GST बदलाव 2025: हेल्थ और क्लीन एनर्जी सेस से सिगरेट, शराब, कोल्ड ड्रिंक, और लग्जरी कारें होंगी महंगी
12% स्लैब खत्म होने से आम आदमी को मिलेगी राहत
GST Reform 2025 | केंद्र सरकार 2025 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है, जिसका असर आम आदमी से लेकर उद्योगों तक पर पड़ेगा। मौजूदा कंपनसेशन सेस को हटाकर दो नए सेस—हेल्थ सेस और क्लीन एनर्जी सेस—लागू करने की योजना है। इससे सिगरेट, शराब, कोल्ड ड्रिंक, कोयला, और लग्जरी कारों की कीमतें बढ़ेंगी। साथ ही, सरकार 12% GST स्लैब को खत्म करने पर विचार कर रही है, जिससे टूथपेस्ट, साबुन, कपड़े, और डेयरी उत्पाद जैसे रोजमर्रा के सामान सस्ते हो सकते हैं। हालांकि, इन बदलावों से शुरुआत में सरकार को 40,000-50,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक रूप से खपत बढ़ने से GST संग्रह में सुधार की उम्मीद है। आइए जानते हैं इन बदलावों का आम आदमी और अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा। GST Reform 2025
GST में बड़े बदलाव की तैयारी
केंद्र सरकार 1 जुलाई 2017 को लागू हुई वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली में बड़े बदलाव की योजना बना रही है। इन बदलावों में मौजूदा कंपनसेशन सेस को हटाकर दो नए सेस—हेल्थ सेस और क्लीन एनर्जी सेस—लागू करना शामिल है। साथ ही, 12% GST स्लैब को खत्म करने का प्रस्ताव है, जिससे कुछ उत्पाद सस्ते और कुछ महंगे हो सकते हैं। इन बदलावों पर अंतिम फैसला GST काउंसिल की 56वीं बैठक में जुलाई 2025 के अंत तक होने की संभावना है, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे। GST Reform 2025
नए सेस: हेल्थ सेस और क्लीन एनर्जी सेस
1. हेल्थ सेस: सिगरेट, शराब, और कोल्ड ड्रिंक पर असर
हेल्थ सेस का उद्देश्य उन उत्पादों पर अतिरिक्त कर लगाना है, जिन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। इनमें शामिल हैं:
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तंबाकू और सिगरेट: वर्तमान में 28% GST स्लैब और कंपनसेशन सेस के साथ। नए हेल्थ सेस से इनकी कीमतें और बढ़ेंगी। उदाहरण के लिए, ITC, Godfrey Phillips, और VST Industries जैसी कंपनियों के उत्पाद प्रभावित होंगे।
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शराब और कार्बोनेटेड पेय (कोल्ड ड्रिंक): ये भी 28% GST स्लैब में हैं। हेल्थ सेस से Varun Beverages, United Breweries, और United Spirits जैसे ब्रांड्स की कीमतों में वृद्धि होगी।
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उद्देश्य: लोगों को इन उत्पादों के उपयोग से हतोत्साहित करना और स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना। विशेषज्ञों का मानना है कि महंगे उत्पादों की खपत कम हो सकती है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ घटेगा और सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। GST Reform 2025
2. क्लीन एनर्जी सेस: लग्जरी कारें और कोयला महंगा
क्लीन एनर्जी सेस का लक्ष्य पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों पर कर बढ़ाकर हरित ऊर्जा को प्रोत्साहित करना है। प्रभावित उत्पाद:
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लग्जरी कारें: पेट्रोल और डीजल से चलने वाली SUVs और हाई-एंड कारों पर अतिरिक्त सेस लगेगा, जिससे उनकी कीमतें बढ़ेंगी। उदाहरण के लिए, एक SUV पर वर्तमान 28% GST + 22% सेस के बजाय नया सेस लागू होने पर कुल कर 50% तक हो सकता है।
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कोयला: कोयले जैसे प्रदूषणकारी ईंधन पर क्लीन एनर्जी सेस से कीमतें बढ़ेंगी, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।
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उद्देश्य: यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हरित भारत नीति का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहनों और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना है।
कानूनी चुनौतियां
विशेषज्ञों का कहना है कि नए सेस लागू करने के लिए GST कानून में संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि मौजूदा ढांचा नए सेस की अनुमति नहीं देता। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की अध्यक्षता में मंत्रियों का समूह (GoM) इस पर चर्चा कर रहा है।
12% GST स्लैब खत्म: सस्ते और महंगे उत्पाद
सरकार 12% GST स्लैब को खत्म करने पर विचार कर रही है, जिससे उत्पादों को या तो 5% या 18% स्लैब में स्थानांतरित किया जाएगा। इससे कुछ रोजमर्रा के सामान सस्ते हो सकते हैं, जबकि अन्य पर कर बढ़ सकता है।
सस्ते होने वाले उत्पाद
