तिरुपति बालाजी मंदिर में 4 गैर-हिंदू कर्मचारी आस्था के खिलाफ काम करने पर निलंबन, टीटीडी का बड़ा एक्शन

तिरुपति बालाजी मंदिर में 4 गैर-हिंदू कर्मचारी आस्था के खिलाफ काम करने पर निलंबन, टीटीडी का बड़ा एक्शन

Tirupati Balaji Temple 4 Non-Hindu Employees Suspended | आंध्र प्रदेश के तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD), जो विश्व प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करता है, ने अपनी धार्मिक आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए चार कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन कर्मचारियों पर आरोप है कि वे हिंदू धार्मिक संस्थान में कार्यरत रहते हुए गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में शामिल थे, जो TTD के नियमों और मंदिर की पवित्रता के खिलाफ है। यह कार्रवाई टीटीडी सतर्कता विभाग की जांच और ठोस साक्ष्यों के आधार पर की गई है। इस कदम ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है, और यह मामला #TirupatiTemple, #TTDAction, और #NonHinduEmployees जैसे वायरल कीवर्ड्स के साथ चर्चा में है। यह घटना पिछले साल लड्डू प्रसाद विवाद और पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़े तनाव के बीच मंदिर प्रशासन की सख्ती को दर्शाती है। Tirupati Balaji Temple 4 Non-Hindu Employees Suspended

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने 19 जुलाई 2025 को चार कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबित कर्मचारियों में शामिल हैं:

  1. बी. एलिजर – डिप्टी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (गुणवत्ता नियंत्रण)

  2. एस. रोसी – स्टाफ नर्स, BIRD अस्पताल

  3. एम. प्रेमवती – ग्रेड-1 फार्मासिस्ट, BIRD अस्पताल

  4. डॉ. जी. असुंथा – श्री वेंकटेश्वर आयुर्वेदिक फार्मेसी

TTD ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “इन कर्मचारियों पर संस्थान की आचार संहिता का उल्लंघन करने और एक हिंदू धार्मिक संगठन का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने कर्तव्यों का गैर-जिम्मेदाराना ढंग से पालन करने का आरोप है।” सतर्कता विभाग की जांच और अन्य साक्ष्यों के आधार पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें पाया गया कि ये कर्मचारी कथित रूप से ईसाई धर्म का पालन कर रहे थे, जो TTD के नियमों के खिलाफ है।

TTD की आचार संहिता और नियम

TTD के सेवा नियमों में 2007 में संशोधन किया गया था, जिसके तहत गैर-हिंदुओं की नई नियुक्तियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। इसके अनुसार, केवल हिंदू धर्म को मानने वाले कर्मचारी ही TTD में कार्यरत हो सकते हैं, और सभी कर्मचारियों को मंदिर की परंपराओं और धार्मिक मूल्यों का सम्मान करना अनिवार्य है।

TTD के चेयरमैन बी.आर. नायडू ने पिछले साल अक्टूबर 2024 में स्पष्ट किया था कि तिरुमाला में कार्यरत सभी कर्मचारियों को हिंदू होना चाहिए। उन्होंने कहा, “भगवान वेंकटेश्वर के निवास स्थान तिरुमाला में काम करने वाले सभी लोग हिंदू होने चाहिए।” इसके अलावा, कर्मचारियों को मंदिर में शामिल होने के समय भगवान वेंकटेश्वर के सामने शपथ लेनी होती है कि वे केवल हिंदू धर्म और परंपराओं का पालन करेंगे।

पहलगाम आतंकी हमले का प्रभाव और बढ़ती सख्ती

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी, ने देश में धार्मिक और राष्ट्रीय भावनाओं को और संवेदनशील बना दिया। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली थी। इस घटना के बाद, धार्मिक संस्थानों में आस्था और नियमों के पालन को लेकर देशभर में चर्चा तेज हो गई। तिरुपति मंदिर प्रशासन ने भी इस माहौल में अपनी नीतियों को और सख्त करने का फैसला किया। Tirupati Balaji Temple 4 Non-Hindu Employees Suspended

पिछले साल लड्डू प्रसाद में कथित मिलावट के विवाद ने भी TTD की साख पर सवाल उठाए थे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि लड्डुओं में पशु चर्बी और मछली का तेल मिला था, जिसके लिए उन्होंने पूर्व YSR कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया। इस विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच दल (SIT) गठित किया था। इन घटनाओं ने TTD को अपनी धार्मिक और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को और पारदर्शी और सख्त करने के लिए प्रेरित किया। Tirupati Balaji Temple 4 Non-Hindu Employees Suspended

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

यह पहली बार नहीं है जब TTD ने गैर-हिंदू कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।

  • 8 जुलाई 2025: TTD ने सहायक कार्यकारी अधिकारी ए. राजशेखर बाबू को निलंबित किया, क्योंकि वह अपने गृहनगर पुत्तूर में नियमित रूप से चर्च की प्रार्थनाओं में शामिल हो रहे थे।

