गाँव से शहर तक, आनंद उत्सव के रंग में रंगेगा प्रदेश
Anand Utsav 2025 | 14 से 28 जनवरी तक पूरे राज्य में ‘आनंद उत्सव-2025’ का भव्य आयोजन किया जाएगा। यह उत्सव परंपरा, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक सहभागिता और उल्लास का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करेगा। आनंद विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों की परंपरा को मनाने और नागरिकों की सहभागिता बढ़ाने के लिए आनंद उत्सव के तहत विविध गतिविधियों की रूपरेखा तैयार की गई है। ग्रामीण खेल जैसे कबड्डी, खो-खो, बोरा रेस, रस्साकसी, चम्मच दौड़, लोक संगीत, नृत्य, नाटक और भजन जैसे कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों की भागीदारी के लिए विशेष पुरस्कार भी देने की योजना बनाई गई है। कार्यक्रम के आयोजन स्थल को “आनंद उत्सव स्थल” के नाम से जाना जाएगा।
चरणों में होगा आयोजन
आनंद उत्सव का आयोजन तीन चरणों में किया जाएगा।
- पहला चरण (14 से 24 जनवरी) इस चरण में ग्रामीण और नगरीय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
- दूसरा चरण (14 से 24 जनवरी) इस चरण में विकासखंड स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम होंगे।
- तृतीय चरण (24 से 28 जनवरी) इस चरण में जिला स्तर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
कार्यक्रम की योजना और पर्यवेक्षण
आयोजन की रूपरेखा और कार्यक्रमों का पर्यवेक्षण जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। विकासखंड स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में विकासखंडस्तरीय समिति कार्य करेगी और प्रत्येक आनंद उत्सव स्थल पर स्थानीय कार्यक्रम आयोजन समिति कार्यक्रमों का संचालन करेगी।
सभी स्थलों का पंजीयन और विवरण https://www.anandsansthanmp.in/ पर अपलोड किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार देने की भी योजना बनाई गई है।
आनंद उत्सव की विशेषताएं
ग्रामीण स्तर पर आनंद उत्सव के आयोजन की बात करें तो राज्य की 23,011 ग्राम पंचायतों में 10,000 क्लस्टरों पर उत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन का उद्देश्य हर वर्ग, उम्र और समुदाय के लोगों को एक साथ जोड़ते हुए परंपरागत खेल और संस्कृति का उत्सव मनाना है।
यह केवल मनोरंजन का मंच नहीं है, बल्कि सामुदायिक जीवन में खुशी और जुड़ाव का माध्यम बनेगा। यह आयोजन उल्लास, समरसता और सहभागिता का जीवंत प्रमाण बनेगा।
विविध कार्यक्रम और उनकी अहमियत
कार्यक्रम में स्थानीय स्तर पर परंपरागत खेलों के अलावा सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे लोक संगीत, नृत्य, नाटक, भजन, और शिल्पकला को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इन गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा।
महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए विशेष गतिविधियां आयोजित की जाएंगी ताकि उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके। कार्यक्रम के दौरान सामुदायिक भोज, प्रदर्शनी और कार्यशालाओं का भी आयोजन होगा।
सामुदायिक जुड़ाव और सामाजिक प्रभाव
आनंद उत्सव का मुख्य उद्देश्य समाज के हर वर्ग को एक साथ जोड़ना है। यह आयोजन समाज में समरसता और सहयोग को प्रोत्साहित करेगा। साथ ही, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में परंपरागत खेल और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का एक माध्यम बनेगा।
पुरस्कार और सम्मान
उत्सव के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को जिला और राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। इसके तहत खेल, संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया जाएगा। इन पुरस्कारों का उद्देश्य प्रतिभागियों के उत्साह को बढ़ाना और भविष्य में उनकी प्रेरणा को बनाए रखना है।
‘आनंद उत्सव-2025’ एक ऐसा आयोजन है जो न केवल मनोरंजन और खेल-कूद का माध्यम बनेगा, बल्कि समाज में सामुदायिक जुड़ाव, समरसता और परंपरागत संस्कृति के संरक्षण का एक महत्वपूर्ण मंच होगा। यह प्रदेश को उल्लास और सामूहिक उत्साह से भरने का एक अभूतपूर्व प्रयास है। इस आयोजन से प्रदेशवासियों में एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार होगा, जो राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को और भी मजबूत करेगा।
👉 यह खबर भी पढ़ें
👉 मुख्यमंत्री पद पर एक वर्ष पूर्ण करने पर बोले सीएम: विकास, समृद्धि और विरासत सहेजने का संकल्प