मैंने OBC की पीड़ा को नहीं समझा, अब उनकी लड़ाई मेरी प्राथमिकता : राहुल गांधी
OBC Justice Rahul Gandhi Latest News | 25 जुलाई 2025 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित OBC भागीदारी न्याय महासम्मेलन में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक भावनात्मक और प्रभावशाली भाषण दिया। इस अवसर पर उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने 21 साल के राजनीतिक करियर में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की समस्याओं को समय रहते नहीं समझा, जिसे वे अपनी सबसे बड़ी भूल मानते हैं। उन्होंने यह भी वादा किया कि अब OBC के अधिकारों की लड़ाई उनकी प्राथमिकता होगी। इस महासम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य दिग्गज नेताओं ने भी हिस्सा लिया। राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला, साथ ही तेलंगाना की जातीय जनगणना को एक ‘सियासी तूफान’ करार दिया। आइए, इस भाषण के प्रमुख बिंदुओं, OBC के मुद्दों, और इस आयोजन के महत्व को विस्तार से समझते हैं। OBC Justice Rahul Gandhi Latest News
25 जुलाई 2025 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस पार्टी द्वारा OBC भागीदारी न्याय महासम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शामिल थे। इस महासम्मेलन का उद्देश्य OBC समुदाय के अधिकारों, उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति, और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना था। राहुल गांधी ने अपने भाषण में OBC समुदाय की उपेक्षा को अपनी गलती स्वीकार करते हुए इसे सुधारने का संकल्प लिया।
राहुल गांधी का आत्ममंथन: ‘OBC को नहीं समझ सका’
राहुल गांधी ने अपने 21 साल के राजनीतिक करियर का आत्ममंथन करते हुए कहा कि उन्होंने दलितों, आदिवासियों, और महिलाओं के मुद्दों को समझने में तो सफलता हासिल की, लेकिन OBC समुदाय की समस्याओं को समय रहते नहीं समझ पाए। उन्होंने कहा:
“मैं 2004 से राजनीति में हूँ, 21 साल हो गए। जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ और आत्म-विश्लेषण करता हूँ कि मैंने कहाँ सही किया और कहाँ कमी छोड़ी, तो मुझे दो-तीन बड़े मुद्दे दिखते हैं। मैंने भूमि अधिग्रहण बिल, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा कानून, और आदिवासियों के लिए लड़ाई में अच्छा काम किया। लेकिन OBC की पीड़ा को मैं समय रहते नहीं समझ सका। यह मेरी गलती थी, न कि कांग्रेस पार्टी की।”
राहुल ने यह स्वीकार किया कि अगर उन्होंने यूपीए सरकार के दौरान OBC समुदाय की पीड़ा को समझ लिया होता, तो उसी समय जातीय जनगणना करा दी होती। उन्होंने इस कमी को सुधारने का वादा करते हुए कहा कि अब OBC के अधिकारों की लड़ाई उनकी प्राथमिकता होगी।
तेलंगाना की जातीय जनगणना: ‘सियासी तूफान’
राहुल गांधी ने तेलंगाना में कांग्रेस सरकार द्वारा कराई गई जातीय जनगणना को एक ‘सियासी तूफान’ और ‘राजनीतिक भूकंप’ करार दिया। उन्होंने कहा कि इस जनगणना ने तेलंगाना की सामाजिक संरचना का एक तरह से ‘एक्स-रे’ किया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि कॉर्पोरेट दफ्तरों और बड़े पदों पर OBC, दलित, और आदिवासी समुदायों की भागीदारी न के बराबर है।
“तेलंगाना की जातीय जनगणना ने पूरे देश की राजनीति को हिला दिया है। इसके आंकड़े बताते हैं कि बड़े कॉर्पोरेट दफ्तरों में OBC, दलित, और आदिवासी कितने हैं? यह एक मिनट में सामने आ जाता है। करोड़ों के पैकेज सवर्णों के पास हैं, जबकि OBC, दलित, और आदिवासी मेहनत-मजदूरी में लगे हैं।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि जातीय जनगणना के बाद आरक्षण की 50% सीमा स्वतः टूट जाएगी, जैसा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने करके दिखाया है।
RSS और BJP पर तीखा हमला
राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को OBC समुदाय का ‘सबसे बड़ा दुश्मन’ करार दिया। उन्होंने कहा कि RSS और BJP ने OBC समुदाय के इतिहास को जानबूझकर मिटाया है और उनकी सामाजिक-आर्थिक प्रगति को रोका है।
“RSS और BJP ने OBC के इतिहास को मिटा दिया। जब आप अपने इतिहास को जानेंगे, तो आपको पता चलेगा कि RSS आपका सबसे बड़ा दुश्मन है। यह मनुवादी विचारधारा है।”
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा:
