्रदूषण और नमी से होने वाले नुकसान से भी बचाता है।
स्किन एक्सपर्ट की सलाह:
-
मानसून में SPF 30 या उससे अधिक वाला सनस्क्रीन चुनें, जो ब्रॉड-स्पेक्ट्रम हो (यानी UVA और UVB दोनों से सुरक्षा दे)।
-
अगर आपकी त्वचा ऑयली है, तो जेल-बेस्ड या मैट-फिनिश सनस्क्रीन चुनें।
-
ड्राई स्किन वालों के लिए मॉइश्चराइजिंग सनस्क्रीन बेहतर है।
-
सेंसिटिव स्किन वालों को मिनरल-बेस्ड सनस्क्रीन (जैसे जिंक ऑक्साइड या टाइटेनियम डाइऑक्साइड युक्त) चुनना चाहिए।
मानसून में सनस्क्रीन लगाने का सही तरीका
सनस्क्रीन का पूरा फायदा तभी मिलता है, जब इसे सही तरीके से और सही समय पर लगाया जाए। नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करें:
-
सही समय पर लगाएं:
-
सनस्क्रीन को मेकअप या अन्य स्किनकेयर प्रोडक्ट्स से पहले लगाएं।
-
बाहर निकलने से 15-20 मिनट पहले सनस्क्रीन अप्लाई करें, ताकि यह त्वचा में अच्छी तरह अब्सॉर्ब हो जाए।
-
-
सही मात्रा इस्तेमाल करें:
-
चेहरे और गर्दन के लिए 2 उंगलियों जितनी मात्रा (लगभग 1/2 टीस्पून) सनस्क्रीन लें।
-
शरीर के खुले हिस्सों (हाथ, पैर) पर भी पर्याप्त मात्रा में लगाएं।
-
-
लगाने का तरीका:
-
सनस्क्रीन को चेहरे और गर्दन पर समान रूप से लगाएं।
-
हल्के हाथों से मसाज करें, ताकि यह त्वचा में अच्छी तरह समा जाए।
-
आंखों के आसपास और होंठों पर सनस्क्रीन न लगाएं; इसके लिए SPF युक्त लिप बाम यूज करें।
-
-
रीअप्लाई करें:
-
मानसून में हर 2-3 घंटे बाद सनस्क्रीन दोबारा लगाएं, खासकर अगर आप बारिश में भीग गए हों या पसीना आ रहा हो।
-
वाटर-रेसिस्टेंट सनस्क्रीन चुनें, जो नमी और बारिश में भी प्रभावी रहे।
-
-
सनस्क्रीन का प्रकार:
-
क्रीम: ड्राई और नॉर्मल स्किन के लिए।
-
जेल: ऑयली और कॉम्बिनेशन स्किन के लिए।
-
स्प्रे/स्टिक: जल्दी अप्लाई करने के लिए सुविधाजनक।
-
मानसून में सनस्क्रीन के साथ सावधानियां
-
पैच टेस्ट करें: कोई भी नया सनस्क्रीन यूज करने से पहले हाथ की त्वचा पर पैच टेस्ट करें, ताकि एलर्जी का पता चल सके।
-
अन्य प्रोडक्ट्स के साथ मिक्स न करें: सनस्क्रीन के तुरंत बाद मॉइश्चराइजर, फाउंडेशन, या अन्य क्रीम न लगाएं। इसे 5-10 मिनट तक अब्सॉर्ब होने दें।
-
एक्सपायरी डेट चेक करें: पुराना या एक्सपायर्ड सनस्क्रीन त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है।
-
एक्सपर्ट सलाह लें: अगर आपकी त्वचा सेंसिटिव है या आपको स्किन प्रॉब्लम्स (जैसे एक्जिमा, रोजेसिया) हैं, तो डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लेकर सनस्क्रीन चुनें।
मानसून में स्किनकेयर के अतिरिक्त टिप्स
मानसून में त्वचा को स्वस्थ और चमकदार रखने के लिए सनस्क्रीन के साथ-साथ इन टिप्स को भी फॉलो करें:
-
क्लींजिंग:
-
दिन में दो बार (सुबह और रात) माइल्ड क्लींजर से चेहरा साफ करें, ताकि नमी और प्रदूषण से जमा गंदगी निकल जाए।
