3.2 तीव्रता का भूकंप, दिल्ली-NCR में दहशत, जानें ताजा अपडेट
faridabad Earthquake | हरियाणा के फरीदाबाद जिले में मंगलवार, 22 जुलाई 2025 की सुबह 6:00 बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.2 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र फरीदाबाद से 16 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में, जमीन से 5 किलोमीटर की गहराई पर था। दिल्ली-NCR के कई इलाकों में भी झटके महसूस किए गए, जिससे सुबह-सुबह लोग दहशत में घरों से बाहर भागे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने इसकी जानकारी अपने आधिकारिक X अकाउंट पर साझा की। सौभाग्य से, इस भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। यह पिछले एक हफ्ते में दिल्ली-NCR क्षेत्र में भूकंप की चौथी घटना है, जिसने क्षेत्र की भूकंपीय गतिविधियों को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। आइए, इस घटना के ताजा अपडेट, भूकंप की आवृत्ति, और इसके वैज्ञानिक कारणों को विस्तार से समझते हैं। faridabad Earthquake
फरीदाबाद में भूकंप: ताजा अपडेट
22 जुलाई 2025 को सुबह 6:00 बजे, फरीदाबाद में 3.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके दिल्ली-NCR के कई हिस्सों जैसे नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, और अन्य आसपास के क्षेत्रों में महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र फरीदाबाद से 16 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में (अक्षांश: 28.29 N, देशांतर: 77.21 E) और 5 किलोमीटर की गहराई पर था। यह एक उथला भूकंप (Shallow Earthquake) था, जिसका मतलब है कि इसका प्रभाव सतह पर अधिक महसूस हो सकता है, लेकिन इसकी कम तीव्रता के कारण कोई नुकसान नहीं हुआ।
लोगों ने बताया कि सुबह के समय, जब ज्यादातर लोग सो रहे थे, अचानक झटकों ने उनकी नींद तोड़ी। फरीदाबाद और दिल्ली-NCR के निवासियों ने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ लगाई। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने अपने अनुभव साझा किए। एक निवासी ने X पर लिखा, “सुबह-सुबह बिस्तर हिलने लगा, लगा कि कोई सपना है, लेकिन बाहर निकलकर देखा तो सब लोग सड़कों पर थे।” एक अन्य यूजर ने कहा, “यह हफ्ते में तीसरी-चौथी बार है जब दिल्ली-NCR में भूकंप आया, अब थोड़ा डर लगने लगा है।”
NCS और अन्य एजेंसियों ने निवासियों को सतर्क रहने और आपात स्थिति में तैयार रहने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप के बाद आफ्टरशॉक्स (Aftershocks) की संभावना बनी रहती है, इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है।
हाल के दिनों में दिल्ली-NCR में बार-बार भूकंप
दिल्ली-NCR क्षेत्र में हाल के हफ्तों में भूकंपीय गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह क्षेत्र सिस्मिक जोन IV में आता है, जो भारत में दूसरा सबसे अधिक भूकंप संवेदनशील क्षेत्र है। पिछले एक हफ्ते में यह चौथी बार है जब हरियाणा में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। आइए, हाल की घटनाओं पर एक नजर डालें:
- 10 जुलाई 2025: झज्जर, हरियाणा में 4.4 तीव्रता का भूकंप, जिसका केंद्र 3 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में और 10 किलोमीटर की गहराई पर था। यह भूकंप दिल्ली-NCR, मेरठ, शामली, हिसार, और राजस्थान के कुछ हिस्सों में महसूस किया गया। लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ।
- 11 जुलाई 2025: झज्जर में फिर से 3.7 तीव्रता का भूकंप, जिसका केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर था। इस बार भी दिल्ली-NCR में हल्के झटके महसूस किए गए।
- 16 जुलाई 2025: रोहतक, हरियाणा में 3.3 तीव्रता का भूकंप, जिसका केंद्र 15 किलोमीटर पूर्व में और 10 किलोमीटर की गहराई पर था। देर रात 12:46 बजे आए इस भूकंप ने लोगों को नींद से जगा दिया
- 22 जुलाई 2025: फरीदाबाद में 3.2 तीव्रता का भूकंप, जो आज सुबह दर्ज किया गया
पिछले 10 वर्षों में फरीदाबाद के 300 किलोमीटर के दायरे में 34 भूकंप (4 या उससे अधिक तीव्रता के) दर्ज किए गए हैं, जो प्रति वर्ष औसतन 3 भूकंप का औसत दर्शाता है। हालांकि, 5 से अधिक तीव्रता का कोई भूकंप इस अवधि में नहीं आया।
भूकंप क्यों आते हैं? वैज्ञानिक कारण
भूकंप का मुख्य कारण टेक्टोनिक प्लेटों की गति और आपसी टकराव है। पृथ्वी की बाहरी परत (क्रस्ट) कई टुकड़ों में बंटी हुई है, जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये प्लेटें पृथ्वी की सतह के नीचे मैग्मा पर तैरती रहती हैं और बहुत धीमी गति से हिलती हैं। दिल्ली-NCR क्षेत्र हिमालयन टेक्टोनिक जोन के निकट है, जहां भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच टकराव होता है। इस टकराव से उत्पन्न तनाव समय-समय पर ऊर्जा के रूप में निकलता है, जिसे हम भूकंप के रूप में महसूस करते हैं।
