फ्लाइट की जल्दबाजी में ‘मामाजी’ भूले ‘मामीजी’ को, 1 किमी बाद काफिला लौटाकर लेने पहुंचे

फ्लाइट की जल्दबाजी में ‘मामाजी’ भूले ‘मामीजी’ को, 1 किमी बाद काफिला लौटाकर लेने पहुंचे

Shivraj Singh Chauhan leaves wife behind due to flight rush | केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान, जिन्हें मध्य प्रदेश में ‘मामाजी’ के नाम से जाना जाता है, ने शनिवार, 19 जुलाई 2025 को गुजरात के जूनागढ़ में एक मजेदार भूल कर बैठे। अपनी पत्नी साधना सिंह को मूंगफली अनुसंधान निदेशालय में छोड़कर, वे 22 गाड़ियों के काफिले के साथ राजकोट के लिए रवाना हो गए। लेकिन, मात्र एक किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद उन्हें अहसास हुआ कि उनकी पत्नी तो साथ में हैं ही नहीं! इसके बाद, काफिले ने तुरंत यू-टर्न लिया और साधना सिंह को लेने के लिए वापस लौटना पड़ा, जो प्रतीक्षालय में उनकी प्रतीक्षा कर रही थीं। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, और लोग इसे शिवराज की जल्दबाजी और उनकी सादगी से जोड़कर देख रहे हैं। आइए, इस मजेदार घटना और शिवराज के गुजरात दौरे के बारे में विस्तार से जानें। Shivraj Singh Chauhan leaves wife behind due to flight rush

Shivraj Singh Chauhan leaves wife behind due to flight rush

19 जुलाई 2025 को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान गुजरात के जूनागढ़ में एक व्यस्त दिन बिता रहे थे। वे अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ धार्मिक और सरकारी दौरे पर थे। दिन की शुरुआत सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन और सासन-देवलिया सफारी पार्क की सैर के साथ हुई थी। इसके बाद, वे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) – मूंगफली अनुसंधान निदेशालय पहुंचे, जहां उन्होंने किसानों और ‘लखपति दीदी’ योजना से जुड़ी महिलाओं के साथ संवाद किया।

लेकिन, इस व्यस्त कार्यक्रम के बीच एक मजेदार वाकया हुआ। शिवराज को रात 8 बजे राजकोट से दिल्ली के लिए फ्लाइट पकड़नी थी, और जूनागढ़ से राजकोट का रास्ता खराब होने के कारण वे जल्दबाजी में थे। मूंगफली अनुसंधान केंद्र में आयोजित कार्यक्रम के दौरान, वे बार-बार अपनी घड़ी देख रहे थे और माइक पर भी कह चुके थे, “राजकोट का रास्ता खराब है, अगली बार फुर्सत से आऊंगा।” जल्दी में, उन्होंने अपना भाषण छोटा किया और 22 गाड़ियों के काफिले के साथ राजकोट के लिए निकल पड़े।

लेकिन, जैसे ही काफिला एक किलोमीटर दूर पहुंचा, शिवराज को अचानक ख्याल आया कि उनकी पत्नी साधना सिंह तो साथ में नहीं हैं। दरअसल, साधना गिरनार दर्शन के बाद मूंगफली अनुसंधान केंद्र के प्रतीक्षालय में बैठी थीं। शिवराज ने तुरंत फोन पर संपर्क किया और काफिले को यू-टर्न लेकर वापस लौटने का निर्देश दिया। कुछ ही मिनटों में, पूरा काफिला वापस केंद्र पहुंचा, जहां साधना प्रतीक्षा कर रही थीं। इसके बाद, शिवराज और साधना एक साथ राजकोट के लिए रवाना हुए। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी, बल्कि सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई। X पर एक यूजर ने लिखा, “मामाजी का जिगरा तो देखो, पत्नी को भूल गए, लेकिन दिल से दिल तक का रिश्ता बनाए रखा!”

सोमनाथ दर्शन और सासन-देवलिया सफारी

शिवराज और साधना ने अपने गुजरात दौरे की शुरुआत सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन के साथ की। सावन के पवित्र महीने में यह दर्शन उनके लिए विशेष रहा। शिवराज ने कहा, “सोमनाथ के दर्शन का सौभाग्य मिला। यह आध्यात्मिक अनुभव मेरे लिए अविस्मरणीय है।” इसके बाद, दंपति ने सासन-देवलिया सफारी पार्क का दौरा किया, जहां उन्होंने एशियाई शेरों को उनके प्राकृतिक आवास में देखा। शिवराज ने इस अनुभव की तारीफ करते हुए कहा, “गिर की प्राकृतिक सुंदरता और सफारी की अवधारणा अद्भुत है। यह अनुभव प्रकृति के राज को करीब से देखने का अवसर देता है।” उन्होंने इस सफारी को पर्यटकों के लिए एक अनूठा अनुभव बताया, जो जंगल के राजा शेर को उनके प्राकृतिक वातावरण में देखने का मौका प्रदान करता है। Shivraj Singh Chauhan leaves wife behind due to flight rush

