मोदी के एक दौरे पर खर्च होते हैं इतने रुपये, जानें सबसे महंगा दौरा और इसके पीछे की वजहें

मोदी के एक दौरे पर खर्च होते हैं इतने रुपये, जानें सबसे महंगा दौरा और इसके पीछे की वजहें

Modi foreign trip cost | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राएं न केवल भारत की कूटनीतिक ताकत को बढ़ाती हैं, बल्कि वैश्विक सहयोग, व्यापार समझौते, और विदेशी निवेश को आकर्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन यात्राओं के जरिए पीएम मोदी ने भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक मजबूत आवाज दी है, जिसका असर विदेशी निवेश और द्विपक्षीय संबंधों में साफ दिखाई देता है। हालांकि, इन यात्राओं पर होने वाला खर्च विपक्ष के निशाने पर रहता है। हाल ही में राज्यसभा में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2021 से 2025 तक पीएम मोदी की विदेश यात्राओं पर कुल 362 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। आइए, इन यात्राओं के खर्च, सबसे महंगे दौरों, और उनके महत्व को विस्तार से समझते हैं। Modi foreign trip cost

2021 से 2025 तक विदेश यात्राओं पर खर्च का विवरण

विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2021 से 2024 तक पीएम मोदी की विदेश यात्राओं पर कुल 295 करोड़ रुपये खर्च हुए। इस दौरान खर्च में लगातार वृद्धि देखी गई, जो कोविड-19 महामारी के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की बढ़ती सक्रियता को दर्शाता है। साल-दर-साल खर्च का ब्यौरा इस प्रकार है:

  • 2021: 36 करोड़ रुपये (बांग्लादेश, अमेरिका, इटली, और यूके सहित)

  • 2022: 55.82 करोड़ रुपये (जर्मनी, जापान, डेनमार्क, नेपाल, और फ्रांस सहित)

  • 2023: 93.60 करोड़ रुपये (अमेरिका, जापान, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, और दक्षिण अफ्रीका सहित)

  • 2024: 109.50 करोड़ रुपये (रूस, यूक्रेन, इटली, ब्राजील, और पोलैंड सहित)

2025 में, पीएम मोदी ने अब तक 14 देशों की यात्राएं की हैं, जिनमें से पांच देशों (फ्रांस, अमेरिका, सऊदी अरब, थाईलैंड, और श्रीलंका) की यात्राओं का खर्च 67.07 करोड़ रुपये रहा। बाकी देशों (मॉरीशस, साइप्रस, कनाडा, क्रोएशिया, घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील, और नामीबिया) के खर्च का ब्यौरा अभी प्रक्रियाधीन है। 2025 के खर्च का विवरण इस प्रकार है:

  • फ्रांस: 25.59 करोड़ रुपये

  • अमेरिका: 16.54 करोड़ रुपये

  • सऊदी अरब: 15.54 करोड़ रुपये

  • थाईलैंड: 4.92 करोड़ रुपये

  • श्रीलंका: 4.46 करोड़ रुपये

इन आंकड़ों से साफ है कि 2025 में फ्रांस की यात्रा सबसे महंगी रही, जिसके पीछे कई कारण हैं, जैसे द्विपक्षीय वार्ताएं, AI समिट में भागीदारी, और भारतीय डायस्पोरा के साथ बड़े आयोजन।

सबसे महंगा दौरा: अमेरिका (जून 2023)

2021 से 2025 तक की अवधि में पीएम मोदी की सबसे महंगी विदेश यात्रा जून 2023 में अमेरिका की थी, जिस पर 22.89 करोड़ रुपये का खर्च आया। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने वाशिंगटन डीसी में कई उच्च-स्तरीय बैठकों में हिस्सा लिया, जिसमें क्वाड समिट, संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण, और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता शामिल थी। इस दौरे की लागत में निम्नलिखित खर्च शामिल थे:

  • आवास: 10.45 करोड़ रुपये

  • परिवहन: 6.32 करोड़ रुपये

  • सुरक्षा: 4.12 करोड़ रुपये

  • विविध (समुदाय रिसेप्शन और प्रचार): 2 करोड़ रुपये

इसके अलावा, सितंबर 2024 में अमेरिका की एक अन्य यात्रा पर 15.33 करोड़ रुपये खर्च हुए। कुल मिलाकर, 2021 से 2025 तक अमेरिका की चार यात्राओं पर 74.44 करोड़ रुपये खर्च हुए, जो इसे सबसे महंगा गंतव्य बनाता है।

फ्रांस और जापान की यात्राएं भी रहीं महंगी

अमेरिका के बाद फ्रांस और जापान की यात्राएं भी खर्च के मामले में उल्लेखनीय रहीं। फ्रांस की तीन यात्राओं (2021-2025) पर कुल 41.29 करोड़ रुपये खर्च हुए, जिनमें 2025 की यात्रा (25.59 करोड़ रुपये) सबसे महंगी थी। इस दौरे में पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और AI समिट में हिस्सा लिया। यह यात्रा भारत की 75वीं गणतंत्र दिवस पर मैक्रों की भारत यात्रा के जवाब में थी।

जापान की तीन यात्राओं (2021-2025) पर 32.96 करोड़ रुपये खर्च हुए, जिनमें मई 2023 की यात्रा (17.19 करोड़ रुपये) सबसे महंगी थी। इस दौरे में पीएम मोदी ने जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ मुलाकात की और G7 समिट में भाग लिया। जापान के साथ भारत का रणनीतिक और आर्थिक सहयोग, विशेष रूप से बुलेट ट्रेन परियोजना और रक्षा प्रौद्योगिकी, इन यात्राओं का मुख्य उद्देश्य रहा।

खर्च में क्या-क्या शामिल होता है?

