उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद कितने दिन में चुनाव अनिवार्य, तब तक कौन संभालता है यह पद? 

उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद कितने दिन में चुनाव अनिवार्य, तब तक कौन संभालता है यह पद?

Vice President India resignation election timeline interim | उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद देश में नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया पर सबकी नजरें टिकी हैं। भारतीय संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद है, जो न केवल कार्यपालिका में अहम भूमिका निभाता है, बल्कि राज्यसभा के सभापति के रूप में विधायी कार्यों को भी संचालित करता है। ऐसे में, धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह सवाल उठता है कि नए उपराष्ट्रपति का चुनाव कब और कैसे होगा, और तब तक यह जिम्मेदारी कौन संभालेगा? आइए, इसकी पूरी प्रक्रिया, समयसीमा और संवैधानिक प्रावधानों को विस्तार से समझते हैं। Vice President India resignation election timeline interim

Vice President India resignation election timeline interim


उपराष्ट्रपति का पद: महत्व और जिम्मेदारियां

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 63 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। यह राष्ट्रपति के बाद वरीयता क्रम में दूसरा स्थान रखता है और राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, मृत्यु, त्यागपत्र या पद से हटाए जाने की स्थिति में राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करता है। इसके अलावा, उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है और संसद के ऊपरी सदन की कार्यवाही को संचालित करता है। संविधान के अनुच्छेद 64 और 89(1) के तहत, उपराष्ट्रपति को राज्यसभा की बैठकों की अध्यक्षता करने की जिम्मेदारी दी गई है।

जगदीप धनखड़, जो 7 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति बने थे, ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण विधायी सत्रों की अध्यक्षता की। उनके इस्तीफे ने संसद के मानसून सत्र के दौरान एक अप्रत्याशित स्थिति पैदा कर दी है। Vice President India resignation election timeline interim


उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद क्या होता है?

जब उपराष्ट्रपति अपने पद से इस्तीफा देता है, तो संविधान के अनुच्छेद 68(2) के अनुसार, रिक्ति को भरने के लिए यथाशीघ्र चुनाव कराया जाना अनिवार्य है। नियमों के मुताबिक, यह चुनाव उपराष्ट्रपति के त्यागपत्र के 60 दिनों के भीतर आयोजित करना होता है। यह समयसीमा सुनिश्चित करती है कि देश का यह महत्वपूर्ण संवैधानिक पद लंबे समय तक रिक्त न रहे।

इस अवधि के दौरान, राज्यसभा के उपसभापति उच्च सदन के कार्यवाहक सभापति के रूप में कार्यभार संभालते हैं। वर्तमान में, हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा के उपसभापति हैं और वे नए उपराष्ट्रपति के चुने जाने तक राज्यसभा की कार्यवाही संचालित करेंगे। हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि हरिवंश नारायण सिंह का कार्यकाल भी जल्द समाप्त होने वाला है, जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय संविधान में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति का कोई प्रावधान नहीं है। इसका मतलब है कि उपराष्ट्रपति का पद रिक्त होने पर कोई अस्थायी रूप से इसकी जिम्मेदारी नहीं संभालता, बल्कि केवल राज्यसभा की कार्यवाही को उपसभापति या उपसभाध्यक्षों के पैनल द्वारा संचालित किया जाता है।


उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?

उपराष्ट्रपति का चुनाव एक अप्रत्यक्ष प्रक्रिया के माध्यम से होता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों—लोकसभा और राज्यसभा—के सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत) शामिल होते हैं। यह प्रक्रिया राष्ट्रपति के चुनाव से अलग है, क्योंकि इसमें राज्य विधानसभाओं के सदस्य भाग नहीं लेते।

चुनाव की प्रमुख विशेषताएं:

  1. निर्वाचक मंडल: उपराष्ट्रपति का चुनाव एक विशेष निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें लोकसभा (543 निर्वाचित + 2 मनोनीत) और राज्यसभा (233 निर्वाचित + 12 मनोनीत) के कुल 790 सदस्य शामिल होते हैं।
  2. वोटिंग प्रणाली: चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (Proportional Representation) के तहत एकल संक्रमणीय मत (Single Transferable Vote) के माध्यम से होता है। प्रत्येक सांसद को एक वोट देना होता है, जिसमें वे उम्मीदवारों को प्राथमिकता के आधार पर नंबर देते हैं (जैसे 1, 2, 3)।
  3. गुप्त मतदान: वोटिंग प्रक्रिया गुप्त मतपत्र (Secret Ballot) के जरिए होती है, जिसे भारत निर्वाचन आयोग आयोजित करता है।
  4. कोटा निर्धारण: विजयी उम्मीदवार को कोटा प्राप्त करना होता है, जो कुल वैध मतों को 2 से विभाजित करके और उसमें 1 जोड़कर तय किया जाता है। यदि पहली गिनती में कोई उम्मीदवार कोटा हासिल नहीं करता, तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को बाहर किया जाता है, और उनके वोट दूसरी प्राथमिकता के आधार पर अन्य उम्मीदवारों को हस्तांतरित किए जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक कोई उम्मीदवार कोटा हासिल नहीं कर लेता।
  5. नामांकन की शर्तें:
    • उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसदों को प्रस्तावक और 20 सांसदों को समर्थक के रूप में नामित करना होता है।
    • उम्मीदवार को 15,000 रुपये की जमानत राशि जमा करनी होती है।
    • यदि उम्मीदवार संसद या किसी राज्य विधानमंडल का सदस्य है, तो उसे नामांकन से पहले अपनी सदस्यता छोड़नी होगी।
  6. पात्रता: उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए, 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका होना चाहिए, और उसे केंद्र या राज्य सरकार के अधीन कोई लाभ का पद धारण नहीं करना चाहिए।

