बारिश से फसल बर्बाद? PM Fasal Bima Yojana के तहत मुआवजा पाने का पूरा गणित

बारिश से फसल बर्बाद? PM Fasal Bima Yojana के तहत मुआवजा पाने का पूरा गणित

Crop Insurance Claim Process | देशभर में भारी बारिश, बाढ़, और ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। उत्तराखंड, हिमाचल, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में फसलों की बर्बादी की खबरें सामने आ रही हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। यह योजना प्राकृतिक आपदाओं, कीट प्रकोप, और अन्य जोखिमों से फसल नुकसान की भरपाई के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। खरीफ 2025 के लिए 31 जुलाई तक पंजीकरण की अंतिम तारीख है। आइए, इस योजना के तहत मुआवजा पाने की प्रक्रिया, गणना का फॉर्मूला, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को विस्तार से समझते हैं। Crop Insurance Claim Process

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भारत सरकार द्वारा 18 फरवरी 2016 को शुरू की गई एक फसल बीमा योजना है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, कीट प्रकोप, और अन्य जोखिमों से फसलों को होने वाले नुकसान की आर्थिक भरपाई करना है। यह योजना राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NAIS) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (MNAIS) की जगह लाई गई थी। PMFBY के तहत किसानों को कम प्रीमियम पर फसल बीमा उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें बाकी राशि केंद्र और राज्य सरकारें सब्सिडी के रूप में देती हैं। Crop Insurance Claim Process

योजना की मुख्य विशेषताएं

  • कम प्रीमियम: खरीफ फसलों के लिए 2%, रबी फसलों के लिए 1.5%, और बागवानी/वाणिज्यिक फसलों के लिए 5% प्रीमियम।

  • कवरेज: बुवाई से पहले, खड़ी फसल, और कटाई के बाद (14 दिनों तक) नुकसान को कवर करता है।

  • जोखिम कवर: सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, चक्रवात, भूस्खलन, कीट प्रकोप, बीमारी, और बेमौसमी बारिश।

  • आधुनिक तकनीक: सैटेलाइट, ड्रोन, और मोबाइल ऐप के जरिए नुकसान का आकलन।

  • लाभार्थी: ऋणी और गैर-ऋणी किसान, बटाईदार, और किराएदार किसान।

कौन सी फसलें शामिल हैं?

खरीफ 2025 के लिए निम्नलिखित फसलों का बीमा 31 जुलाई 2025 तक कराया जा सकता है:

  • अनाज और दालें: धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उड़द, मूंग, अरहर।

  • तिलहन: मूंगफली, सोयाबीन, तिल।

  • बागवानी फसलें: आलू, टमाटर, अदरक, मटर, गोभी, फूलगोभी, शिमला मिर्च (कुछ राज्यों में)।

रबी फसलों के लिए पंजीकरण की अंतिम तारीख आमतौर पर 31 दिसंबर होती है।

मुआवजा कैसे तय होता है?

PMFBY के तहत मुआवजा गणना एक निर्धारित फॉर्मूले पर आधारित होती है:

फॉर्मूला:

मुआवजा = [(थ्रेशोल्ड उपज - वास्तविक उपज) / थ्रेशोल्ड उपज] × बीमित राशि

फॉर्मूले के घटक

  1. थ्रेशोल्ड उपज (TY): पिछले 7 वर्षों की फसल उपज में से 2 सबसे कम उत्पादन वाले वर्षों को हटाकर बाकी 5 वर्षों की औसत उपज।

    • उदाहरण: यदि 7 वर्षों में प्रति हेक्टेयर उपज 1000, 2000, 2500, 800, 700, 3000, और 2700 किलो थी, तो सबसे कम (700 और 800) हटाने के बाद:

      औसत = (1000 + 2000 + 2500 + 3000 + 2700) / 5 = 11,200 / 5 = 2240 किलो/हेक्टेयर
  2. वास्तविक उपज (AY): बीमित फसल की मौजूदा उपज, जिसका आकलन बीमा कंपनी और कृषि विभाग द्वारा क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स (CCE) के आधार पर किया जाता है।

