डार्क वेब और लव जिहाद… आगरा में पकड़ा गया कनाडा फंडेड धर्मांतरण सिंडिकेट

डार्क वेब और लव जिहाद… आगरा में पकड़ा गया कनाडा फंडेड धर्मांतरण सिंडिकेट

Agra Conversion Syndicate Busted | आगरा, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश पुलिस ने 19 जुलाई 2025 को एक सनसनीखेज खुलासे के साथ देशभर में हड़कंप मचा दिया, जब आगरा में एक संगठित धर्मांतरण सिंडिकेट का पर्दाफाश किया गया। इस नेटवर्क ने ‘लव जिहाद’, प्रलोभन, और धार्मिक उन्माद फैलाने की रणनीतियों का इस्तेमाल कर सैकड़ों लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया। उत्तर प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्णा ने बताया कि इस सिंडिकेट के तार कनाडा, अमेरिका, लंदन, और दुबई से प्राप्त होने वाली ‘जिहादी फंडिंग’ से जुड़े हैं, और इसका मॉडस ऑपरेंडी ISIS जैसे आतंकी संगठनों की रणनीतियों से मिलता-जुलता है। इस ऑपरेशन में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और अन्य प्रतिबंधित संगठनों के लिंक भी सामने आए हैं। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत ‘मिशन अस्मिता’ का हिस्सा है, जिसने सोशल मीडिया पर #AgraConversionSyndicate और #LoveJihad जैसे कीवर्ड्स के साथ तहलका मचा दिया है। Agra Conversion Syndicate Busted

उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने 19 जुलाई 2025 को आगरा में एक संगठित धर्मांतरण सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया। इस ऑपरेशन में छह राज्यों—उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गोवा, दिल्ली, राजस्थान, और उत्तराखंड—से 10 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। इनमें प्रमुख नाम मोहम्मद उमर गौतम, मुफ्ती जहांगीर आलम कासमी, और छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन हैं। यह नेटवर्क ‘लव जिहाद’, आर्थिक प्रलोभन, और धार्मिक उन्माद फैलाने की रणनीतियों का इस्तेमाल कर हिंदू लड़कियों और अन्य कमजोर समुदायों को निशाना बनाता था। Agra Conversion Syndicate Busted

आगरा पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि यह मामला मार्च 2025 में दो बहनों, अमीना (33) और जोया (18), की गुमशुदगी की शिकायत के बाद सामने आया। जांच के दौरान पता चला कि यह नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है और इसका मॉडस ऑपरेंडी ISIS जैसे आतंकी संगठनों से प्रेरित है। एक गिरफ्तार अभियुक्त, आयशा (उर्फ एस.बी. कृष्णा), की सोशल मीडिया प्रोफाइल पर AK-47 राइफल के साथ तस्वीर मिली, जो इस नेटवर्क की कट्टरपंथी मानसिकता को दर्शाती है। Agra Conversion Syndicate Busted

कनाडा से फंडिंग और PFI का कनेक्शन

डीजीपी RK ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि इस सिंडिकेट को कनाडा, अमेरिका, लंदन, और दुबई से भारी मात्रा में फंडिंग प्राप्त हो रही थी। ये फंड डार्क वेब और क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन और मोनेरो के जरिए ट्रांसफर किए गए, जिससे ट्रैकिंग मुश्किल हो। जांच में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के साथ-साथ पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से भी संबंध सामने आए हैं। डीजीपी ने कहा, “यह केवल धर्मांतरण का मामला नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। यह नेटवर्क सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने की साजिश रच रहा था।”

इस नेटवर्क के सदस्य अलग-अलग मॉड्यूल में काम करते थे, जिनमें फंडिंग जुटाने, लोगों को प्रलोभन देने, और धर्मांतरण के बाद शादी कराने जैसे कार्य शामिल थे। गिरफ्तार अभियुक्तों में आयशा (गोवा), अली हसन उर्फ शेखर रॉय और ओसामा (कोलकाता), रहमान कुरैशी (आगरा), अब्बू तालिब (मुजफ्फरनगर), अब्दुर रहमान (देहरादून), मुस्तफा उर्फ मनोज (दिल्ली), और जयपुर से मोहम्मद अली और जुनैद कुरैशी शामिल हैं। प्रत्येक सदस्य को विशिष्ट जिम्मेदारियां सौंपी गई थीं, जैसे आश्रय प्रदान करना, कानूनी सलाह देना, और कट्टरपंथी सामग्री का प्रचार करना।

‘लव जिहाद’ और ISIS जैसी रणनीतियां

जांच में सामने आया कि यह सिंडिकेट खास तौर पर युवा हिंदू लड़कियों को निशाना बनाता था। ‘लव जिहाद’ के जरिए, वे लड़कियों को प्रलोभन, भावनात्मक ब्लैकमेल, और आर्थिक मदद का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करते थे। इसके बाद, इनका विवाह सिंडिकेट के सदस्यों या सहयोगियों से कराया जाता था। डीजीपी राजीव कृष्णा ने बताया, “इस नेटवर्क का मॉडस ऑपरेंडी ISIS की भर्ती रणनीतियों से मिलता-जुलता है, जिसमें लोगों को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर आकर्षित करने के लिए प्रलोभन और डर का इस्तेमाल किया जाता है।”

आगरा पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने खुलासा किया कि इस नेटवर्क ने सैकड़ों लोगों का धर्मांतरण कराया, जिसमें अधिकांश मामले हिंदू लड़कियों से संबंधित थे। एक मामले में, गोवा की आयशा ने अपनी पहचान छुपाकर हिंदू लड़कियों को निशाना बनाया और उन्हें कट्टरपंथी सामग्री के जरिए प्रभावित किया। इस नेटवर्क ने डार्क वेब का उपयोग कर अपनी गतिविधियों को गुप्त रखा और फंडिंग के लिए क्रिप्टोकरेंसी का सहारा लिया।

