एग्जाम में आए 26 नंबर, सीधे कोर्ट पहुंची छात्रा, फॉरेंसिक जांच की मांग
Student demands forensic investigation over exam marks | राजस्थान के कोटा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 12वीं कक्षा की एक मेधावी छात्रा, इफराह शेख, ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) पर उत्तर पुस्तिका में छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगाया है। छात्रा ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया है कि उसके अकाउंटेंसी विषय की उत्तर पुस्तिका के पेज जानबूझकर बदल दिए गए, जिसके चलते उसे मात्र 26 अंक मिले, जबकि अन्य विषयों में उसका प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा। इस मामले ने CBSE की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं, और हाईकोर्ट के नोटिस ने बोर्ड में हड़कंप मचा दिया है। Student demands forensic investigation over exam marks
मामले का पूरा विवरण
इफराह शेख, कोटा की एक होनहार छात्रा, ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 में CBSE की 12वीं कक्षा की परीक्षा दी थी। उनकी याचिका के अनुसार, अकाउंटेंसी विषय में उन्हें अप्रत्याशित रूप से केवल 26 अंक प्राप्त हुए, जो उनके अन्य विषयों के उच्च अंकों की तुलना में असामान्य था। संदेह होने पर इफराह ने अपनी उत्तर पुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन करवाया। पुनर्मूल्यांकन के दौरान एक हैरान करने वाला तथ्य सामने आया: उत्तर पुस्तिका के कवर पेज पर इफराह की लिखावट थी, लेकिन अंदर के पेजों पर लिखावट किसी और की प्रतीत होती थी। याचिकाकर्ता का आरोप है कि उनकी उत्तर पुस्तिका के पेजों के साथ छेड़छाड़ की गई, जिसके परिणामस्वरूप उनके अंक कम हो गए। kota News
इसके अतिरिक्त, इफराह ने बताया कि अन्य विषयों में उनके अंक 80% से अधिक थे, जो उनकी मेहनत और शैक्षणिक क्षमता को दर्शाते हैं। अकाउंटेंसी में इतने कम अंक प्राप्त होने से उनके समग्र प्रतिशत पर गंभीर प्रभाव पड़ा, जिसने उनके उच्च शिक्षा और करियर की संभावनाओं को जोखिम में डाल दिया।
राजस्थान हाईकोर्ट की कार्रवाई
इफराह के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस अनूप कुमार ढंड के समक्ष इस मामले को उठाया। उन्होंने तर्क दिया कि यह छेड़छाड़ न केवल इफराह के भविष्य को प्रभावित करती है, बल्कि CBSE की मूल्यांकन प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर भी सवाल उठाती है। अधिवक्ता ने कोर्ट से निम्नलिखित मांगें कीं:
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फॉरेंसिक जांच: मूल उत्तर पुस्तिका की फॉरेंसिक जांच कराई जाए ताकि यह सत्यापित हो सके कि पेजों के साथ छेड़छाड़ हुई है या नहीं।
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संशोधित अंकतालिका: जांच के आधार पर इफराह की अंकतालिका को संशोधित किया जाए।
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प्रणालीगत सुधार: CBSE को निर्देश दिए जाएं कि वह भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक मजबूत और पारदर्शी मूल्यांकन प्रणाली विकसित करे।
जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने मामले की गंभीरता को देखते हुए CBSE के दिल्ली मुख्यालय और अजमेर क्षेत्रीय कार्यालय को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए कि उत्तर पुस्तिका, मूल्यांकन रिकॉर्ड, और अन्य संबंधित दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जाए और उन्हें नष्ट न किया जाए। कोर्ट ने CBSE से इस मामले में जवाब मांगा है, और अगली सुनवाई अगले सप्ताह निर्धारित की गई है।
CBSE की प्रतिक्रिया और प्रणाली पर सवाल
CBSE ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, कोर्ट के नोटिस ने बोर्ड के अधिकारियों में खलबली मचा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि छेड़छाड़ के आरोप सही पाए गए, तो यह CBSE की मूल्यांकन प्रक्रिया में गंभीर खामियों को उजागर करेगा। CBSE की वर्तमान पुनर्मूल्यांकन प्रणाली के तहत, छात्रों को पहले अपनी उत्तर पुस्तिका की फोटोकॉपी प्राप्त करने का अवसर मिलता है, जिसके बाद वे अंकों के सत्यापन या पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस मामले ने इस प्रणाली की प्रभावशीलता पर भी सवाल उठाए हैं।
छात्रा का दृष्टिकोण और सामाजिक प्रभाव
इफराह शेख ने अपनी याचिका में कहा कि इस घटना ने न केवल उनकी शैक्षणिक प्रगति को प्रभावित किया, बल्कि उनके आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाला। कोटा, जो भारत का शिक्षा हब माना जाता है, में इस तरह की घटना ने छात्रों और अभिभावकों के बीच चिंता पैदा कर दी है। सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है, जहां लोग CBSE की जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। कुछ यूजर्स ने इसे “शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार” का उदाहरण बताया, जबकि अन्य ने इफराह की हिम्मत की सराहना की कि उन्होंने इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई।
भविष्य की दिशा
यह मामला CBSE और अन्य शैक्षणिक बोर्डों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक हो सकता है। यदि फॉरेंसिक जांच में छेड़छाड़ की पुष्टि होती है, तो यह बोर्ड की विश्वसनीयता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। साथ ही, यह अन्य छात्रों को भी अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि CBSE को डिजिटल मूल्यांकन प्रणाली या ब्लॉकचेन-आधारित तकनीक जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाना चाहिए ताकि उत्तर पुस्तिकाओं की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित हो। kota News
कोटा की इ छात्रा की याचिका ने न केवल CBSE की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि शिक्षाप्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता के महत्व को भी रेखांकित किया है। राजस्थानहाईकोर्ट का यह कदमअन्याय का सामना कर रहे छात्रों के लिए उम्मीद की किरण बनसकता है। अगली सुनवाई में CBSE के जवाब और फॉरेंसिकजांच के परिणाम इस मामले को नई दिशा दे सकते हैं। तब तक, यह मामला शिक्षा क्षेत्र में सुधारों की आवश्यकता को उजागर करता रहेगा। Student demands forensic investigation over exam marks
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वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।