    • उदाहरण: मान लें वास्तविक उपज 1000 किलो/हेक्टेयर है।

  3. बीमित राशि (SI): फसल और क्षेत्र के आधार पर बीमा पॉलिसी में दर्ज अधिकतम राशि।

    • उदाहरण: मान लें बीमित राशि 20,000 रुपये/हेक्टेयर है।

मुआवजा गणना का उदाहरण

मुआवजा = [(2240 - 1000) / 2240] × 20,000
        = [1240 / 2240] × 20,000
        = 0.5536 × 20,000
        = 11,072 रुपये/हेक्टेयर

इस उदाहरण में, किसान को प्रति हेक्टेयर 11,072 रुपये का मुआवजा मिलेगा।

मुआवजा पाने की प्रक्रिया

फसल नुकसान की सूचना और क्लेम प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करना जरूरी है। नीचे प्रक्रिया दी गई है:

1. फसल नुकसान की सूचना देना

  • समय सीमा: नुकसान होने के 72 घंटों के भीतर सूचना देना अनिवार्य है।

  • सूचना के माध्यम:

    • हेल्पलाइन नंबर: 14447 या संबंधित बीमा कंपनी का टोल-फ्री नंबर।

    • ऑनलाइन: PMFBY पोर्टल (www.pmfby.gov.in) या Crop Insurance App पर।

    • ऑफलाइन: नजदीकी बैंक शाखा, साझा सेवा केंद्र (CSC), या स्थानीय कृषि विभाग।

  • आवश्यक जानकारी:

    • किसान का नाम, फसल का प्रकार, और नुकसान का कारण (जैसे बारिश, बाढ़, ओलावृष्टि)।

    • खेत का सर्वे नंबर और प्रभावित क्षेत्र (हेक्टेयर में)।

    • बैंक खाता विवरण (लोन लेने वाले या गैर-ऋणी किसानों के लिए)।

    • नुकसान की तस्वीरें (यदि संभव हो)।

2. नुकसान का आकलन

  • सर्वे प्रक्रिया: बीमा कंपनी 48 घंटों के भीतर सर्वेक्षक नियुक्त करती है। सर्वेक्षक 72 घंटों में नुकसान का आकलन पूरा करता है।

  • तकनीक का उपयोग: सैटेलाइट इमेज, ड्रोन, और क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स (CCE) के जरिए नुकसान का सटीक आकलन किया जाता है।

  • स्थानीय आपदाएं: ओलावृष्टि, भूस्खलन, या जलभराव जैसे स्थानीय नुकसानों के लिए व्यक्तिगत खेत स्तर पर आकलन होता है।

  • कटाई के बाद नुकसान: कटाई के बाद 14 दिनों तक चक्रवाती बारिश या बेमौसमी बारिश से नुकसान होने पर भी मुआवजा मिलता है।

3. मुआवजा भुगतान

  • समय सीमा: सर्वे के 15 दिनों के भीतर मुआवजा राशि किसान के बैंक खाते में जमा की जाती है, बशर्ते सरकार की सब्सिडी राशि प्राप्त हो।

  • औसत समय: आमतौर पर 2 महीने के भीतर, कई बार 10-15 दिनों में भुगतान हो जाता है।

  • विलंब के कारण: बैंक द्वारा गलत दस्तावेज, उपज डेटा में त्रुटि, या राज्य सरकार की सब्सिडी में देरी।

PMFBY में पंजीकरण कैसे करें?

