अब हर नई बाइक-स्कूटर में अनिवार्य होगा Anti-Lock Braking System (ABS)
देशभर के बाइक और स्कूटर चालकों के लिए एक बड़ा बदलाव आने वाला है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने घोषणा की है कि 1 जनवरी 2025 से भारत में बनने वाले सभी नई बाइकों और स्कूटरों में Anti-Lock Braking System (ABS) लगाना अनिवार्य होगा। यह नियम इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स (Electric Two-Wheelers) पर भी लागू होगा। सरकार का मानना है कि इस कदम से सड़क हादसों में बड़ी कमी आएगी और लोगों की जानें बच सकेंगी।
क्या है Anti-Lock Braking System (ABS)?
Anti-Lock Braking System (ABS) एक सुरक्षा तकनीक है जो वाहन के टायरों को अचानक ब्रेक लगने पर लॉक होने से रोकती है। आमतौर पर जब कोई राइडर अचानक ब्रेक लगाता है, तो वाहन के टायर लॉक हो जाते हैं, जिससे गाड़ी स्लिप कर जाती है और दुर्घटना हो जाती है। ABS इस स्थिति में ब्रेकिंग को नियंत्रित करता है, जिससे व्हील लॉक नहीं होता और वाहन अपनी दिशा में स्थिर रहता है।
ABS कैसे काम करता है?
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तेज रफ्तार में अचानक ब्रेक लगाने पर व्हील लॉक हो सकता है
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ABS सेंसर लगातार व्हील की गति को मॉनिटर करते हैं
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जैसे ही व्हील लॉक होने लगता है, सिस्टम ब्रेक को बार-बार ऑन-ऑफ करता है
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इससे व्हील की ग्रिप बनी रहती है और दुर्घटना से बचा जा सकता है
Studies के मुताबिक, ABS के कारण दुर्घटनाओं की संभावना में 35% से 45% तक की गिरावट देखी गई है, खासतौर पर बारिश या फिसलन वाली सड़कों पर यह प्रणाली जान बचाने में अहम भूमिका निभाती है।
📢 किन गाड़ियों पर लागू होगा यह नियम?
अब तक 125cc से ऊपर की बाइकों में ABS अनिवार्य था। लेकिन नए नियम के तहत:
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100cc से लेकर 125cc तक की बाइकों और स्कूटर्स में भी ABS जरूरी होगा
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Electric Vehicles (EVs) जिनकी टॉप स्पीड 50km/h से ज्यादा है, उन पर भी नियम लागू होगा
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50cc इंजन या 50km/h से कम टॉप स्पीड वाले EVs को छूट दी गई है
इस तरह हर एंट्री लेवल टू-व्हीलर निर्माता को अपनी गाड़ियों में Advanced Braking Technology शामिल करनी होगी।
🛡️ सड़क सुरक्षा क्यों है सरकार की प्राथमिकता?
भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 1.5 लाख से अधिक मौतें होती हैं। इनमें से लगभग 45% हादसे दोपहिया वाहनों से जुड़े होते हैं। ABS को अनिवार्य करने से न सिर्फ मौतों में कमी आएगी, बल्कि सड़कों पर सुरक्षा का स्तर भी बढ़ेगा।
✅ कम लागत वाली बाइकों के लिए बड़ा बदलाव
वर्तमान में, 100cc से 125cc तक की बाइकों में Combi Braking System (CBS) इस्तेमाल होता है। यह सिस्टम दोनों ब्रेक को एक साथ ऑपरेट करता है, लेकिन यह ABS जितना प्रभावी नहीं होता।
अब इन बाइकों में भी Disk Brake और ABS Sensor लगाने होंगे, जिससे उत्पादन लागत बढ़ेगी और बाइक के दाम भी बढ़ सकते हैं।
कितना महंगा होगा टू-व्हीलर?
Auto Industry Experts के अनुसार, ABS लागू होने से छोटी बाइकों की कीमतों में ₹3,000 से ₹10,000 तक का इजाफा हो सकता है।
Nikhil Dhaka, Vice President, Primus Partners, के मुताबिक:
“नए नियम के चलते बाइक कंपनियों को अपने प्रोडक्ट की डिजाइन, ब्रेकिंग सिस्टम और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में बड़े बदलाव करने होंगे। इससे कीमत बढ़ेगी और डिमांड पर असर पड़ेगा।”
Nomura India की रिपोर्ट के अनुसार, कीमतों में बढ़ोतरी के कारण एंट्री-लेवल टू-व्हीलर्स की डिमांड 2% से 4% तक गिर सकती है।
कंपनियों के सामने कौन-कौन सी चुनौतियां?
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ड्रम ब्रेक सिस्टम की जगह डिस्क ब्रेक लगाना होगा
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ABS यूनिट और सेंसर की असेंबली करनी होगी
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उत्पादन इकाइयों (Assembly Lines) को टूलिंग में अपग्रेड करना होगा
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Testing और Certification की नई प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा
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गाड़ी के डिज़ाइन में बदलाव कर इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU) को भी फिट करना होगा
हर टू-व्हीलर के साथ दो हेलमेट भी अनिवार्य
सरकार ने यह भी तय किया है कि हर नए दोपहिया वाहन की बिक्री पर डीलर को दो BIS-Certified Helmets देने होंगे – एक राइडर और एक पिलियन (पीछे बैठने वाले) के लिए। इससे हेलमेट के बिना सवारी की समस्या से भी निपटा जा सकेगा।
क्या EV सेक्टर को होगा फायदा या नुकसान?
Electric Two-Wheelers को लेकर एक बड़ी राहत दी गई है। जिनका इंजन 50cc से कम और टॉप स्पीड 50km/h से कम है, उन्हें ABS से छूट मिली है। इसका सीधा फायदा कम रेंज और कम कीमत वाले ई-स्कूटर ब्रांड्स को होगा, जो लो बजट सेगमेंट में एक्टिव हैं।
लेकिन High-Speed Electric Bikes और Performance Scooters को अब ABS लगाना अनिवार्य होगा, जिससे उनकी लागत बढ़ेगी।
सारांश: नया नियम और उसका प्रभाव
बिंदु | विवरण |
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लागू तिथि | 1 जनवरी 2025 |
किस पर लागू | सभी Internal Combustion और Electric Two-Wheelers (L2 Category) |
छूट | 50cc इंजन और 50km/h से कम टॉप स्पीड वाले EVs |
अनुमानित मूल्य वृद्धि | ₹3,000 से ₹10,000 तक |
डिमांड में अनुमानित गिरावट | 2% से 4% |
अन्य अनिवार्यता | दो BIS-Certified हेलमेट देना जरूरी |
लक्ष्य | दुर्घटनाओं में कमी और सड़क सुरक्षा में बढ़ोतरी |
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।