यूपीआई ट्रांजैक्शन पर GST का कोई प्लान नहीं, वित्त राज्य मंत्री ने किया साफ

यूपीआई ट्रांजैक्शन पर GST का कोई प्लान नहीं, वित्त राज्य मंत्री ने किया साफ

Government statement on UPI GST | पिछले कुछ समय से यूपीआई (UPI) ट्रांजैक्शन पर चार्ज या टैक्स लगाने की खबरें सामने आ रही थीं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सरकार 2000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी (GST) लगाने की योजना बना रही है। हालांकि, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में इन अटकलों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। मानसून सत्र 2025 के दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार का 2000 रुपये से ज्यादा के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर जीएसटी लगाने का कोई इरादा नहीं है। Government statement on UPI GST

चौधरी ने कहा, “वित्त मंत्रालय की ओर से यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी लगाने की कोई योजना नहीं है। यह स्पष्ट है कि ऐसी अटकलें निराधार हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी काउंसिल ने इस तरह का कोई प्रस्ताव या सिफारिश नहीं की है। जीएसटी काउंसिल, जिसमें केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं, टैक्स दरों और छूट से संबंधित सभी फैसले लेती है। Government statement on UPI GST

RBI गवर्नर की टिप्पणी से शुरू हुआ विवाद

यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने यूपीआई ट्रांजैक्शन पर संभावित चार्ज की बात कही थी। इसके बाद लोगों में चिंता बढ़ गई थी कि सरकार यूपीआई जैसे लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट सिस्टम पर अतिरिक्त शुल्क लगा सकती है। यूपीआई भारत में डिजिटल भुगतान का एक प्रमुख माध्यम बन चुका है, और इसका उपयोग छोटे-बड़े लेनदेन के लिए व्यापक रूप से किया जाता है। ऐसे में, इस तरह की खबरों ने आम लोगों और व्यवसायियों में बेचैनी पैदा कर दी थी।

हालांकि, वित्त राज्य मंत्री के बयान ने इन चिंताओं को दूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और यूपीआई की लोकप्रियता को देखते हुए इस पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जाएगा।

जीएसटी काउंसिल का रोल और फैसले

पंकज चौधरी ने यह भी बताया कि जीएसटी से संबंधित सभी फैसले जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों के आधार पर लिए जाते हैं। यह काउंसिल एक संवैधानिक निकाय है, जिसमें केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। काउंसिल समय-समय पर टैक्स दरों, छूट और अन्य नीतियों पर विचार-विमर्श करती है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि 2000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी लगाने की कोई सिफारिश या चर्चा काउंसिल में नहीं हुई है। यह बयान उन लोगों के लिए राहत की बात है जो यूपीआई का उपयोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए करते हैं।

राजस्व की स्थिति मजबूत, कोई कमी नहीं

वित्त राज्य मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजस्व में किसी तरह की कमी की आशंका नहीं है। सरकार का लक्ष्य बजट अनुमान के तहत निर्धारित राजकोषीय घाटे को प्राप्त करना है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा लगभग 15.69 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जो जीडीपी का 4.4 प्रतिशत है।

चौधरी ने कहा, “हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है, और राजस्व संग्रह के लक्ष्य को हासिल करने में कोई समस्या नहीं है। सरकार डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए काम कर रही है।”

सरकारी बैंकों में कर्मचारियों की स्थिति

यूपीआई और जीएसटी के अलावा, पंकज चौधरी ने सरकारी बैंकों में कर्मचारियों की स्थिति पर भी प्रकाश डाला। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि 31 मार्च 2025 तक सरकारी बैंकों में 96 प्रतिशत कर्मचारी उनकी व्यावसायिक जरूरतों के अनुसार उपलब्ध हैं।

उन्होंने कहा, “कर्मचारियों की थोड़ी कमी रिटायरमेंट, इस्तीफों और अन्य कारणों से हुई है। फिर भी, पिछले पांच वर्षों में बैंकों ने 1,48,687 कर्मचारियों की भर्ती की है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 48,570 कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है।” यह कदम सरकारी बैंकों की कार्यक्षमता को और बेहतर करने के लिए उठाया जा रहा है। Government statement on UPI GST

यूपीआई की लोकप्रियता और भविष्य

यूपीआई ने भारत में डिजिटल भुगतान को एक नया आयाम दिया है। छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े व्यवसायों तक, यूपीआई का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने इसे और सुलभ बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। यूपीआईट्रांजैक्शन पर जीएसटी न लगाने का फैसला इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जो डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा।

वित्त राज्य मंत्री के इस बयान से उन लाखों लोगों को राहत मिली है जो यूपीआई का उपयोगरोजमर्रा के लेनदेन के लिए करते हैं। सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया के विजन को और मजबूत करने की दिशा में एकमहत्वपूर्ण कदम है। Government statement on UPI GST


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