होम लोन लेने वालों के लिए बड़ी राहत: NHB के नए नियम, अब अडवांस EMI पर मिलेगा ब्याज

होम लोन लेने वालों के लिए बड़ी राहत: NHB के नए नियम, अब अडवांस EMI पर मिलेगा ब्याज

Home Loan Advance EMI Interest | नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) ने होम लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए एक बड़ा राहत भरा कदम उठाया है। अब हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) को उन अडवांस EMI पेमेंट्स पर ब्याज देना होगा, जो तुरंत लोन की किस्तों में समायोजित नहीं किए जाते। यह ब्याज उसी दर पर देना होगा, जो ग्राहक के होम लोन पर लागू है। यह निर्देश 8 जुलाई 2025 को जारी किया गया, जिसका उद्देश्य लोन प्रक्रिया को पारदर्शी और ग्राहक हितैषी बनाना है। इसके साथ ही, NHB ने HFCs को ग्राहकों की गुणवत्ता पर ध्यान देने और डिफॉल्ट जोखिम को कम करने की सलाह दी है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि यह नया नियम क्या है, इसके लाभ क्या हैं, और यह होम लोन धारकों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है। Home Loan Advance EMI Interest

नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB), जो भारत में हाउसिंग फाइनेंस क्षेत्र का प्रमुख नियामक और पर्यवेक्षक है, ने 8 जुलाई 2025 को एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया। इस निर्देश के अनुसार, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) को उन अडवांस EMI भुगतानों पर ब्याज देना अनिवार्य होगा, जो ग्राहकों से लिए गए हैं लेकिन तुरंत लोन की किस्तों में समायोजित नहीं किए गए। यह ब्याज उसी दर पर देना होगा, जो ग्राहक के होम लोन पर लागू है। यह कदम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पारदर्शी और निष्पक्ष उधार प्रथाओं को बढ़ावा देने के दिशानिर्देशों के अनुरूप है। NHB का यह निर्देश सुनिश्चित करता है कि ग्राहकों को अनावश्यक ब्याज का बोझ न उठाना पड़े और HFCs अडवांस EMI को अपने पास रखकर अनुचित लाभ न कमाएं। Home Loan Advance EMI Interest


NHB के नए निर्देश का विवरण

  • अडवांस EMI पर ब्याज: यदि HFCs ग्राहकों से अडवांस EMI लेती हैं और उसे तुरंत लोन की किस्तों में समायोजित नहीं करतीं, बल्कि सस्पेंस या संड्री अकाउंट में रखती हैं, तो उन्हें उस राशि पर ब्याज देना होगा। यह ब्याज ग्राहक के होम लोन की ब्याज दर के बराबर होगा।

  • उद्देश्य: इस नियम का मुख्य उद्देश्य लोन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना और ग्राहकों को अनुचित ब्याज लागत से बचाना है। NHB ने स्पष्ट किया है कि HFCs ग्राहकों की अडवांस EMI को अपने पास रखकर उससे लाभ नहीं कमा सकतीं।

  • गुणवत्ता पर ध्यान: NHB ने HFCs को सलाह दी है कि वे डिफॉल्ट जोखिम को कम करने के लिए अडवांस EMI एकत्र करने के बजाय उधारकर्ताओं की गुणवत्ता पर ध्यान दें। इससे लोन देने की प्रक्रिया अधिक विश्वसनीय और जोखिम-मुक्त होगी।

  • कमजोर वर्ग पर प्रभाव: कुछ HFCs कमजोर आर्थिक वर्ग (EWS) और निम्न-आय वर्ग (LIG) के ग्राहकों से 1-2 EMI अडवांस में लेती थीं ताकि EMI बाउंस होने पर जोखिम कम हो। NHB ने इस प्रथा पर रोक लगाते हुए कहा है कि या तो लोन की राशि कम करें या अडवांस EMI पर ब्याज दें।


होम लोन धारकों के लिए लाभ

  1. पारदर्शिता में वृद्धि:

    • अडवांस EMI पर ब्याज मिलने से ग्राहकों को वित्तीय नुकसान नहीं होगा। यह सुनिश्चित करता है कि उनकी राशि बेकार न पड़ी रहे और उन्हें उचित रिटर्न मिले।

  2. अनुचित ब्याज से राहत:

    • पहले कुछ HFCs अडवांस EMI को अपने पास रखकर उसका उपयोग करती थीं, जिससे ग्राहकों को ब्याज का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ता था। अब यह प्रथा बंद होगी।

  3. विशेष रूप से EWS और LIG के लिए फायदेमंद:

    • कमजोर आर्थिक वर्ग और निम्न-आय वर्ग के ग्राहकों को अडवांस EMI देने की मजबूरी से राहत मिलेगी। यह उनके लिए होम लोन को अधिक किफायती बनाएगा।

