नरेंद्र मोदी ने तोड़ा इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड: भारत के दूसरे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री बने

नरेंद्र मोदी ने तोड़ा इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड: भारत के दूसरे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री बने

Narendra Modi Breaks Indira Gandhi Record | 25 जुलाई 2025 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जब उन्होंने इंदिरा गांधी को पीछे छोड़कर भारत के दूसरे सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इस दिन नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के 4,079 दिन पूरे किए, जो इंदिरा गांधी के लगातार 4,078 दिनों के रिकॉर्ड से एक दिन अधिक है। नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, और तब से वह लगातार तीन कार्यकालों में देश का नेतृत्व कर रहे हैं। हालांकि, सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड अब भी भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पास है, जिन्होंने 6,131 दिनों तक देश की बागडोर संभाली। दूसरी ओर, भारत के इतिहास में सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड गुलजारी लाल नंदा के नाम है, जो दो बार केवल 13-13 दिनों के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे। इस लेख में हम नरेंद्र मोदी की इस उपलब्धि, अन्य प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल, और भारत के सबसे कम समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री के बारे में विस्तार से जानेंगे। Narendra Modi Breaks Indira Gandhi Record

नरेंद्र मोदी: एक ऐतिहासिक उपलब्धि

नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को पहली बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। 25 जुलाई 2025 को उनके कार्यकाल का 4,079वां दिन था, जिसके साथ उन्होंने इंदिरा गांधी को पीछे छोड़ दिया। नरेंद्र मोदी न केवल आजादी के बाद जन्मे पहले प्रधानमंत्री हैं, बल्कि वे सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी हैं। उन्होंने दो पूर्ण कार्यकाल (2014-2019 और 2019-2024) पूरे किए और 2024 में तीसरे कार्यकाल की शुरुआत की।

मोदी ने अपने राजनीतिक करियर में कई रिकॉर्ड बनाए हैं:

  • लगातार तीन लोकसभा चुनावों में जीत: नरेंद्र मोदी ने 2014, 2019, और 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जीत दिलाकर जवाहरलाल नेहरू की बराबरी की है।

  • गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में लंबा कार्यकाल: 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा देने के बाद, उन्होंने केंद्र में भी अपनी मजबूत छाप छोड़ी।

  • छह लगातार चुनावी जीत: नरेंद्र मोदी एकमात्र ऐसे भारतीय नेता हैं, जिन्होंने एक पार्टी के नेता के रूप में लगातार छह चुनाव जीते हैं – 2002, 2007, और 2012 में गुजरात विधानसभा चुनाव, और 2014, 2019, और 2024 में लोकसभा चुनाव।

मोदी का नेतृत्व भारत के आर्थिक, सामाजिक, और विदेश नीति के क्षेत्र में कई बदलावों के लिए जाना जाता है। उनकी नीतियों, जैसे मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, और आयुष्मान भारत, ने देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इंदिरा गांधी: भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री

इंदिरा गांधी भारत की पहली और अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री थीं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में दो अलग-अलग कार्यकालों में कुल 15 वर्ष और 350 दिन तक प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की। उनका पहला कार्यकाल 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक था, जो 4,078 दिन का था। इसके बाद, वे 1980 में फिर से प्रधानमंत्री बनीं और 31 अक्टूबर 1984 को उनकी हत्या तक इस पद पर रहीं।

इंदिरा गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की एक केंद्रीय हस्ती थीं। वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पुत्री और बाद में प्रधानमंत्री बने राजीव गांधी की मां थीं। उनके कार्यकाल के कुछ प्रमुख योगदान और घटनाएँ निम्नलिखित हैं:

  • 1971 का भारत-पाक युद्ध: इस युद्ध में भारत की जीत और बांग्लादेश का निर्माण इंदिरा गांधी के नेतृत्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा।

  • बैंकों का राष्ट्रीयकरण: 1969 में बैंकों के राष्ट्रीयकरण ने भारत की आर्थिक नीतियों को एक नई दिशा दी।

  • आपातकाल (1975-1977): यह उनके कार्यकाल का एक विवादास्पद हिस्सा रहा, जिसने भारतीय लोकतंत्र को चुनौती दी।

इंदिरा गांधी का नेतृत्व भारत के इतिहास में एक मील का पत्थर रहा, और उनकी विरासत आज भी भारतीय राजनीति में चर्चा का विषय है।

जवाहरलाल नेहरू: सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री

जवाहरलाल नेहरू, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, ने 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 तक 16 वर्ष और 286 दिन (कुल 6,131 दिन) तक देश का नेतृत्व किया। यह भारत के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री का सबसे लंबा कार्यकाल है। नेहरू ने भारत को स्वतंत्रता के बाद एक आधुनिक राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल की कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ हैं:

  • पंचशील सिद्धांत: विदेश नीति में अहिंसा और सह-अस्तित्व पर आधारित पंचशील सिद्धांत।

  • पंचवर्षीय योजनाएँ: भारत की आर्थिक प्रगति के लिए पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत।

