चार साल तक धर्मांतरण गिरोह के चंगुल में रहीं आगरा की बहनें, घर में पूजा-पाठ से चिढ़ती थी ‘ऑपरेशन अस्मिता’ से हुई घर वापसी

चार साल तक धर्मांतरण गिरोह के चंगुल में रहीं आगरा की बहनें, घर में पूजा-पाठ से चिढ़ती थी ‘ऑपरेशन अस्मिता’ से हुई घर वापसी

Agra Girls Return to Hinduism | आगरा में एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद दो सगी बहनों की घर वापसी ने सुर्खियाँ बटोरी हैं। इन बहनों के माता-पिता ने खुलासा किया है कि उनकी बेटियाँ चार साल से इस गिरोह के चंगुल में फँसी थीं और उनका पूरी तरह से ब्रेनवॉश कर दिया गया था। दोनों बहनें न केवल अपने हिंदू धर्म और पूजा-पाठ से नफरत करती थीं, बल्कि अपने परिवार पर भी धर्म परिवर्तन का दबाव डाल रही थीं। उत्तर प्रदेश पुलिस के ‘ऑपरेशन अस्मिता’ और साइबर सेल की सतर्कता से इस गिरोह का भंडाफोड़ हुआ और दोनों बहनों को सुरक्षित वापस लाया गया। Agra Girls Return to Hinduism

परिवार का खुलासा: ब्रेनवॉश का शिकार थीं बेटियाँ

लड़कियों के पिता ने बताया कि उनकी बेटियाँ चार साल से इस संगठित गिरोह के प्रभाव में थीं। इस दौरान उनका व्यवहार पूरी तरह बदल गया था। वे न तो अपने धर्म के बारे में बात करना पसंद करती थीं और न ही घर में होने वाली पूजा-पाठ में हिस्सा लेती थीं। इसके विपरीत, वे परिवार के अन्य सदस्यों को भी धर्म परिवर्तन के लिए उकसाती थीं। पिता ने कहा, “हमारी बेटियों का ब्रेनवॉश इतना गहरा था कि वे हमारे धर्म और संस्कृति का विरोध करती थीं। यह हमारे लिए बहुत दुखद था।”

20 जुलाई 2025 को माता-पिता ने आगरा कैंप कार्यालय में पुलिस आयुक्त से मुलाकात की और अपनी बेटियों की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि गिरोह ने उनकी बेटियों को इस कदर अपने नियंत्रण में ले लिया था कि वे अपनी पहचान और परिवार से पूरी तरह कट चुकी थीं।

‘ऑपरेशन अस्मिता’: धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश

उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल ही में ‘ऑपरेशन अस्मिता’ नामक एक विशेष अभियान चलाया, जिसके तहत एक बड़े धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ किया गया। इस अभियान में छह राज्यों—उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, गोवा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल—में एक साथ कार्रवाई की गई। इस ऑपरेशन में 50 पुलिसकर्मियों की टीम ने चार दिनों तक गहन निगरानी और जाँच की, जिसके परिणामस्वरूप 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह लव जिहाद और अन्य तरीकों से लोगों का धर्म परिवर्तन कराता था और इसका कार्यप्रणाली आतंकी संगठन ISIS से प्रेरित थी।

कैसे शुरू हुई जाँच?

मार्च 2025 में आगरा के सदर बाजार थाने में दो सगी बहनों के लापता होने की शिकायत दर्ज की गई थी। दोनों बहनें अपना फोन साथ नहीं ले गई थीं और सोशल मीडिया पर अपने असली नामों से सक्रिय नहीं थीं। इस वजह से पुलिस को शुरू में उनकी तलाश में कठिनाई हुई। परिवार से मिली जानकारी के आधार पर साइबर सेल ने जाँच शुरू की। इस दौरान एक इंस्टाग्राम अकाउंट ‘कनेक्टिंग रिवर्ट आईडी’ पर पुलिस की नजर पड़ी। इस अकाउंट से जुड़े लोगों की जाँच में कई संदिग्ध गतिविधियाँ सामने आईं।

पुलिस ने एक महिला दारोगा को फर्जी नाम से इस गिरोह से संपर्क करने का जिम्मा सौंपा। दारोगा ने खुद को धर्मांतरण के लिए इच्छुक बताकर गिरोह से बातचीत शुरू की। इस दौरान कोलकाता से एक जवाब आया, जिसके आधार पर पुलिस ने वहाँ की लोकेशन का पता लगाया। इसके बाद छह राज्यों में एक साथ छापेमारी की योजना बनाई गई। प्रत्येक राज्य में चार से पाँच पुलिसकर्मियों की टीमें तैनात की गईं। कोलकाता में एसीपी के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने ऑपरेशन को अंजाम दिया। Agra Girls Return to Hinduism

छापेमारी और गिरफ्तारी

चार दिनों की गहन निगरानी के बाद 50 पुलिसकर्मियों ने एक साथ छह राज्यों में छापेमारी की। इस दौरान दोनों बहनों को कोलकाता से बरामद किया गया। साथ ही, गिरोह के कई अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ था और यह संगठित तरीके से लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करता था।

मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी

इस मामले में एक और बड़ी सफलता तब मिली जब उत्तर प्रदेश ATS और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके से गिरोह के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया। अब्दुल रहमान को इस धर्मांतरण रैकेट का मुख्य सूत्रधार माना जा रहा है। उसके घर की तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में किताबें और सामग्री बरामद की गईं, जिनका इस्तेमाल लोगों का ब्रेनवॉश करने और हिंदुओं को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने के लिए किया जाता था।

परिवार ने जताया आभार

घर वापसी करने वाली बहनों के माता-पिता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आगरा पुलिस को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “हमारी बेटियों को इस खतरनाक गिरोह से बचाने के लिए पुलिस ने दिन-रात मेहनत की। हम CM योगी और उनकी टीम के आभारी हैं।” परिवार ने यह भी बताया कि उनकी बेटियाँ अब धीरे-धीरे सामान्य जीवन की ओर लौट रही हैं और उन्हें मनोवैज्ञानिक सहायता भी दी जा रही है। Agra Girls Return to Hinduism

धर्मांतरण रैकेट का कार्यप्रणाली

पुलिस की जाँच में पता चला कि यह गिरोह सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके युवाओं को अपने जाल में फँसाता था। इंस्टाग्राम, फेसबुक और अन्य  प्लेटफॉर्म पर फर्जी आईडी बनाकर ये लोग पहले विश्वास जीतते थे, फिर धीरे-धीरे ब्रेनवॉशिंग की प्रक्रिया शुरू करते थे। गिरोह का नेटवर्क इतनासुनियोजित था कि यह न केवलव्यक्तियों को निशाना बनाता था, बल्कि उनके परिवारों को भी प्रभावित करने की कोशिश करता था।

आगे की कार्रवाई

पुलिस और ATS अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है। साथ ही, यह भी जाँच की जा रही है कि इस रैकेट का कोई अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन तो नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के संगठित अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ रोकी जा सकें। Agra Girls Return to Hinduism

‘ऑपरेशन अस्मिता’ न केवल दो बहनों की घरवापसी की कहानी है, बल्कि यह एक बड़े सामाजिकखतरे के खिलाफपुलिस की सतर्कता और  समर्पण का प्रतीक भी है। इस अभियान ने न केवलआगरा की इन बहनों को उनके परिवार से मिलाया, बल्कि एक संगठित अपराधी नेटवर्क को भी उजागर किया। मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ ने इस ऑपरेशन की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सरकारधर्मांतरण जैसे अपराधों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। Agra Girls Return to Hinduism


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