“नरेंद्र मोदी कोई बड़ी समस्या नहीं हैं। वो तो बस एक शो हैं, उनके पास कोई असली ताकत नहीं। मीडिया ने उनके प्रचार को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है। असल समस्या RSS है।”
उन्होंने यह भी कहा कि देश की 50% आबादी OBC समुदाय की है, लेकिन उनकी मेहनत का सम्मान नहीं किया जाता। उन्होंने उदाहरण दिया कि बड़े उद्योगपतियों को जमीनें दी जाती हैं, लेकिन OBC समुदाय को इससे कोई लाभ नहीं मिलता।
मल्लिकार्जुन खरगे का बयान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार OBC समुदाय के हितों की अनदेखी कर रही है और 50% आरक्षण की सीमा को खत्म करने की जरूरत है। खरगे ने कहा:
“प्रधानमंत्री मोदी झूठ बोलने के सरदार हैं। वे किसी भी समाज का भला नहीं कर सकते। संविधान के अनुसार 60% आरक्षण होना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार उन लोगों को आरक्षण देने को तैयार नहीं जो सामाजिक, आर्थिक, और शैक्षिक रूप से पिछड़े हैं।”
सिद्धारमैया की अपील: ‘न्याय संविधान की आत्मा’
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने भाषण में OBC समुदाय के संघर्ष को रेखांकित किया। उन्होंने कहा:
“यह भागीदारी न्याय सम्मेलन केवल एक राजनीतिक सभा नहीं है, बल्कि भारत के पिछड़े और वंचित वर्गों की सामूहिक पुकार है। डॉ. अंबेडकर ने कहा था कि ‘न्याय ही राष्ट्र की आत्मा है।’ आज हम उस असमानता के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं जो हमारे सामाजिक ढांचे में गहरे तक जमी हुई है।”
सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि OBC समुदाय, जो देश की उत्पादक शक्ति का एक बड़ा हिस्सा है, को शिक्षा, भूमि, और नेतृत्व के अवसरों से वंचित रखा गया है। उन्होंने BJP-RSS की विचारधारा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विचारधारा इस असमानता को खत्म करने के बजाय इसे और मजबूत करती है।
जातीय जनगणना: सामाजिक न्याय की दिशा में पहला कदम
राहुल गांधी ने जातीय जनगणना को सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में जल्द ही जातीय जनगणना और जनसंख्या का ‘एक्स-रे’ किया जाएगा।
“जातीय जनगणना सिर्फ पहला कदम है। मेरा लक्ष्य यह है कि OBC समुदाय को, जो देश की उत्पादक शक्ति है, वह सम्मान और भागीदारी मिले जिसके वे हकदार हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि तेलंगाना की जातीय जनगणना ने यह साबित कर दिया है कि डेटा के बिना कोई समुदाय दृश्यमान नहीं हो सकता।
OBC समुदाय के लिए कांग्रेस का रोडमैप
इस महासम्मेलन में कांग्रेस ने OBC समुदाय के लिए कई महत्वपूर्ण वादे किए:
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जातीय जनगणना: सभी कांग्रेस शासित राज्यों में जातीय जनगणना कराई जाएगी।
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50% आरक्षण सीमा हटाना: तेलंगाना मॉडल की तरह आरक्षण की सीमा को बढ़ाने की मांग।
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निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण: राहुल गांधी ने निजी शिक्षण संस्थानों में OBC, दलित, और अन्य वंचित समुदायों के लिए आरक्षण की मांग की।
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सामाजिक समावेशन: OBC समुदाय को कॉर्पोरेट और नेतृत्व के क्षेत्र में अधिक भागीदारी देने की योजना।
OBC भागीदारी न्यायमहासम्मेलन ने कांग्रेस पार्टी की OBC समुदाय के प्रतिप्रतिबद्धता को और मजबूत किया। राहुल गांधी ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए यह स्पष्ट किया कि अब वे OBC के अधिकारों की लड़ाई को अपनी प्राथमिकता बनाएंगे। तेलंगाना की जातीय जनगणना को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करते हुए उन्होंने देशभर में इस तरह की पहल को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। RSS और BJP पर तीखे हमले और जातीय जनगणना के महत्व पर जोर देकर राहुल गांधी ने सामाजिक न्याय के लिए अपनीपार्टी की दिशा को स्पष्ट किया। यह महासम्मेलन न केवल OBC समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि भारतीय राजनीति में सामाजिकसमावेशन और न्याय के लिए एक नया अध्याय शुरू करने का संकेत भी देता है। OBC Justice Rahul Gandhi Latest News
मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।