चुनाव प्रक्रिया का संचालन:

  • भारत निर्वाचन आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी करता है, नामांकन पत्रों की जांच करता है, और मतदान व मतगणना का आयोजन करता है।
  • मतगणना के बाद, निर्वाचन अधिकारी परिणाम घोषित करता है, जिसे केंद्रीय सरकार के विधि और न्याय मंत्रालय को भेजा जाता है। इसके बाद, विजयी उम्मीदवार का नाम राजपत्र में प्रकाशित किया जाता है।
  • यदि कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो संविधान के अनुच्छेद 71 के तहत सुप्रीम कोर्ट इसका अंतिम निर्णय लेता है।

60 दिनों की समयसीमा और कार्यवाहक व्यवस्था

संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति के त्यागपत्र के बाद 60 दिनों के भीतर नए उपराष्ट्रपति का चुनाव अनिवार्य है। यह समयसीमा यह सुनिश्चित करती है कि राज्यसभा की कार्यवाही और संवैधानिक प्रक्रियाएं बिना किसी बड़े व्यवधान के चलती रहें।

इस दौरान, राज्यसभा के उपसभापति (वर्तमान में हरिवंश नारायण सिंह) राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन करते हैं। यदि उपसभापति उपलब्ध न हों, तो राज्यसभा के सभापति द्वारा नामित उपसभाध्यक्षों का पैनल कार्यवाही संभालता है। यह व्यवस्था तब तक लागू रहती है, जब तक नया उपराष्ट्रपति शपथ नहीं ले लेता। नए उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति या उनके द्वारा नियुक्त व्यक्ति के सामने शपथ लेनी होती है।

विशेष रूप से, यदि उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करना पड़ता है (उदाहरण के लिए, राष्ट्रपति के पद रिक्त होने पर), तो वह इस अवधि के दौरान राज्यसभा के सभापति के कर्तव्यों को नहीं निभा सकता। ऐसी स्थिति में भी उपसभापति या उपसभाध्यक्षों का पैनल राज्यसभा की जिम्मेदारी संभालता है। Vice President India resignation election timeline interim


वर्तमान संदर्भ: जगदीप धनखड़ का इस्तीफा

जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से 21 जुलाई 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंपा, जिसे तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया गया। उनके इस्तीफे ने संसद के मानसून सत्र के दौरान राजनीतिक और संवैधानिक चर्चाओं को जन्म दिया है। धनखड़, जो राजस्थान के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे, ने अपने करियर में वकालत, राजनीति और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में उल्लेखनीय योगदान दिया।

उनके इस्तीफे के बाद, भारत निर्वाचन आयोग जल्द ही नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करेगा। अनुमान है कि यह प्रक्रिया सितंबर 2025 तक पूरी हो सकती है, ताकि 60 दिनों की समयसीमा का पालन हो। तब तक, हरिवंश नारायण सिंह या उपसभाध्यक्षों का पैनल राज्यसभा की कार्यवाही को संचालित करेगा।


उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद 60 दिनों के भीतर नएउपराष्ट्रपति का चुनावअनिवार्य है, जो संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली और एकलसंक्रमणीय मत के माध्यम से किया जाता है। इस दौरान, राज्यसभा के उपसभापति (वर्तमान में हरिवंश नारायण सिंह) कार्यवाहकसभापति के रूप में उच्च सदन की कार्यवाही संभालते हैं। भारतीयसंविधान में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति का कोई प्रावधान नहीं है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि रिक्ति को जल्द से जल्द भरा जाए। Vice President India resignation election timeline interim

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने एक महत्वपूर्ण संवैधानिकप्रक्रिया को गति दी है, और आने वाले दिनों में भारत निर्वाचनआयोग की अधिसूचना और नए उपराष्ट्रपति के चयन पर देश की नजरें रहेंगी। Vice President India resignation election timeline interim


Leave a Comment

अहान पांडे कौन हैं? साउथ के मशहूर विलेन कोटा श्रीनिवास का निधन Kota Srinivasa Rao death news शर्मनाक जांच! ठाणे के स्कूल में छात्राओं के कपड़े उतरवाए गए अर्चिता फुकन और Kendra Lust की वायरल तस्‍वीरें! जानिए Babydoll Archi की हैरान कर देने वाली कहानी बाइक और स्कूटर चलाने वालों के लिए बड़ी खबर! Anti-Lock Braking System लो हो गया पंचायत सीजन 4 रिलीज, यहां देखें