लखपति दीदी योजना: महिलाओं का सशक्तिकरण

जूनागढ़ में मूंगफली अनुसंधान निदेशालय के दौरे के दौरान, शिवराज ने ‘लखपति दीदी’ योजना के तहत काम करने वाली महिलाओं से मुलाकात की। इस योजना के तहत, स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाएं जो सालाना 1 लाख रुपये या उससे अधिक कमाती हैं, उन्हें ‘लखपति दीदी’ कहा जाता है। शिवराज ने बताया कि देश में अब तक 1.5 करोड़ महिलाएं इस योजना के तहत लखपति दीदी बन चुकी हैं, और सरकार का लक्ष्य 15 अगस्त 2025 तक इस संख्या को 2 करोड़ तक पहुंचाना है। Shivraj Singh Chauhan leaves wife behind due to flight rush

उन्होंने इस अवसर पर 50 लखपति दीदियों की प्रेरक कहानियों का एक संकलन और ICAR के 2024 के वार्षिक प्रतिवेदन का विमोचन किया। रक्षाबंधन के अवसर पर दीदियों को बधाई देते हुए, शिवराज ने कहा, “हर महिला को आत्मनिर्भर, आर्थिक रूप से सशक्त और स्वतंत्र होना चाहिए। लखपति दीदियां स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और वैश्विक मंच पर ले जा रही हैं। यह नारी शक्ति का ऐतिहासिक योगदान है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को उचित प्रशिक्षण, बैंक ऋण, और बुनियादी ढांचा मिलने पर वे चमत्कार कर सकती हैं। Shivraj Singh Chauhan leaves wife behind due to flight rush

शिवराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प है कि कोई भी महिला गरीब न रहे। हमारी सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है।” उन्होंने जूनागढ़ की उन दीदियों की तारीफ की, जो सालाना 10 लाख रुपये से अधिक कमा रही हैं, और उन्हें ‘मिलेनियम दीदी’ बनने के लिए प्रेरित किया।

भारत को फूड बास्केट बनाने का सपना

मूंगफली अनुसंधान निदेशालय में किसानों से बातचीत के दौरान, शिवराज ने भारत को विश्व का ‘फूड बास्केट’ बनाने का सरकार का लक्ष्य दोहराया। उन्होंने कहा, “हमारे वैज्ञानिकों की रिसर्च और टेक्नोलॉजी की मदद से हम कृषि उत्पादन को बढ़ाकर न केवल भारत, बल्कि विश्व का पेट भरने में सक्षम होंगे।” उन्होंने किसानों को आधुनिक तकनीकों को अपनाने और एकीकृत खेती (इंटीग्रेटेड फार्मिंग) पर ध्यान देने की सलाह दी, ताकि छोटे और सीमांत किसानों की आय में वृद्धि हो।

शिवराज ने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने हाल ही में प्याज निर्यात पर 20% सीमा शुल्क हटाने का फैसला किया है, ताकि किसानों को वैश्विक बाजारों में बेहतर कीमत मिल सके। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार का लक्ष्य है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले और उनकी आय बढ़े।”

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वाकया

शिवराज की इस भूल को लेकर सोशल मीडिया पर हल्के-फुल्के मजाक और तारीफों का दौर चल रहा है। X पर एक यूजर ने लिखा, “शिवराज जी ने साबित कर दिया कि मामाजी का दिल कितना बड़ा है। पत्नी को भूल गए, लेकिन वापस लौटकर उन्हें साथ ले गए।” एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, “फ्लाइट की जल्दबाजी में साधना जी को भूल गए, लेकिन काफिले को लौटाकर दिखा दिया कि परिवार पहले!” यह घटना शिवराज की सादगी और उनकी जिम्मेदारियों के प्रति समर्पण को दर्शाती है।

शिवराज की सादगी और संवेदनशीलता

शिवराज सिंह चौहान अपनी सादगी और जनता के प्रति संवेदनशीलता के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में, भोपाल में एक सड़क हादसे में घायल युवक की मदद के लिए उन्होंने अपना काफिला रुकवाकर उसे अस्पताल पहुंचाया था। उस समय, उन्होंने घायलयुवक को सांत्वना देते हुए कहा था, “मामा तुम्हारे साथ है, चिंता मत करो।” इस तरह की घटनाएं उनकी जनसेवा और मानवीयता को दर्शाती हैं। Shivraj Singh Chauhan leaves wife behind due to flight rush

गुजरात दौरे के दौरान भी, शिवराज ने किसानों और लखपति दीदियों के साथ सीधा संवाद किया और उनकी समस्याओं को सुनने का समय निकाला। उनकी यह कार्यशैली उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाती है। Shivraj Singh Chauhan leaves wife behind due to flight rush

शिवराज सिंह चौहान का यह गुजरात दौरा न केवल उनके सरकारी और धार्मिककार्यों के लिए याद किया जाएगा, बल्कि उनकी इस छोटी-सी भूल ने भी लोगों के बीच हंसी और स्नेह का माहौल बनाया। पत्नी साधना सिंह को काफिले में भूल जाना और फिर यू-टर्न लेकर उन्हें लेने वापस लौटना, उनकी सादगी और पारिवारिकमूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही, लखपति दीदी योजना और भारत को विश्व का फूड बास्केट बनाने का उनका विजन उनकीदूरदर्शिता को उजागर करता है। Shivraj Singh Chauhan leaves wife behind due to flight rush


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