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टूथपेस्ट, साबुन, डिटर्जेंट: ये रोजमर्रा के सामान 12% से 5% स्लैब में जा सकते हैं, जिससे मध्यम और निम्न आय वर्ग को राहत मिलेगी।
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कपड़े और जूते: 1,500 रुपये तक के रेडीमेड कपड़े और 1,000 रुपये तक के जूते सस्ते हो सकते हैं।
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डेयरी उत्पाद, घी, मक्खन, नमकीन: इनकी कीमतें कम होने से मिडिल क्लास की बचत बढ़ेगी।
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अन्य सामान: सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर, गीजर, कम क्षमता वाली वॉशिंग मशीन, साइकिल, और स्टेशनरी आइटम भी सस्ते हो सकते हैं।
महंगे होने वाले उत्पाद
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कुछ उपभोक्ता उत्पाद: 12% स्लैब के कुछ उत्पाद, जैसे मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स, 18% स्लैब में जा सकते हैं, जिससे उनकी कीमतें बढ़ेंगी।
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वित्तीय प्रभाव: इस बदलाव से सरकार को शुरुआत में 40,000-50,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का मानना है कि सस्ते उत्पादों से खपत बढ़ेगी, जिससे दीर्घकाल में GST संग्रह में सुधार होगा।
आम आदमी पर असर
सकारात्मक प्रभाव
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रोजमर्रा के सामान सस्ते: टूथपेस्ट, साबुन, कपड़े, जूते, और डेयरी उत्पादों की कीमतें कम होने से मध्यम और निम्न आय वर्ग को राहत मिलेगी।
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खपत में वृद्धि: सस्ते उत्पादों से बाजार में मांग बढ़ेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी और रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं।
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स्वास्थ्य और पर्यावरण: हेल्थ और क्लीन एनर्जी सेस से नशे और प्रदूषणकारी उत्पादों की खपत कम हो सकती है, जिससे समाज में स्वास्थ्य और पर्यावरण जागरूकता बढ़ेगी।
नकारात्मक प्रभाव
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महंगे उत्पाद: सिगरेट, शराब, कोल्ड ड्रिंक, और लग्जरी कारों की कीमतें बढ़ने से उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ पड़ेगा, खासकर उच्च आय वर्ग और इन उत्पादों के नियमित उपभोक्ताओं पर।
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कानूनी जटिलताएं: नए सेस लागू करने के लिए संवैधानिक संशोधन की जरूरत हो सकती है, जिससे देरी हो सकती है। कुछ राज्य, जैसे पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश, और पश्चिम बंगाल, इन बदलावों का विरोध कर रहे हैं।
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राजस्व नुकसान: 12% स्लैब खत्म होने से सरकार को तात्कालिक राजस्व नुकसान होगा, जिसे संभालने के लिए केंद्र सरकार को अतिरिक्त उपाय करने होंगे।
GST संग्रह की स्थिति
जून 2025 में GST संग्रह 1.85 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.2% अधिक है। हालांकि, यह मई 2025 (2.01 लाख करोड़ रुपये) और अप्रैल 2025 (2.37 लाख करोड़ रुपये) से कम है। ये आंकड़े आर्थिक स्थिरता और राजस्व वृद्धि की ओर इशारा करते हैं, लेकिन नए सेस और स्लैब बदलाव से यह संतुलन प्रभावित हो सकता है।
विशेषज्ञों की राय
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सकारात्मक दृष्टिकोण: डेलॉइट इंडिया के पार्टनर एमएस मणि का कहना है कि नए सेस GST के मूल उद्देश्य को जटिल बना सकते हैं, लेकिन स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए ये कदम दीर्घकाल में फायदेमंद हो सकते हैं।
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चुनौतियां: कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि नए सेस से कर ढांचा जटिल हो सकता है, और राज्यों के बीच सहमति बनाना मुश्किल होगा।
GST बदलाव 2025 में हेल्थ और क्लीन एनर्जी सेस के साथ 12% स्लैब को खत्म करने का प्रस्ताव मिश्रित प्रभाव डालेगा। जहां टूथपेस्ट, साबुन, और डेयरी उत्पाद जैसे रोजमर्रा के सामानसस्ते होकर मध्यम और निम्न आय वर्ग को राहत देंगे, वहीं सिगरेट, शराब, कोल्ड ड्रिंक, और लग्जरी कारें महंगी होकर उच्च आयवर्ग पर बोझ डालेंगी। यह कदम स्वास्थ्य और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देगा, लेकिन शुरुआतीराजस्व नुकसान और कानूनी जटिलताएं चुनौतियां पेश करेंगी। अंतिम फैसला GST काउंसिल की 56वीं बैठक पर निर्भर करेगा, जो जुलाई 2025 में होने की संभावना है। GST Reform 2025
हेल्पलाइन: GST से संबंधित जानकारी के लिए 1800-103-4786 पर संपर्क करें या www.gst.gov.in पर जाएं। GST Reform 2025
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।