मिशन अस्मिता: योगी सरकार की सख्ती

इस कार्रवाई को ‘मिशन अस्मिता’ के तहत अंजाम दिया गया, जो उत्तर प्रदेश सरकार की अपराध और कट्टरपंथ के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का हिस्सा है। डीजीपी राजीव कृष्णा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस नीति की सराहना करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में, हमने संगठित अपराध और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों के खिलाफ निर्णायक कदम उठाए हैं।”

इस ऑपरेशन में उत्तर प्रदेश ATS और STF ने अन्य राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय किया। गैर-जमानती वारंट जारी किए गए, और 11 स्थानों पर छापेमारी कर अभियुक्तों को पकड़ा गया। डीजीपी ने कहा कि यह नेटवर्क एक ‘फूड चेन’ की तरह काम करता था, जिसमें ऊपरी स्तर के मास्टरमाइंड्स की पहचान के लिए पूछताछ जारी है।

छांगुर बाबा और अन्य गिरफ्तारियां

हाल ही में बलरामपुर से पकड़े गए छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन ने भी इसी तरह के धर्मांतरण रैकेट का खुलासा किया था। हालांकि, अभी तक छांगुर और आगरा के इस नेटवर्क के बीच कोई सीधा संबंध सामने नहीं आया है, लेकिन जांच में समान पैटर्न और विदेशी फंडिंग के सबूत मिले हैं। छांगुर ने कथित तौर पर ब्राह्मण, क्षत्रिय, और सिख लड़कियों के धर्मांतरण के लिए 16 लाख रुपये और पिछड़ी जाति की लड़कियों के लिए 10 लाख रुपये का भुगतान किया था। इस नेटवर्क को भी 100 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग प्राप्त हुई थी।

आगरा के इस नेटवर्क के मास्टरमाइंड्स में मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर आलम कासमी शामिल हैं, जिन्हें पहले भी धर्मांतरण के मामलों में गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके अलावा, इस नेटवर्क में मदरसा शिक्षक, मस्जिदों के मौलवी, और प्रॉपर्टी डीलर जैसे लोग शामिल थे, जो अपनी पहचान छुपाकर लंबे समय तक इस गैरकानूनी गतिविधि को अंजाम दे रहे थे।

सोशल मीडिया पर तहलका

इस खुलासे ने सोशल मीडिया, खासकर X पर, तीव्र प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। एक यूजर ने लिखा, “आगरा में पकड़ा गया यह जिहादी नेटवर्क साबित करता है कि योगी सरकार की सख्ती के बिना यह रैकेट और फैलता।” एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, “AK-47 के साथ फोटो और लव जिहाद का खेल—यह ISIS का असली चेहरा है।” कई यूजर्स ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया, जबकि कुछ ने इसे धार्मिक आधार पर भेदभाव का मुद्दा उठाया।

X पर ट्रेंड कर रहे #LoveJihad और #AgraConversionSyndicate जैसे हैशटैग्स ने इस मामले को और वायरल कर दिया है। एक पोस्ट में लिखा गया, “योगी सरकार ने जिहादी नेटवर्क की कमर तोड़ दी। कनाडा से फंडिंग और PFI का लिंक—यह देश के खिलाफ साजिश है।”

पहलगाम हमले और लड्डू विवाद का प्रभाव

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, ने देश में धार्मिक और राष्ट्रीय भावनाओं को और संवेदनशील बना दिया। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली थी। इसके अलावा, तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में कथित मिलावट के विवाद ने भी धार्मिक संवेदनशीलता को बढ़ाया। इन घटनाओं ने उत्तर प्रदेश सरकार को कट्टरपंथ और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर और सख्ती बरतने के लिए प्रेरित किया।

कानूनी कार्रवाई और भविष्य की योजना

इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं और उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आगरा पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने कहा, “हमने 11 स्थानों पर छापेमारी की और इस नेटवर्क को ध्वस्त करने में सफलता हासिल की। आगे की जांच में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।”

उत्तर प्रदेश पुलिस अब डार्क वेब और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए होने वाली फंडिंग की जांच के लिए केंद्रीय एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग कर रही है। डीजीपी राजीव कृष्णा ने कहा, “हम इस नेटवर्क के ऊपरी स्तर के मास्टरमाइंड्स तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

आगरा में पकड़ा गया यह धर्मांतरणसिंडिकेट न केवल ‘लव जिहाद’ और कट्टरपंथ का एक खतरनाकउदाहरण है, बल्कि यह राष्ट्रीयसुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरे को भी उजागर करता है। कनाडा, अमेरिका, और अन्य देशों से प्राप्त फंडिंग, PFI और ISIS जैसे संगठनों से संबंध, और डार्क वेब का उपयोग इस नेटवर्क की जटिलता को दर्शाता है। योगी आदित्यनाथ की ‘मिशन अस्मिता’ और ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति ने इस रैकेट को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह घटना समाज को यह चेतावनी देती है कि धार्मिकउन्माद और विदेशी फंडिंग के खिलाफ सतर्कता और सख्ती जरूरी है। Agra Conversion Syndicate Busted

नोट: यह लेख/समाचार स्रोतों, पुलिस बयानों, और सोशलमीडिया पर उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। अधिकजानकारी के लिए उत्तर प्रदेशपुलिस या आधिकारिक स्रोतों से संपर्क करें। Agra Conversion Syndicate Busted


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