Adaso Kapesa SPG की पहली महिला अधिकारी बनी, संभाली PM की सुरक्षा
Adaso Kapesa PM Protection | अदासो कपेसा, मणिपुर के सेनापति जिले के छोटे से गांव कैबी की रहने वाली एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने अपने साहस, समर्पण और कठिन परिश्रम से न केवल देश की सबसे प्रतिष्ठित सुरक्षा एजेंसी, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) में अपनी जगह बनाई, बल्कि इतिहास के पन्नों में भी अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज कर लिया। वह SPG की पहली महिला अधिकारी हैं, जो प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात होकर एक मिसाल कायम कर रही हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूनाइटेड किंगडम यात्रा के दौरान उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। यह तस्वीर पीएम मोदी की नहीं, बल्कि उनके पीछे खड़ी एक महिला सुरक्षा अधिकारी की थी, जो थीं अदासो कपेसा। Adaso Kapesa PM Protection
मणिपुर से SPG तक का प्रेरणादायक सफर
अदासो कपेसा का जन्म और पालन-पोषण मणिपुर के सेनापति जिले के कैबी गांव में हुआ। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है, लेकिन संसाधनों और अवसरों की कमी ने यहाँ के लोगों के लिए चुनौतियाँ हमेशा खड़ी की हैं। इन सबके बावजूद, अदासो ने अपनी मेहनत और दृढ़ निश्चय से असंभव को संभव कर दिखाया। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा के बाद सशस्त्र सीमा बल (SSB) में अपनी सेवाएँ दीं और 55वीं बटालियन में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में तैनात रहीं। यहाँ उन्होंने कठिन परिस्थितियों में अपनी क्षमता और साहस का परिचय दिया।
उनकी प्रतिभा और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें SPG में प्रतिनियुक्ति का मौका दिलाया, जो भारत में किसी भी सुरक्षा अधिकारी के लिए सर्वोच्च सम्मान की बात है। SPG में उनकी नियुक्ति न केवल उनके व्यक्तिगत परिश्रम का परिणाम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत की महिलाएँ अब हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।
SPG: एक गोपनीय और चुनौतीपूर्ण दुनिया
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) भारत की सबसे गोपनीय और उच्च प्रशिक्षित सुरक्षा एजेंसी है, जिसका गठन 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सुरक्षा के लिए किया गया था। यह एजेंसी प्रधानमंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है। SPG में शामिल होने के लिए कठिन शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है, जिसमें हथियारों का उपयोग, निहत्थे युद्ध, बम निरोधक तकनीक और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता शामिल है।
SPG की गोपनीयता इस कदर है कि इसके कर्मचारियों की जानकारी आमतौर पर सार्वजनिक नहीं की जाती। ऐसे में अदासो कपेसा की उपलब्धि और भी खास हो जाती है। उनकी नियुक्ति ने यह साबित किया है कि अब महिलाएँ भी उन क्षेत्रों में अपनी पहचान बना सकती हैं, जो पहले पुरुष-प्रधान माने जाते थे। पूर्व SPG अधिकारी सुदीप लखटकिया ने उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा, “अदासो जैसी महिलाएँ न केवल सुरक्षा सेवाओं को समावेशी बना रही हैं, बल्कि अपनी बुद्धिमत्ता और साहस से इसे और भी प्रभावी बना रही हैं।”
वैश्विक स्तर पर महिलाओं का योगदान
अदासो कपेसा की उपलब्धि केवल भारत तक सीमित नहीं है; वह उन महिलाओं की वैश्विक कतार में शामिल हो गई हैं, जिन्होंने सुरक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उदाहरण के लिए, किम्बर्ली चीटल, जो अमेरिका की सीक्रेट सर्विस की पूर्व डायरेक्टर रहीं, ने ट्रेनी से लेकर डायरेक्टर तक का सफर तय किया। हालाँकि, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए एक हमले के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया, लेकिन उनकी नेतृत्व क्षमता ने विश्व स्तर पर महिला सुरक्षा अधिकारियों के लिए एक मिसाल कायम की।
भारत में बदलाव की लहर
भारत में भी सुरक्षा सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। तमिलनाडु में मार्च 2022 से मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की सुरक्षा में महिला पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है। ये महिला अधिकारी निहत्थे युद्ध, हथियारों के उपयोग और बम पहचान जैसे कठिन प्रशिक्षण से लैस हैं। तमिलनाडु का यह मॉडल अब अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन रहा है। कई राज्य अब अपनी सुरक्षा व्यवस्थाओं में महिलाओं को शामिल करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं।
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भारत की पहली महिला बॉडीगार्ड: वीना गुप्ता
अदासो से पहले, वीना गुप्ता ने भारत में महिला बॉडीगार्ड के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई। वह भारत की पहली महिला बॉडीगार्ड हैं, जिन्होंने सीम ग्रुप सर्विसेज नामक कंपनी की स्थापना की। उनकी कंपनी Adobe, Barclays और Bell Helicopter जैसी वैश्विक कंपनियों को सुरक्षा सेवाएँ प्रदान करती है। वीना का व्यक्तित्व उनकी सबसे बड़ी ताकत है; वह न तो भारी-भरकम दिखती हैं और न ही डरावनी, फिर भी उनकी कुशलता और साहस ने उन्हें इस क्षेत्र में शीर्ष पर पहुँचाया। उन्होंने हंगरी के राजकुमार की सुरक्षा से लेकर लिज़ हर्ली की शादी जैसे हाई-प्रोफाइल आयोजनों में अपनी सेवाएँ दी हैं।
अदासो कपेसा: एक नए युग की शुरुआत
अदासो कपेसा आज न केवलमणिपुर की बेटी हैं, बल्कि पूरे भारत के लिए एक प्रेरणा हैं। वह यह साबित कर रही हैं कि सुरक्षा सेवाएँ अब सिर्फ़ पुरुषों तक सीमित नहीं हैं। उनके कौशल, साहस और जुनून ने न केवल SPG जैसे प्रतिष्ठित संगठन में उनकी जगह बनाई, बल्कि यह भी दिखाया कि महिलाएँ अब हर चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। वह सिर्फ़ प्रधानमंत्री की सुरक्षा में खड़ी नहीं हैं, बल्कि एक नए युग की अगुवाई कर रही हैं, जहाँ लैंगिक भेदभाव की कोई जगह नहीं है। Adaso Kapesa PM Protection
अदासो की कहानी हर उस महिला के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को सच करने की हिम्मत रखती है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके गाँव कैबी या मणिपुर के लिए, बल्किपूरे देश के लिए गर्व का विषय है। वह दिखा रही हैं कि सही दिशा में मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्यअसंभव नहीं है। Adaso Kapesa PM Protection
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।