  4. वित्तीय अनुशासन:

    • HFCs को उधारकर्ताओं की गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा, जिससे लोन स्वीकृति प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय होगी।


NHB और RBI के अन्य हालिया निर्देश

NHB और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल के वर्षों में हाउसिंग फाइनेंस क्षेत्र में कई सुधार किए हैं, जो ग्राहकों के हित में हैं:

  1. लोन डिस्बर्सल तिथि से ब्याज:

    • अप्रैल 2024 में, RBI ने सभी उधारदाताओं को निर्देश दिया कि वे लोन की वास्तविक डिस्बर्सल तिथि से ही ब्याज लें, न कि लोन एग्रीमेंट साइन होने की तारीख से। यह नियम उन मामलों को रोकने के लिए लाया गया, जहां HFCs पूरे महीने का ब्याज वसूल करती थीं, भले ही लोन महीने के बीच में दिया गया हो।

  2. इंश्योरेंस पॉलिसी पर रोक:

    • मार्च 2025 में, NHB ने HFCs को होम लोन के साथ जबरन बेची जा रही इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए फटकार लगाई। HFCs को निर्देश दिया गया कि वे बीमा उत्पादों की बिक्री तुरंत रोकें और ग्राहकों को पूरी जानकारी प्रदान करें।

  3. निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स के लिए रिफाइनेंसिंग नियम:

    • मई 2025 में, NHB ने निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स के लिए होम लोन रिफाइनेंसिंग नियमों को सख्त किया। अब रिफाइनेंस केवल तभी उपलब्ध होगा, जब पहली किश्त के समय आधे से कम निर्माण पूरा हुआ हो। इससे धन के दुरुपयोग और प्रारंभिक चरण के प्रोजेक्ट्स में जोखिम को कम किया जाएगा।


NHB का उद्देश्य और भूमिका

नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB), जिसकी स्थापना 9 जुलाई 1988 को नेशनल हाउसिंग बैंक एक्ट, 1987 के तहत हुई थी, भारत में हाउसिंग फाइनेंस सिस्टम को मजबूत करने और किफायती आवास को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है। यह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। NHB की मुख्य भूमिकाएं हैं:

  • पर्यवेक्षण: HFCs की गतिविधियों की निगरानी करना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना।

  • रिफाइनेंसिंग: बैंकों, HFCs, और सहकारी संस्थानों को रिफाइनेंसिंग प्रदान करना।

  • प्रोजेक्ट फाइनेंस: सार्वजनिक आवास एजेंसियों को प्रत्यक्ष वित्तपोषण।

  • किफायती आवास: निम्न और मध्यम आय वर्ग के लिए आवास ऋण को सुलभ बनाना।

NHB व्यक्तिगत रूप से होम लोन प्रदान नहीं करता, लेकिन यह HFCs को वित्तीय सहायता और नीतिगत मार्गदर्शन प्रदान करता है।


ग्राहकों के लिए सलाह

  1. अडवांस EMI की जांच:

    • यदि आपने HFC से होम लोन लिया है और अडवांस EMI दी है, तो सुनिश्चित करें कि उसका समायोजन तुरंत हो रहा है। यदि नहीं, तो ब्याज के लिए HFC से संपर्क करें।

  2. पारदर्शिता की मांग:

    • लोन एग्रीमेंट साइन करने से पहले सभी शर्तों, विशेष रूप से ब्याज और EMI समायोजन के बारे में, स्पष्ट जानकारी लें।

  3. शिकायत निवारण:

    • यदि HFC नियमों का पालन नहीं करती, तो NHB के ग्रievance Redressal Mechanism (GRIDS) के माध्यम से शिकायत दर्ज करें।

  4. क्रेडिट स्कोर बनाए रखें:

    • अच्छा क्रेडिट स्कोर (730 या अधिक) आपको कम ब्याज दरों पर होम लोन प्राप्त करने में मदद करेगा। समय पर EMI भुगतान और क्रेडिट कार्ड बिल चुकाने से क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है।


NHB का अडवांस EMI पर ब्याज देने का निर्देश होम लोन धारकों, विशेष रूप से कमजोर आर्थिक वर्ग और निम्न-आय वर्ग, के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है। यह नियम न केवल लोनप्रक्रिया को पारदर्शी बनाता है, बल्किग्राहकों को अनुचित वित्तीय बोझ से भी बचाता है। RBI और NHB के संयुक्तप्रयासों से हाउसिंग फाइनेंस क्षेत्र में निष्पक्षता और विश्वसनीयता बढ़ रही है। यदि आप होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो इन नए नियमों का लाभउठाएं और अपने लोन एग्रीमेंट की शर्तों को ध्यान से जांचें। Home Loan Advance EMI Interest


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