शिव मंदिर से लौटने के बाद भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना नहीं मिलेगा पूजा का फल

शिव मंदिर से लौटने के बाद भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना नहीं मिलेगा पूजा का फल

Shiv temple return 5 things avoid | सावन का पवित्र महीना चल रहा है, और इस दौरान शिवभक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना में पूरी श्रद्धा के साथ जुटे हैं। हिंदू धर्म में मंदिर जाना और पूजा-पाठ करना आध्यात्मिक शांति और पुण्य प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। खासकर सावन में, जब भगवान शिव का धरती पर वास माना जाता है, शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक, बेलपत्र अर्पण, और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। Shiv temple return 5 things avoid

शास्त्रों और शिव पुराण के अनुसार, भोलेनाथ अपने भक्तों की भक्ति से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन छोटी-छोटी गलतियां उन्हें नाराज भी कर सकती हैं। शिव मंदिर में पूजा के दौरान और मंदिर से लौटने के बाद कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। कई लोग मंदिर से लौटते समय अनजाने में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिनसे उनकी पूजा का फल कम हो सकता है। इस लेख में हम आपको उन 5 गलतियों के बारे में बताएंगे, जो शिव मंदिर से लौटने के बाद भूलकर भी नहीं करनी चाहिए, साथ ही सावन में शिव पूजा के महत्व और कुछ विशेष उपाय भी साझा करेंगे। Shiv temple return 5 things avoid


सावन में शिव पूजा का महत्व

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती धरती पर भक्तों के बीच विचरण करते हैं। शिव पुराण के अनुसार, सावन में शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, और बेलपत्र अर्पित करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। सावन में शिव मंदिरों में जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, और शिव चालीसा का पाठ विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।

मंदिर जाना न केवल धार्मिक कर्म है, बल्कि यह मन को शांति, सकारात्मक ऊर्जा, और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है। लेकिन पूजा का पूरा फल तभी मिलता है, जब आप शास्त्रों में बताए गए नियमों का पालन करते हैं। खासकर मंदिर से लौटने के बाद कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि आपकी भक्ति का पुण्य बरकरार रहे।


शिव मंदिर से लौटने के बाद न करें ये 5 गलतियां

शास्त्रों और पुराणों में मंदिर से लौटने के बाद कुछ कार्यों को वर्जित माना गया है। ये गलतियां आपकी पूजा के पुण्य को कम कर सकती हैं। आइए जानते हैं, शिव मंदिर से लौटने के बाद किन 5 कार्यों से बचना चाहिए:

  1. खाली लोटा घर न लाएं
    शिव पूजा में जलाभिषेक सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। भक्त अक्सर घर से जल लेकर मंदिर जाते हैं और शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। लेकिन पूजा के बाद खाली लोटा घर लाना अशुभ माना जाता है।

    • क्या करें?: पूजा के लिए ले गए जल में से थोड़ा जल बचा लें। इस जल को घर लाकर तुलसी के पौधे में डालें या किसी पवित्र स्थान पर छिड़कें। आप लोटे में अक्षत (चावल), फूल, या बेलपत्र भी डाल सकते हैं। यह जल सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
    • क्यों?: खाली लोटा नकारात्मकता का प्रतीक हो सकता है, जबकि भरा हुआ लोटा समृद्धि और पवित्रता का संदेश देता है।
  2. तुरंत पैर न धोएं
    मंदिर से लौटने के बाद तुरंत पैर धोना सही नहीं माना जाता। मंदिर में सकारात्मक और आध्यात्मिक ऊर्जा होती है, जो शरीर में प्रवेश करती है। तुरंत पैर धोने से यह ऊर्जा नष्ट हो सकती है।

    • क्या करें?: मंदिर से लौटने के बाद कुछ समय (कम से कम 30 मिनट) तक पैर न धोएं। इस दौरान ध्यान या भजन करें, ताकि मंदिर की सकारात्मक ऊर्जा आपके भीतर बनी रहे।
    • क्यों?: मंदिर की पवित्रता और सकारात्मकता को शरीर में बनाए रखने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
  3. पूजा सामग्री को इधर-उधर न रखें
    मंदिर से लौटने के बाद पूजा सामग्री जैसे फूल, अक्षत, या प्रसाद को बेतरतीब ढंग से कहीं भी रख देना अनुचित है। यह सामग्री पवित्र होती है और इसका अपमान पूजा के फल को कम कर सकता है।

    • क्या करें?: घर लौटते ही पूजा सामग्री को एक साफ और पवित्र स्थान (जैसे पूजा घर) में रखें। प्रसाद को परिवार और पड़ोसियों में बांटें। बचे हुए फूल, अक्षत, या जल को पेड़-पौधों की जड़ में डालें।
    • क्यों?: पूजा सामग्री भगवान का आशीर्वाद होती है, और इसका सम्मान करने से पुण्य बढ़ता है।
  4. मंदिर से लौटते समय घंटी न बजाएं
    मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और भगवान का ध्यान आकर्षित करता है। लेकिन मंदिर से निकलते समय घंटी बजाना वर्जित है।

