1 जनवरी 2025 से भारत में बनने वाली हर नई बाइक और स्कूटर में अब एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (Anti-Lock Braking System) यानी ABS लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर भी शामिल हैं। सरकार का कहना है कि इस कदम से सड़क हादसों में भारी कमी लाई जा सकेगी।

बाइक और स्कूटर चलाने वालों के लिए बड़ी खबर!

जब अचानक ब्रेक लगाना पड़े तो गाड़ी फिसल जाती है और हादसे हो जाते हैं। लेकिन ABS तकनीक इस खतरे को काफी हद तक कम कर देती है। ये सिस्टम ब्रेकिंग के वक्त पहियों को लॉक नहीं होने देता, जिससे गाड़ी स्लिप नहीं करती और कंट्रोल बना रहता है। बारिश या फिसलन भरी सड़कों पर यह तकनीक ज़िंदगी बचाने में मददगार साबित होती है।

अब तक सिर्फ 125cc या उससे ऊपर की बाइकों में ABS जरूरी था, लेकिन नए नियम के तहत 100cc और उससे कम क्षमता वाली बाइकों में भी ABS जरूरी होगा। हालांकि 50cc इंजन और 50 किलोमीटर प्रति घंटे से कम टॉप स्पीड वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर को इससे छूट दी गई है। यानी लो-स्पीड ईवी पर यह नियम लागू नहीं होगा।

सरकार ने डीलरशिप स्तर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी है। अब हर टू-व्हीलर की बिक्री पर डीलर को दो BIS प्रमाणित हेलमेट देना अनिवार्य होगा – एक चालक और एक पीछे बैठने वाले के लिए। इससे सड़क पर बिना हेलमेट चलने की प्रवृत्ति पर रोक लगने की उम्मीद है।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि ABS लागू होने से टू-व्हीलर की कीमतों में 3 से 10 हजार रुपए तक का इजाफा हो सकता है। इसकी वजह है ड्रम ब्रेक की जगह डिस्क ब्रेक लगाना, नई असेंबली लाइन तैयार करना और टेस्टिंग व सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया। इस कारण एंट्री लेवल बाइकों की मांग 2 से 4% तक घट सकती है।

हालांकि दाम ज़रूर बढ़ेंगे, लेकिन ABS जैसी सेफ्टी टेक्नोलॉजी से हर साल हज़ारों जानें बचाई जा सकती हैं। सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है – सड़क पर सुरक्षा से समझौता नहीं होगा। अब जब बाइक खरीदने जाएं, तो ध्यान रखें – बिना ABS अब कोई नई बाइक नहीं मिलेगी।