  • फरवरी 2025: TTD ने 18 कर्मचारियों को गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए हटा दिया। इनमें छह शिक्षक, एक उप कार्यकारी अधिकारी, एक सहायक तकनीकी अधिकारी, एक छात्रावास कर्मचारी, दो इलेक्ट्रीशियन, और दो नर्स शामिल थे। इन कर्मचारियों को या तो अन्य सरकारी विभागों में स्थानांतरित किया गया या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) का विकल्प दिया गया।

TTD ने स्पष्ट किया है कि गैर-हिंदू कर्मचारियों को धीरे-धीरे हटाकर अन्य सरकारी विभागों में स्थानांतरित किया जाएगा। आंध्र प्रदेश सरकार, विशेष रूप से मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, ने इस नीति का समर्थन किया है और इसे मंदिर की पवित्रता और श्रद्धालुओं की भावनाओं की रक्षा के लिए आवश्यक बताया है। Tirupati Balaji Temple 4 Non-Hindu Employees Suspended

सोशल मीडिया पर हलचल

इस निलंबन की खबर ने सोशल मीडिया पर तीव्र प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। X पर कई यूजर्स ने TTD के इस कदम की सराहना की है। एक यूजर ने लिखा, “तिरुपति मंदिर में केवल हिंदू कर्मचारियों को ही काम करना चाहिए। TTD का यह कदम स्वागत योग्य है।” वहीं, कुछ यूजर्स ने धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल उठाए, जैसे कि क्या कर्मचारियों को अपनी मर्जी से धर्म चुनने की आजादी नहीं होनी चाहिए।

इसके जवाब में, TTD ने कहा कि मंदिर एक हिंदू धार्मिक संस्थान है, और यहां कार्यरत कर्मचारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे मंदिर की परंपराओं और नियमों का पूर्ण सम्मान करें। X पर एक अन्य पोस्ट में लिखा गया, “नौकरी तिरुपति मंदिर की, लेकिन मानते थे ईसाइयत। TTD ने सही कदम उठाया।”

केंद्र और राज्य सरकार का समर्थन

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने हाल ही में TTD में गैर-हिंदू कर्मचारियों की मौजूदगी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने दावा किया था कि करीब 1,000 गैर-हिंदू कर्मचारी TTD में कार्यरत हैं, और इसकी जांच की मांग की थी। उनके जन्मदिन पर तिरुमाला में दर्शन के दौरान, उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा और TTD की पवित्रता बनाए रखने की अपील की थी।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी TTD के इस कदम का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “TTD एक पवित्र हिंदू संस्थान है, और इसकी गरिमा और आस्था को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।” उनकी सरकार ने गैर-हिंदू कर्मचारियों को अन्य विभागों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया है। Tirupati Balaji Temple 4 Non-Hindu Employees Suspended

TTD की पवित्रता और श्रद्धालुओं की भावनाएं

तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर, जिसे कलियुग वैकुंठ भी कहा जाता है, दुनिया के सबसे अमीर और सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिरों में से एक है। प्रतिदिन 50,000 से 1,00,000 श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं, और विशेष अवसरों पर यह संख्या 5,00,000 तक पहुंच जाती है। TTD की संपत्ति 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, और यह 14,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ संचालित होता है।

TTD ने हमेशा मंदिर की पवित्रता और श्रद्धालुओं की भावनाओं को सर्वोपरि माना है। कार्यकारी अधिकारी जे. श्यामला राव ने कहा, “TTD के कर्मचारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे हिंदू धर्म और मंदिर की परंपराओं का सम्मान करें। गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में शामिल होना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह करोड़ों भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है।” Tirupati Balaji Temple 4 Non-Hindu Employees Suspended

आगे की योजना

TTD ने गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने की प्रक्रिया को और तेज करने का फैसला किया है। बोर्ड ने एक विशेष समिति गठित की है, जो मंदिर की संपत्तियों की सुरक्षा और अवैध गतिविधियों पर नजर रखेगी। इसके अलावा, TTD ने बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए ऑफलाइन दर्शन टिकट की सुविधा को फिर से शुरू करने और विदेशों में हिंदू मंदिरों के निर्माण की योजना बनाई है, ताकि हिंदू धर्म का प्रचार-प्रसार हो सके।

तिरुपति मंदिर में चार गैर-हिंदू कर्मचारियों का निलंबनTTD की उस नीति का हिस्सा है, जो मंदिर की धार्मिक पवित्रता और श्रद्धालुओं की भावनाओं की रक्षा पर केंद्रित है। यह कार्रवाई पहलगामआतंकी हमले और लड्डू विवाद जैसे हालियाघटनाक्रमों के बाद और भी महत्वपूर्ण हो गई है। TTD का यह कदम न केवल मंदिरप्रशासन की सख्ती को दर्शाता है, बल्कि यह धार्मिकसंस्थानों में आस्था और अनुशासन के महत्व को भी रेखांकित करता है। Tirupati Balaji Temple 4 Non-Hindu Employees Suspended

नोट: यह लेख/समाचार स्रोतों और सोशल मीडिया पर उपलब्धजानकारी पर आधारित है। अधिकजानकारी के लिए TTD के आधिकारिक बयान या समाचारस्रोतों का अवलोकन करें। Tirupati Balaji Temple 4 Non-Hindu Employees Suspended


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