  • संस्थानों की स्थापना: IIT, IIM, और AIIMS जैसे संस्थानों की नींव।

नेहरू ने 1951-52, 1957, और 1962 के आम चुनावों में कांग्रेस को जीत दिलाई। उनका निधन 27 मई 1964 को उनके तीसरे कार्यकाल के दौरान हुआ।

गुलजारी लाल नंदा: सबसे कम समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री

भारत के इतिहास में सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड गुलजारी लाल नंदा के नाम है। वे दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने, और दोनों बार उनका कार्यकाल केवल 13-13 दिन का था। नंदा के कार्यकाल निम्नलिखित हैं:

  1. पहला कार्यकाल (27 मई 1964 – 9 जून 1964):

    • जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद, गुलजारी लाल नंदा को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री के स्थायी रूप से प्रधानमंत्री बनने तक यह जिम्मेदारी संभाली।

  2. दूसरा कार्यकाल (11 जनवरी 1966 – 24 जनवरी 1966):

    • लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद, नंदा को फिर से कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया। इस बार उन्होंने इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने तक यह पद संभाला।

गुलजारी लाल नंदा का जीवन और योगदान

  • जन्म और शिक्षा: गुलजारी लाल नंदा का जन्म 4 जुलाई 1898 को अविभाजित पंजाब के सियालकोट (अब पाकिस्तान) में एक पंजाबी हिंदू परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा लाहौर, अमृतसर, इलाहाबाद, और आगरा विश्वविद्यालयों में हुई।

  • स्वतंत्रता संग्राम में योगदान: नंदा 1921 में असहयोग आंदोलन में शामिल हुए और कई बार जेल गए। वे भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे।

  • राजनीतिक करियर: नंदा नेहरू, शास्त्री, और इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे विशेष रूप से श्रमिक मुद्दों पर अपने काम के लिए जाने जाते थे।

  • पुरस्कार: 1997 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया।

  • निधन: गुलजारी लाल नंदा का निधन 15 जनवरी 1998 को हुआ।

नंदा का निजी जीवन सादगी भरा था। उन्होंने लक्ष्मी से विवाह किया, और उनके दो पुत्र और एक पुत्री थी।

अन्य उल्लेखनीय कम समय के प्रधानमंत्री

गुलजारी लाल नंदा के अलावा, अटल बिहारी वाजपेयी भी अपने पहले कार्यकाल में केवल 16 दिन (16 मई 1996 – 1 जून 1996) के लिए प्रधानमंत्री रहे। यह कार्यकाल इसलिए छोटा रहा क्योंकि उनकी सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाई थी। हालांकि, वाजपेयी बाद में 1998-2004 तक पूर्ण कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री रहे और भारत के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक माने जाते हैं।

भारत के प्रधानमंत्रियों का कार्यकाल: एक तुलना

यहाँ भारत के कुछ प्रमुख प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल की तुलना दी गई है:

  • जवाहरलाल नेहरू: 6,131 दिन (15 अगस्त 1947 – 27 मई 1964)

  • नरेंद्र मोदी: 4,079 दिन (26 मई 2014 – 25 जुलाई 2025, और गिनती जारी)

  • इंदिरा गांधी: 4,078 दिन (लगातार, 1966-1977) + कुल 15 वर्ष और 350 दिन

  • मनमोहन सिंह: 3,653 दिन (2004-2014)

  • अटल बिहारी वाजपेयी: 2,272 दिन (कुल, 1996, 1998-2004)

  • गुलजारी लाल नंदा: 26 दिन (13 + 13 दिन, 1964 और 1966)

नरेंद्र मोदी की उपलब्धियाँ और विरासत

नरेंद्र मोदी का कार्यकाल भारत के आधुनिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जाता है। उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ हैं:

  • आर्थिक सुधार: जीएसटी, डिजिटल इंडिया, और मेक इन इंडिया जैसी पहलें।

  • सामाजिक योजनाएँ: आयुष्मान भारत, स्वच्छ भारत अभियान, और उज्ज्वला योजना।

  • विदेश नीति: भारत को वैश्विक मंच पर एक मजबूत स्थिति प्रदान करना।

  • चुनावी सफलता: लगातार तीन लोकसभा चुनावों में जीत, जो एक दुर्लभ उपलब्धि है।

मोदी की नेतृत्व शैली और नीतियों ने   उनके समर्थकों और आलोचकों दोनों के बीच चर्चा का विषय बना रखा है। उनकी लंबी सेवा ने उन्हें भारत के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बना दिया है।

नरेंद्र मोदी ने 25 जुलाई 2025 को इंदिरागांधी को पीछे छोड़करभारत के दूसरे सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री बनने का गौरवहासिल किया। उनके 4,079 दिनों के कार्यकाल ने भारत के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है। दूसरी ओर, जवाहरलाल नेहरू का 6,131 दिनों का रिकॉर्ड अभी भी अटूट है, जबकि गुलजारी लाल नंदा का 13-13 दिनों का कार्यकाल भारत के सबसे कम समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री के रूप में दर्ज है। यह उपलब्धि न केवल नरेंद्र मोदी की दीर्घकालिकनेतृत्व क्षमता को दर्शाती है, बल्कि भारत के लोकतांत्रिक इतिहास की विविधता को भी उजागर करती है। Narendra Modi Breaks Indira Gandhi Record


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