-
ऑयली स्किन वालों के लिए सैलिसिलिक एसिड युक्त क्लींजर चुनें।
-
-
मॉइश्चराइजिंग:
-
मानसून में नमी के बावजूद त्वचा डिहाइड्रेट हो सकती है। हल्का, नॉन-कॉमेडोजेनिक मॉइश्चराइजर यूज करें।
-
ड्राई स्किन वालों के लिए हायल्यूरोनिक एसिड या ग्लिसरीन युक्त मॉइश्चराइजर बेहतर है।
-
-
एक्सफोलिएशन:
-
हफ्ते में 1-2 बार माइल्ड स्क्रब या केमिकल एक्सफोलिएंट (जैसे AHA/BHA) से डेड स्किन हटाएं।
-
ज्यादा एक्सफोलिएशन से बचें, वरना त्वचा सेंसिटिव हो सकती है।
-
-
हाइड्रेशन:
-
दिन भर में 2-3 लीटर पानी पिएं, ताकि त्वचा हाइड्रेटेड रहे।
-
नारियल पानी, नींबू पानी, या हर्बल टी पीने से त्वचा में निखार आता है।
-
-
मेकअप कम करें:
-
मानसून में भारी मेकअप से बचें, क्योंकि नमी के कारण यह पसीने के साथ बह सकता है और पोर्स बंद हो सकते हैं।
-
वाटरप्रूफ मेकअप प्रोडक्ट्स चुनें।
-
-
छाता और स्कार्फ:
-
बारिश और धूप से बचने के लिए छाता, टोपी, या स्कार्फ का इस्तेमाल करें। यह त्वचा को अतिरिक्त सुरक्षा देता है।
-
सही सनस्क्रीन कैसे चुनें?
अपने स्किन टाइप और जरूरतों के हिसाब से सनस्क्रीन चुनने के लिए ये टिप्स फॉलो करें:
-
SPF रेटिंग: SPF 30-50 चुनें। SPF 30 97% UVB किरणों को ब्लॉक करता है, जबकि SPF 50 98% तक।
-
ब्रॉड-स्पेक्ट्रम: UVA और UVB दोनों से सुरक्षा के लिए ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लें।
-
वाटर-रेसिस्टेंट: मानसून में बारिश और नमी के कारण वाटर-रेसिस्टेंट सनस्क्रीन बेहतर है।
-
नॉन-कॉमेडोजेनिक: ऑयली या मुंहासे वाली त्वचा के लिए ऐसा सनस्क्रीन चुनें, जो पोर्स को ब्लॉक न करे।
-
केमिकल vs मिनरल: केमिकल सनस्क्रीन (जैसे ऑक्सीबेंजोन) हल्के होते हैं, जबकिमिनरल सनस्क्रीन (जिंक ऑक्साइड) सेंसिटिव स्किन के लिए बेहतर हैं।
नोट
-
सनस्क्रीन त्वचा की देखभाल का हिस्सा है, लेकिन यह अकेला काफी नहीं। नियमित स्किनकेयर रूटीन और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
-
अगर सनस्क्रीन लगाने के बाद रैशेज, जलन, या एलर्जी हो, तो तुरंतइस्तेमाल बंद करें और डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
-
बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सनस्क्रीन यूज करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
आपको यह आर्टिकल कैसा लगा? अपनी राय और सवाल हमें कमेंटबॉक्स में जरूर बताएं। अगर आपको स्किनकेयर से जुड़ी कोई खास समस्या है, तो हमें लिखें, हम आपके लिए एक्सपर्टसलाह लाएंगे। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें, ताकि वे भी मानसून में अपनी त्वचा का ख्याल रख सकें।
यह भी पढ़ें….
हर दूसरे दिन बिगड़ जाता है पाचन? इस 3-दिन के आयुर्वेदिक डिटॉक्स प्लान से पाएं जबरदस्त राहत!
मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।