पीएम की विदेश यात्राओं का खर्च कई मदों में बंटा होता है, जिनमें शामिल हैं:

  • आवास: पीएम और उनके प्रतिनिधिमंडल के लिए होटल और अन्य व्यवस्थाएं।

  • परिवहन: चार्टर्ड विमान (एयर इंडिया वन), स्थानीय परिवहन, और हॉटलाइन सुविधाएं।

  • सुरक्षा: विदेश में पीएम की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्थाएं।

  • विविध खर्च: समुदाय रिसेप्शन, प्रचार, और प्रसारण (जैसे, मिस्र 2023 में प्रचार पर 11.90 लाख रुपये खर्च)।

  • वेन्यू चार्ज: अंतरराष्ट्रीय समिट्स और बैठकों के लिए स्थान किराए पर लेना।

उदाहरण के लिए, 2023 में मिस्र की यात्रा पर प्रचार और प्रसारण पर 11.90 लाख रुपये खर्च हुए, जो भारतीय डायस्पोरा के साथ आयोजनों और मीडिया कवरेज के लिए थे।

विदेश यात्राओं का महत्व और उपलब्धियां

पीएम मोदी की विदेश यात्राएं भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण रही हैं। 2014 से जुलाई 2025 तक, उन्होंने 91 विदेश यात्राएं कीं, जिनमें 78 देश शामिल थे। इन यात्राओं के कुछ प्रमुख परिणाम इस प्रकार हैं:

  • विदेशी निवेश: 2014 से 2018 तक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में 50% की वृद्धि, जो 136,077.75 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा।

  • रणनीतिक साझेदारियां: फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान सौदा (2016), जापान के साथ बुलेट ट्रेन परियोजना, और अमेरिका के साथ क्वाड जैसे गठबंधन।

  • कूटनीतिक सफलताएं: 2018 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वुहान में अनौपचारिक शिखर सम्मेलन, जिसने हिमालयी क्षेत्र में तनाव को कम किया।

  • भारतीय डायस्पोरा से जुड़ाव: अमेरिका में ह्यूस्टन रैली (2019) और फ्रांस में भारतीय समुदाय के साथ आयोजन।

इन यात्राओं ने भारत को G20, BRICS, और ASEAN जैसे मंचों पर मजबूत उपस्थिति दी है। हालांकि, कुछ यात्राएं, जैसे 2015 में पाकिस्तान का दौरा, ठोस परिणाम नहीं दे पाईं।

विपक्ष का आलोचना और सरकार का जवाब

विपक्ष ने पीएम मोदी की विदेश यात्राओं के खर्च को लेकर कई बार सवाल उठाए हैं। खासकर, 2023 में मणिपुर हिंसा के दौरान उनकी विदेश यात्राओं को लेकर आलोचना हुई। विपक्ष का तर्क है कि इतने बड़े खर्च के बजाय घरेलू मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। जवाब में, सरकार का कहना है कि ये यात्राएं भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने और आर्थिक विकास के लिए जरूरी हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, इन यात्राओं से विदेशी निवेश और रणनीतिक साझेदारियां बढ़ी हैं, जो भारत की अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी हैं।

तुलनात्मक विश्लेषण: पहले के पीएम के साथ तुलना

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की विदेश यात्राओं की तुलना में पीएम मोदी की यात्राएं अधिक महंगी रही हैं। 2009-2014 के दौरान मनमोहन सिंह की 50 यात्राओं पर 1350 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि मोदी की 91 यात्राओं (2014-2025) पर 2021 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए। उदाहरण के लिए:

  • मनमोहन सिंह (2011, अमेरिका): 10.74 करोड़ रुपये

  • मनमोहन सिंह (2013, रूस): 9.95 करोड़ रुपये

  • मोदी (2015, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा): 31.25 करोड़ रुपये

हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि खर्च में मुद्रास्फीति, मुद्रा विनिमय दर, और यात्राओं की संख्या जैसे कारक भी शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राएं भारत की वैश्विक छवि को मजबूतकरने और आर्थिकरणनीतिक साझेदारियां बनाने में महत्वपूर्ण रही हैं। 2021 से 2025 तक इन यात्राओं पर 362 करोड़ रुपयेखर्च हुए, जिसमें जून 2023 का अमेरिका दौरा (22.89 करोड़ रुपये) सबसे महंगा रहा। फ्रांस और जापान भी महंगे गंतव्यों में शामिल हैं, जो भारत के साथ इन देशों के गहरे रणनीतिकऔर आर्थिक संबंधों को दर्शाते हैं। हालांकि, विपक्ष की आलोचना के बावजूद, सरकार इन यात्राओं को भारत के वैश्विक हितों के लिए जरूरीमानती है। आने वाले समय में, जैसे-जैसे बिल्स का निपटारा होगा, 2025 के बाकी दौरे भी इस खर्च को और बढ़ा सकते हैं। Modi foreign trip cost


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