    • क्या करें?: मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाएं, लेकिन निकलते समय शांत रहें और प्रणाम करके बाहर आएं।
    • क्यों?: निकलते समय घंटी बजाने से मंदिर की सकारात्मक ऊर्जा बाधित हो सकती है, और यह भगवान के प्रति असम्मान का प्रतीक माना जाता है।
  5. तुरंत सांसारिक कार्य शुरू न करें
    मंदिर से लौटने के बाद तुरंत सांसारिक या रोजमर्रा के काम (जैसे खाना बनाना, टीवी देखना, या झगड़ा करना) शुरू करना गलत है। यह पूजा की पवित्रता को प्रभावित करता है।

    • क्या करें?: मंदिर से लौटने के बाद कुछ समय शांत बैठकर भगवान का ध्यान करें, शिव चालीसा या मंत्रों का जाप करें। इसके बाद ही अन्य कार्य शुरू करें।
    • क्यों?: पूजा के बाद कुछ समय तक आध्यात्मिक माहौल में रहने से मन शांत रहता है और पूजा का फल बढ़ता है।

सावन में शिव पूजा के विशेष नियम और उपाय

सावन में शिव पूजा का विशेष महत्व है। कुछ विशेष नियम और उपाय आपकी भक्ति को और प्रभावी बना सकते हैं:

  1. जलाभिषेक और बेलपत्र: शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, और घी से अभिषेक करें। बेलपत्र, धतूरा, और भांग अर्पित करना शुभ माना जाता है।
  2. शिव चालीसा और मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें। शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें।
  3. व्रत और दान: सावन के सोमवार को व्रत रखें और गरीबों को भोजन, वस्त्र, या जल दान करें।
  4. साफ-सफाई: मंदिर जाने से पहले और पूजा के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखें। साफ कपड़े पहनें और मन को शुद्ध रखें।
  5. सावन शिवरात्रि: सावन की शिवरात्रि (30 जुलाई 2025) को विशेष पूजा और रात्रि जागरण करें। यह दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत शुभ है।

शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के टिप्स

शिव पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव सादगी और सच्ची भक्ति से शीघ्र प्रसन्न होते हैं। कुछ अतिरिक्त टिप्स:

  • सच्ची भक्ति: पूजा में दिखावा न करें, मन से भगवान का ध्यान करें।
  • शिवलिंग पूजा: शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
  • पारद शिवलिंग: यदि संभव हो, घर में पारद (पारा) शिवलिंग की पूजा करें, जो अत्यंत शक्तिशाली मानी जाती है।
  • रुद्राक्ष धारण: सावन में रुद्राक्ष धारण करना शुभ होता है। इसे शिव मंदिर में अभिमंत्रित करवाएं।
  • शिव मंत्र: “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें:
    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

क्यों जरूरी है नियमों का पालन?

शास्त्रों के अनुसार, मंदिर में पूजा-पाठ और धार्मिक कर्मों का पुण्य तभी मिलता है, जब आप पूरी श्रद्धा और नियमों का पालन करते हैं। मंदिर से लौटने के बाद की गलतियां आपकी सकारात्मक ऊर्जा को कम कर सकती हैं और पूजा का फल प्रभावित हो सकता है। सावन में भगवान शिव की कृपा पाने के लिए नियमों का पालन और सच्ची भक्ति जरूरी है।


सावन 2025 में शिव मंदिर में पूजा करने के बाद खाली लोटा लाना, तुरंत पैर धोना, पूजा सामग्री का अनादर, घंटीबजाना, और सांसारिक कार्यों में तुरंत उलझना जैसी गलतियों से बचें। ये छोटी-छोटी बातें आपकी पूजा के पुण्य को बढ़ा सकती हैं और भगवानशिव की कृपा प्राप्त करने में मदद करेंगी। सावन के इस पवित्र महीने में नियमित पूजा, जलाभिषेक, और मंत्र जाप करें, ताकि आपको मानसिक शांति, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त हो। Shiv temple return 5 things avoid

यह जानकारी शास्त्रों, शिवपुराण, और धार्मिकमान्यताओं पर आधारित है। किसी भीधार्मिक कार्य को करने से पहले अपनेगुरु या विशेषज्ञ से सलाह लें। Shiv temple return 5 things avoid


यह खबर भी पढ़ें
3.2 तीव्रता का भूकंप, दिल्ली-NCR में दहशत, जानें ताजा अपडेट

Leave a Comment

अहान पांडे कौन हैं? साउथ के मशहूर विलेन कोटा श्रीनिवास का निधन Kota Srinivasa Rao death news शर्मनाक जांच! ठाणे के स्कूल में छात्राओं के कपड़े उतरवाए गए अर्चिता फुकन और Kendra Lust की वायरल तस्‍वीरें! जानिए Babydoll Archi की हैरान कर देने वाली कहानी बाइक और स्कूटर चलाने वालों के लिए बड़ी खबर! Anti-Lock Braking System लो हो गया पंचायत सीजन 4 रिलीज, यहां देखें