प्रमुख कारण:
- प्लेटों का टकराव: जब टेक्टोनिक प्लेट्स एक-दूसरे के खिलाफ रगड़ती हैं, खिसकती हैं, या ऊपर-नीचे होती हैं, तो तनाव जमा होता है।
- फॉल्ट लाइन्स: दिल्ली-NCR क्षेत्र में कई छोटी-छोटी फॉल्ट लाइन्स हैं, जैसे दिल्ली-हरिद्वार रिज और मथुरा फॉल्ट, जो भूकंपीय गतिविधियों को बढ़ावा देती हैं।
- उथली गहराई: हाल के भूकंप 5-10 किलोमीटर की गहराई पर हुए, जो उथले भूकंप की श्रेणी में आते हैं। ऐसे भूकंप सतह पर अधिक महसूस होते हैं, लेकिन कम तीव्रता के कारण नुकसान कम होता है।
- हिमालयन प्रभाव: हिमालय क्षेत्र में टेक्टोनिक गतिविधियां दिल्ली-NCR तक असर डालती हैं, क्योंकि यह क्षेत्र हिमालय से अपेक्षाकृत निकट है।
दिल्ली-NCR की भूकंपीय संवेदनशीलता:
दिल्ली-NCR सिस्मिक जोन IV में आता है, जो उच्च जोखिम वाला क्षेत्र है। इस क्षेत्र में मध्यम तीव्रता (4-6) के भूकंप बार-बार आते हैं, लेकिन 5 से अधिक तीव्रता के भूकंप पिछले 10 वर्षों में नहीं दर्ज किए गए। फिर भी, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि इस क्षेत्र में बड़े भूकंप की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह हिमालयन फॉल्ट सिस्टम के प्रभाव में है।
लोगों की प्रतिक्रिया और सोशल मीडिया
भूकंप के झटकों के बाद दिल्ली-NCR के निवासियों ने X पर अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कीं। एक यूजर ने लिखा, “फरीदाबाद में सुबह 6 बजे भूकंप के झटके! बिस्तर हिलने लगा, डर के मारे बाहर भागे।” एक अन्य ने कहा, “पिछले हफ्ते से बार-बार भूकंप आ रहे हैं, क्या दिल्ली-NCR में कोई बड़ा खतरा है?” कई लोगों ने NCS के BhooKamp ऐप को डाउनलोड करने की सलाह दी, जो भूकंप की रीयल-टाइम जानकारी प्रदान करता है।
स्थानीय प्रशासन और दिल्ली पुलिस ने लोगों से शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। दिल्ली पुलिस ने X पर लिखा, “फरीदाबाद भूकंप से कोई नुकसान नहीं हुआ है। कृपया सुरक्षित रहें और आपात स्थिति के लिए तैयार रहें।”
भूकंप से बचाव के उपाय
NCS और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने निवासियों को निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
- ड्रॉप, कवर, होल्ड ऑन: भूकंप के दौरान मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे छिपें, सिर की रक्षा करें, और स्थिर रहें।
- खुली जगह: यदि संभव हो, तो इमारतों और बिजली के तारों से दूर खुले मैदान में जाएं।
- आपातकालीन किट: पानी, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा किट, और महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार रखें।
- इमारतों की सुरक्षा: सुनिश्चित करें कि आपकी इमारत भूकंप-रोधी मानकों के अनुसार बनी हो।
- जागरूकता: BhooKamp ऐप डाउनलोड करें और भूकंप की जानकारी के लिए NCS के X अकाउंट को फॉलो करें।
- आफ्टरशॉक्स की तैयारी: भूकंप के बाद छोटे झटके आ सकते हैं, इसलिए सतर्क रहें।
ताजा स्थिति और विशेषज्ञों की राय
फिलहाल, फरीदाबाद और दिल्ली-NCR में स्थिति सामान्य है, और कोईनुकसान या हताहत की खबर नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली-NCR में हाल के भूकंप छोटे और मध्यम तीव्रता के हैं, लेकिन बार-बार होने वाली इन घटनाओं ने क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता को उजागर किया है। भूकंप वैज्ञानिक डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “दिल्ली-NCR में छोटे भूकंप सामान्य हैं, लेकिन हमें बड़े भूकंप की संभावना के लिए तैयार रहना चाहिए। भूकंप-रोधी निर्माण और जागरूकता जरूरी है।”
NCS ने निवासियों को सलाह दी है कि वे भूकंप के दौरान लिफ्ट का उपयोग न करें और ऊंची इमारतों की ऊपरी मंजिलों पर सावधानी बरतें। फरीदाबाद में भूकंप के झटके मुख्य रूप से ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों को महसूस हुए। faridabad Earthquake
22 जुलाई 2025 को फरीदाबाद में आए 3.2 तीव्रता के भूकंप ने दिल्ली-NCR के निवासियों को एक बार फिर सतर्क कर दिया है। पिछलेएक हफ्ते में यह चौथी भूकंपीय घटना है, जो इस क्षेत्र की सिस्मिक जोन IV की संवेदनशीलता को दर्शाती है। हालांकि,इन भूकंपों से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन बार-बार होने वाली इन घटनाओं ने लोगों में चिंता बढ़ा दी है। निवासियों को सलाह दीजाती है कि वे भूकंप से बचाव के उपायों कोअपनाएं और NCS के अपडेट्स पर नजर रखें। भूकंप की प्रकृतिअप्रत्याशित होती है, इसलिए जागरूकता और तैयारी ही सबसे बड़ाहथियार है। faridabad Earthquake
मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।