ऑनलाइन पंजीकरण

  1. PMFBY पोर्टल पर जाएं: www.pmfby.gov.in पर जाएं।

  2. Farmers Corner चुनें: ‘Guest Farmer’ पर क्लिक करें।

  3. रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें:

    • व्यक्तिगत विवरण: नाम, मोबाइल नंबर, आधार नंबर।

    • खेत और फसल की जानकारी: खेत का सर्वे नंबर, फसल का प्रकार, और क्षेत्र।

    • बैंक विवरण: पासबुक में नाम, खाता नंबर, IFSC कोड।

  4. दस्तावेज अपलोड करें: आधार कार्ड, खेत की RC, और बैंक पासबुक की स्कैन कॉपी।

  5. प्रीमियम भुगतान: डेबिट कार्ड, UPI, या नेट बैंकिंग से प्रीमियम जमा करें।

ऑफलाइन पंजीकरण

  • नजदीकी बैंक, साझा सेवा केंद्र (CSC), या बीमा कंपनी के एजेंट से संपर्क करें।

  • आवश्यक दस्तावेज: आधार कार्ड, खेत का खसरा/खतौनी, बैंक पासबुक।

अंतिम तारीख: खरीफ 2025 के लिए 31 जुलाई 2025।

मुआवजा कब और कैसे मिलता है?

  • कवरेज के प्रकार:

    • बुवाई से पहले: कम बारिश या प्रतिकूल मौसम के कारण बुवाई न होने पर।

    • खड़ी फसल: सूखा, बाढ़, कीट प्रकोप, या ओलावृष्टि से नुकसान।

    • कटाई के बाद: 14 दिनों तक चक्रवाती बारिश या बेमौसमी बारिश से नुकसान।

    • स्थानीय आपदाएं: ओलावृष्टि, भूस्खलन, या जलभराव से व्यक्तिगत खेत को नुकसान।

  • भुगतान प्रक्रिया: मुआवजा सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर होता है।

  • हेल्पलाइन: किसी भी सहायता के लिए 14447 या 1800-180-1551 पर संपर्क करें।

महत्वपूर्ण सावधानियां

  • समय पर सूचना: नुकसान की सूचना 72 घंटों के भीतर देना अनिवार्य है।

  • सही दस्तावेज: गलत या अधूरे दस्तावेज क्लेम में देरी का कारण बन सकते हैं।

  • आधिकारिक पोर्टल: केवल www.pmfby.gov.in या Crop Insurance App का उपयोग करें।

  • प्रीमियम भुगतान: सुनिश्चित करें कि प्रीमियम समय पर जमा हो।

  • नुकसान की तस्वीरें: संभव हो तो नुकसान की तस्वीरें अपलोड करें।

योजना की चुनौतियां और सुधार

  • विलंब की शिकायतें: कुछ किसानों को क्लेम में देरी का सामना करना पड़ता है। सरकार सैटेलाइट और ड्रोन तकनीक से नुकसान आकलन को तेज करने की दिशा में काम कर रही है।

  • पारदर्शिता: हरियाणा जैसे राज्यों में किसानों ने शिकायत की है कि बीमा कंपनियां क्लेम देने में आनाकानी करती हैं।

  • नया कदम: भविष्य में सैटेलाइट सिस्टम से स्वचालित नुकसान आकलन होगा, जिससे तस्वीरें जमा करने की जरूरत नहीं होगी।

प्रधानमंत्री फसलबीमा योजनाकिसानों के लिए एक मजबूत आर्थिक सुरक्षा कवच है। बारिश, बाढ़, या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से फसल नुकसान होने पर यह योजना मुआवजा प्रदान करती है। समय पर पंजीकरण, सहीदस्तावेज, और त्वरित सूचना के साथ किसान इस योजना का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं। खरीफ 2025 के लिए 31 जुलाई तक पंजीकरण कराएं और अपनी फसल को सुरक्षित करें। अधिक जानकारी के लिए PMFBY की आधिकारिकवेबसाइट (www.pmfby.gov.in) या हेल्पलाइन नंबर 14447 पर संपर्क करें। Crop Insurance Claim Process

यह जानकारीसामान्य मार्गदर्शन के लिए है। नवीनतम अपडेट और क्षेत्र-विशिष्ट नियमों के लिए अपनेस्थानीय कृषि विभाग या बीमाकंपनी से संपर्क करें। Crop Insurance Claim Process


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